राज्यपाल से वैद्य शिखा ने भेंट की।
ग्रामीण स्वरोजगार, महिला स्वास्थ्य एवं कल्याण के विषय पर चर्चा।
राज्यपाल ने माॅडल विलेज स्थापित करने का सुझाव दिया।
राजभवन देहरादून, राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य से मंगलवार को राजभवन में वैद्य शिखा ने भेंट की। वैद्य शिखा और उनके सहयोगी राॅबिन वैली कल्चर संस्था के माध्यम से उत्तराखण्ड की स्थानीय उपज और उत्पादों के विपणन के कार्य से जुडे़ हैं। वैद्य शिखा ने राज्यपाल को बताया कि वे चकराता के 4 तथा टिहरी के एक गाँव में ग्रामीणों से सीधे स्थानीय उपज खरीद कर उत्पाद तैयार कर रहे हैं। अभी गाँवों से मंडुआ, घी, शहद, हल्दी, दालें, लाल चावल आदि क्रय किया जा रहा है। उन्होंने राज्यपाल को बताया कि ग्रामीण महिलाओं को उनके स्वास्थ्य और फिटनेस के लिए जागरूक किये जाने की आवश्यकता है।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि ग्रामीणों से जो उपज खरीदी जा रही है उसका समग्र आर्थिक लाभ गाँव वासियों को ही मिलना चाहिये। ग्रामीणों को जैविक खेती के प्रति प्रोत्साहित किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा और स्वरोजगार को केन्द्र में रखकर माॅडल विलेज का निर्माण करें। इसमें जो भी सहयोग अपेक्षित है वो प्रदान किया जायेगा। राज्यपाल ने कहा कि एक-दो महीने में वे स्वयं एक माॅडल विलेज का भ्रमण करेंगी तथा वहाँ की महिलाओं से मुलाकात भी करेंगी। राज्यपाल ने कहा कि गाँवों की आंगनबाड़ी और आशा बहनों का सहयोग भी लेना चाहिए। उन्होंने वैद्य शिखा की प्रशंसा करते हुए कहा कि समाज के पढ़े-लिखे सक्षम युवाओं को गाँवों में आकर अपनी योग्यता का लाभ ग्रामीणों को भी देना चाहिये। वैद्य शिखा के पिता वैद्य बालेन्दु स्वयं बहुत अच्छे प्रसिद्ध वैद्य हैं।
राज्यपाल ने कहा कि वैली कल्चर द्वारा हरेला के अवसर पर इन ग्रामों में औषधीय गुणों से युक्त तथा रसोई में नियमित काम आने वाले मसालों के पौधों का रोपण किया जाय। राज्यपाल ने राजभवन में भी हरेला के अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिये हैं जिसमें ग्रामीण महिलाओं को औषधीय पौधों का वितरण भी किया जायेगा।
राज्यपाल ने कहा कि वे महिला एवं बाल विकास मंत्री से भी महिलाओं तथा किशोरियों के कल्याण, स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वरोजगार आदि मुद्दों पर शीघ्र ही वार्ता करेंगी।