नैनीताल : हाईकोर्ट ने पांच साल पहले बिजनौर जिला पंचायत के तत्कालीन कुछ सदस्यों का अपहरण करने के मामले में बंद उप्र में बिजनौर जिले की नगीना सीट से सपा विधायक मनोज पारस की जमानत मंजूर कर ली। इन दिनों वह उत्तराखंड के पौड़ी जिले की जेल में बंद है।
मामला जनवरी, 2013 में उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिला पंचायत अध्यक्ष पद के उपचुनाव से जुड़ा है। तब जिला पंचायत के कुछ सदस्यों ने चुनाव में भागीदारी न करने के चलते उत्तराखंड का रुख कर लिया था। वे यहां जनपद पौड़ी के लक्ष्मणझूला थाना क्षेत्र स्थित एक रिसॉर्ट में ठहरे थे।
आरोप है कि 17 जनवरी, 2013 की मध्यरात्रि उत्तर प्रदेश की तत्कालीन सपा सरकार के एक कैबिनेट मंत्री और विधायक करीब सौ से अधिक लोगों के साथ लालबत्ती लगी गाडिय़ों में रिसॉर्ट में आ धमके। यहां ठहरे जिला पंचायत सदस्यों को आंतकित कर वे उन्हें हथियारों के बल पर अगवा करके साथ ले गए।
अगले दिन यानि 18 जनवरी को बिजनौर निवासी रोहित कुमार ने इस संबंध में लक्ष्मणझूला थाने में तहरीर दी। इसके आधार पर पुलिस ने तत्कालीन सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री मूलचंद समेत दस को नामजद किया था। सपा विधायक मनोज पारस भी इसमें शामिल थे।
उन्होंने पिछले साल 14 नवंबर को उत्तराखंड के पौड़ी की एक अदालत में आत्मसमर्पण किया था। अदालत ने आरोपी को जेल भेज दिया था। तब से वह जेल में हैं।
नैनीताल हाईकोर्ट में न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में सपा विधायक मनोज की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। अभियोजन व बचाव पक्ष की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने जमानत मंजूर कर ली।