आज केदारनाथ मन्दिर के कपाट विधिविधान से बर्फवारी में शीत काल के लिए बन्द कर चल विग्रह डोली रामपुर के लिए प्रस्थान हुई

Pahado Ki Goonj

बर्फबारी के बीच शीतकाल के लिए बंद हुए केदारनाथ धाम के कपाटहोने से अनुभव होने लगा कि अब पृथ्वी पर धामों में देवताओं के द्वारा पूजा अर्चना होगी हिमालय का मतलब बर्फ का घर  बर्फ का गिरना देश जनता के लिए शुभ है।

निम्न वीडियो में  पूजा के लिए भगवान के आने का दृश्य दिखाई देने लगा है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी बोले हर-हर महादेव

रुदप्रयाग,आज केदारनाथ के कपाट विधिविधान से शीत काल के लिए बन्द केदारनाथ धाम के कपाट बर्फबारी के बीच आज शीतकाल के लिए विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए हैं।

कपाट बंदी के मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मौजूद रहे। केदारनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया के तहत सबसे पहले 5.30 बजे गर्भ गृह के कपाट बंद कर दिए गए।

इस  भावुक  दृश्य पर  भगवान से  केदारनाथ के रक्षक भैरव से विदा लेने के समय सेना के बैड बाजों की विदाई धुन से प्रभू को नमन करते हैं इस पावन अबसर के गवाह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत,

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत

 

https://youtu.be/fUrwuIyHo28

केदारनाथ धाम के कपाट बर्फबारी के बीच आज शीतकाल के लिए विधि-विधान के साथ बंद  जैसे कर दिए गए हैं।  मौसम में परिवर्तन होने पर यात्रियों रोमांच का अनुभव हुआ।मन्दिर के कपाट बंदी के मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मन्दिर के कर्मचारी भी मौजूद रहे। केदारनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया के तहत सबसे पहले 5.30 बजे गर्भ गृह के कपाट बंद कर दिए गए।
बाबा केदार की पंचमुखी भोगमूर्ति चल विग्रह डोली में विराजमान हुई और शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना हुई। आज चल विग्रह डोली अपने पहले पड़ाय रामपुर पहुंचेंगे। 18 नवंबर को पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में छह माह की पूजा-अर्चना के बाद विराजमान हो जाएंगे।
धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया सुबह दो बजे से ही शुरू कर दी गई थी। मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग ने बाबा केदार के स्वयंभू ज्योतिर्लिंग को समाधि रूप देकर भष्म से ढक दिया गया। इसके बाद सुबह 4 बजे भोगमूर्ति को चल उत्सव विग्रह डोली में विराजमान किया गया आएैर भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर परिसर में रखा गया। अपर मुख्यकार्याधिकारी बीडी सिंह ,

कार्यअधिकारी यन पी जमलोकी ने सभी लोगों का आभार किया

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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