देहरादून। रोपवे निर्माण के लिए सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के साथ उत्तराखण्ड सरकार का एमओयू हुआ है। उत्तराखंड में रोपवे निर्माण के लिए सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार को नोडल विभाग बनाया गया है। रोपवे निर्माण के भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की ओर से डीपीआर तैयार कर काम शुरू किया जाएगा।
राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए रोपवे यात्रियों एवं पर्यटकों के लिए एक प्रदूषण मुक्त यातायात का प्रमुख साधन बनेगा। उत्तराखंड में विभिन्न धार्मिक एवं साहसिक पर्यटन गंतव्यों तक अधिक से अधिक पर्यटकों व श्रद्धालुओं को सुगमतापूर्वक पहुंचाने और पर्यटकों का गमनागमन वर्षभर किए जाने के उद्देश्य से राज्य सरकार के पर्यटन विभाग तथा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार के मध्य सचिवालय में एमओयू को हस्ताक्षरित किया गया।
सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की नियंत्राणाधीन नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) के द्वारा प्रथम चरण में प्रदेश के सात रोपवे केदारनाथ रोपवे, नैनीताल रोपवे, हेमकुंड साहिब रोपवे, पंचकोटी से नई टिहरी, औली से गौरसू, मुनस्यारी से खलिया टॉप तथा ऋषिकेश से नीलकंठ महादेव तक सात रोपवे के डीपीआर गठन एवं निर्माण की कार्यवाही राज्य सरकार के साथ मिलकर की जाएगी।
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि सभी रोपवे निर्माण से यात्री प्रदूषण मुक्त सफर का आनंद ले सकेंगे। रोपवे के जरिए श्री केदारनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे धार्मिक स्थानों पर हर उम्र का तीर्थयात्री पहुंच सकेगा। जिससे प्रदेश में धार्मिक आस्था के साथ ही वर्ष भर प्रदेश में पर्यटकों का गमनागमन बना रहेगा। रोपवे से जहां प्रदूषण से छुटकारा मिलेगा वहीं वन्य जीवों को भी ध्वनि प्रदूषण से भी बचाया जा सकेगा।
मुख्य सचिव उत्तराखंड डॉ. एसएस संधु की मौजूदगी में उत्तराखंड पर्यटन की ओर से युगल किशोर पंत अपर सचिव पर्यटन एवं अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद तथा सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के एनएचएलएमएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रकाश गौड़ ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
इस मौके पर आरके सुधांशु प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग, मनोज कुमार चौयरमेन एनएचएलएमएल, यूटीडीबी के वरिष्ठ शोध अधिकारी एसएस सामंत व एनएचएलएमएल एवं के परियोजना सदस्य आदि मौजूद रहे।
वहीं पर्यटन मंत्री का कहना है कि प्रदेश के सात स्थानों पर रोपवे निर्माण होने से निश्चित रूप से प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही देशकृदुनिया के तीर्थयात्री व पर्यटक उत्तराखंड में रोमांच भरे सफर का आनंद भी उठा सकेंगे। सभी सात रोपवे देश सहित विदेश के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेंगे।