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उत्तरकाशी :- जिलाधिकारी ने किया मधुमक्खी पालन एवं शहद उत्पादन परियोजना” का भौतिक निरीक्षण।

Pahado Ki Goonj

उत्तरकाशी :- जिलाधिकारी ने किया मधुमक्खी पालन एवं शहद उत्पादन परियोजना” का भौतिक निरीक्षण ।

उत्तरकाशी :- (मदनपैन्यूली) शुक्रवार को जिलाधिकारी श्री मयूर दीक्षित द्वारा हरिमहाराज आजीविका स्वायत्त सहकारिता थलन, मानपुर में संचालित एकीकृत आजिविका परियोजना के चेंलेज फण्ड अन्तर्गत वित्त पौषित तथा एप्रोप्रियेट टेक्नोलोजी इण्डिया द्वारा संचालित “मधुमक्खी पालन एवं शहद उत्पादन परियोजना” का भौतिक निरीक्षण किया गया l

उन्होंने आजीविका के क्षेत्र में मौन पालन से जुड़े लोगों के मधुमक्खी व्यवसाय व मौन पालन में उपयोग होने वाले बी- बाक्सों का का गहनता से निरीक्षण किया l उन्होंने कहा कि कृषि क्रियाए लघु व्यवसाय से बड़े व्यवसाय में बदलती जा रही है मधुमक्खी पालन एक ऐसा ही व्यवसाय है जो मानव जाती को लाभान्वित कर रहा है यह एक कम खर्चीला घरेलु उद्योग है जिसमे आय, रोजगार व वातावरण शुद्ध रखने की क्षमता है यह एक ऐसा रोजगार है जिसे समाज के हर वर्ग के लोग अपना कर लाभान्वित हो सकते है। मधुमक्खी पालन कृषि व बागवानी उत्पादन बढ़ाने की क्षमता भी रखता है।

शहद एवं मोम के अतिरिक्त अन्य पदार्थ, जैसे गोंद (प्रोपोलिस, रायल जेली, डंक-विष) भी प्राप्त होते है। साथ ही मधुमक्खियों से फूलों में परप्रगन होने के कारण फसलों की उपज में लगभग एक चौथाई अतिरिक्त बढ़ोतरी भी होती है l

मधुमक्खी पालन ग्रामीण भूमिहीन बेरोजगार किसानों के लिए आमदनी का एक मुख्य संसाधन होने के साथ ही शहद विपणन में भी रोजगार का अवसर प्रदान करता है l

उन्होंने उपस्थित सभी लोगों से कोरोना वायरस के प्रभावी नियंत्रण और रोकथाम को लेकर मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग आदि के अनुपालन किये जाने को अपील की l

परियोजना द्वारा उपलब्ध कराये गये आधुनिक मधुमक्खी बाॅक्स, केरिग केज, स्वार्म बेग, बी-वेल, घुम्रक सहित श्रीमती ममता देवी तथा श्रीमती गीता देवी की मौन वाटिकाओं का निरीक्षण किया गया l जिलाधिकारी श्री दीक्षित ने आजीविका प्रबंधक को निर्देशित करते हुए कहा कि मानपुर गांव को मधुमक्खी पालन कल्स्टर के रूप में विकसित किया जाय जिससे आस- पास के गांव को भी मधुमक्खी वंश मिल सके। ए0टी0इण्डिया से मौन पालक विशेषज्ञ श्री महेन्द्र प्रसाद द्वारा अवगत कराया गया है कि चेलेज फण्ड के अन्तर्गत वित्त पोषित तथा ए0टी0इण्डिया के सहयोग से सहकारिता के कुल 300 मधुमक्खी पालकों के साथ कार्य किया जा रहा है जो परियोजना के अन्तर्गत गठित 97 उत्पादक/असहाय उत्पादक समूहों से है l

माह मार्च तक तीन प्रशिक्षण मौन पालकों के क्षमता विकास तथा तीन प्रशिक्षण मधुमक्खी एवं मधुमक्खी वाटिका प्रबंधन पर प्रशिक्षण दिये गये है जिसमें कुल 278 लोगों को प्रशिक्षित किया गया गया है इसी प्रकार 30 प्रगतिशील मौन पालकों को सहारनपुर की ज्योति ऐपेरी का भ्रमण भी माह फरवरी में कराया गया है। निरंतर मौन उपलब्धता हेतु परियोजना से वित्त उपलब्ध होने पर बी-ब्रीडिगं केन्द्र का निर्माण किया जायेगा जिससे मधुमक्खी वंशों का विभाजन कर आधुनिक मौन गृहों में बसाया जायेगा। क्योंकि परंपरागत जालों से शहद प्रसंस्करण के समय मौन वंशों को अपार क्षति होती है साथ ही शहद की गुणवत्ता भी प्रभाविति होती है जबकि आधुनिक मौन गृहों में उक्त समस्यायें नहीं आती है l

इसी प्रकार शहद प्रसंस्करण हेतु मधु प्रसंस्करण यन्त्र भी उपलब्ध कराये गये है जिससे शहद प्रसंस्करण में मौन वंश की क्षति न हो तथा शहद की गुणवत्ता भी बनी रहती है।

शहद की गुणवत्ता माह सितम्बर से 15 नवम्बर तक के शहद से कम होती है, जून से अगस्त माह तक के शहद मूल्य प्रति किग्रा 275 रू तक होती है क्योंकि यह अपेक्षाकृत पतला तथा कडवा होता है जिसे डिहाड्रेट में अधिक व्यय होता है। जबकि सितम्बर से 15 नवम्बर तक सुगंधमय तथा स्वादिष्ट होता है तथा प्रति किग्रा रू0 500 से 700 तक आसानी से विपणन किया जाता है।

इससे पूर्व जिलाधिकारी श्री दीक्षित ने अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मानपुर का औचक निरीक्षण किया फार्मेसिस्ट की ड्यूटी वाररूम में लगाये जाने पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए सम्बन्धित अधिकारी को दूरभाष से अवगत कराते हुए तत्काल फार्मेसिस्ट की तैनाती स्वास्थ्य केन्द्र में किये जाने के निर्देश दिए l उन्होंने टीनशेड में संचालित स्वास्थ्य केन्द्र के सुदृढ़ीकरण भवन निर्माण को शीघ्र बनाये जाने की बात कही l

इस दौरान ग्राम प्रधान मानपुर धर्मेंद्र भंडारी, क्षेत्र पंचायत सदस्य संगीता देवी, सहायक प्रबंधक आईएलएसपी जगबीर बिष्ट, जगमोहन सिंह नेगी, सहायक प्रबंधक कृषि उद्यान हकीम सिंह चौहान,महेंद्र प्रसाद भट्ट कार्यक्रम समन्वयक एटीआई, आजीविका समुदायक रघुवीर सिंह गुसाई सहित अन्य लोग उपस्थित थे l

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