HTML tutorial

उत्तरकाशी जिलाधिकारी डा0 आशीष चौहान ने जिला सभागार में आपदा न्यूनीकरण एवं जागरूकता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया

Pahado Ki Goonj

उत्तरकाशी जिलाधिकारी डा0 आशीष चौहान ने जिला सभागार में आपदा न्यूनीकरण एवं जागरूकता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया

उत्तरकाशी ।जिला सभागार में आपदा न्यूनीकरण एवं जागरूकता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग करते हुए जिलाधिकारी डा0 आशीष चौहान ने कार्यशाला में उपस्थित लोगों को आपदा के दौरान शतप्रतिशत सफलता हासिल करने लिए सक्रीयता से जन-सहभागिता की जरूरत बतायी। कहा कि किसी भी प्रकार की घटना होने पर घटित घटना की सूचना त्वरित देना चाहिए एवं स्थानीय स्तर पर मौजूद उन लोगों तक भी सूचना जानी चाहिए जो उक्त कार्य को अंजाम देने के लिए निपूर्ण है। हमें टीम के आने की प्रतिक्षा नही करनी चाहिए, जितना हो सके अपने वुद्धि कौशलता से राहत एवं बचाव कार्य में जुट जाना चाहिए। जितने सक्रीयता से हम कार्य को अंजाम देगें उतनी तेजी से हम सफलता हासिल कर सकेंगे।

जिलाधिकारी डा0 चौहान ने आपदा ग्रस्त परिक्षेत्र में अपने तैनाती के दौरान की गई कार्यां की अनुभव भी शेयर किया। कहा कि अच्छे प्रबंधन एवं सक्रीय जन सहभागिता आसानी से सफलता की ओर ले जाते है। कहा कि जन सहभागिता के अभाव से दुष्परिणाम आते है। उन्होने विगत माह घटित घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि मनेरी में अतिवृष्टि के दौरान एक बालिका सहित तीन लोगों के मलवा में दबने से मृत्य हुई। कहा कि उन लोगों को मौके पर तैनात कर्मचारी द्वारा आगे जाने से रोका गया था। किन्तु उसने किसी की बात न सुनी आगे जाकर मलवा में दब गये। 

 जिलाधिकारी ने कार्यशाला में निबंध एवं भाषण, चित्रकला आदि प्रतियोगिता में चयनित बच्चों के परिणाम एवं लेख का अवलोकन भी किया।

कार्यशाला में उपस्थित विद्धतों ने आपदा को न्यनीकरण करने एवं जीवन शैली को सुगम बनाने हेतु अपने -अपने विचार व्यक्त किये। इससे पूर्व शहर में जन- जागरूकता रेली निकाली गई। 

  इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी पीएल शाह, आपदा प्रबंधन अधिकार देवेन्द्र पटवाल, समन्यवक जयप्रकाश पंवार, ग्लेषियर लेडी शान्ति ठाकूर, अजय पुरी, प्रताप सिह विष्ट, शैलेन्द्र नौटियाल, द्वारिका प्रसाद सेमवाल, जगमोहन अरोडा,एसडीआरएफ नरेन्द्र कुमार, कमलेश गुरूरानी, माधव जोषी, शम्भू नोटियाल, पुलिस, अग्निशमन, आपदा प्रबंधन विभाग व स्वयं सेवी सहित अन्य लोग उपस्थित थे। 

Next Post

भारत में अपने अधिकारों को पाने की प्रेरणा देने के लिए पांडव युग की संस्कृति से हमें बचाने के लिए हमारे उत्तराखंड के प्रसिद्ध मेले

रंवाई उत्तरकाशी जिले की यमुना घाटी का हिस्सा है जिसकी सीमा चिन्यालीसौड़ से यमुनोत्री मार्ग पर 40 किमी पर स्थित राणीगाड से शुरू होती है। राणीगाड से सड़क रंवाई की ओर उतरती है, पहाड़ की ढलानो पर छितरे बड़े बड़े गाँवो का दृश्य मन को मोह लेता है।घाटी में उतरते […]

You May Like