उत्तराखण्ड में बनेगी देश की 22वीं राष्ट्रीय लाॅ यूनिवर्सिटी ।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने रानीपोखरी में किया केन्द्रीय लाॅ यूनिवर्सिटी का शिलान्यास
26 करोड़ की लागत से बनेगी यह लाॅ यूनिवर्सिटी
मुख्यमंत्री ने किया लगभग 73 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को रानीपोखरी में केन्द्रीय लाॅ यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया। यह देश की 22वीं केन्द्रीय यूनिवर्सिटी होगी। यह युनिवर्सिटी 26 करोड़ की लागत से बनेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने 73 करोड़ रूपये की योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। जिसमें से 68 करोड़ रूपये की योजनाओं का लोकार्पण तथा 05 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास कार्य शामिल हैं। इनमें मुख्यमंत्री की घोषणा के अन्तर्गत निर्मित सड़को के साथ ही क्षेत्र की विभिन्न आन्तरिक व मुख्य सड़को का निर्माण शामिल है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय सड़क निधि के तहत 49.25 करोड़ के कार्यों का शिलान्यास भी किया। जिसमें डोईवाला के अन्तर्गत थानो भोगपुर मोटर मार्ग 240 मी0 स्पान आर0सी0सी0 प्रिस्ट्रेस्ड सेतु लागत रू0 19.22 करोड़, ऋषिकेश के अन्तर्गत चाण्डी प्लान्टेशन मोटर मार्ग का निर्माण लागत 13.74 करोड़ तथा देहरादून-रानीपोखरी मोटरमार्ग पर रानीपोखरी मंे 252 मी0 आर.सी.सी. सेतु निर्माण लागत 16.29 करोड़ शामिल है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि रानीपोखरी में स्थापित होने वाली यह देश की 22वीं नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी होगी। जो उत्तराखंड के लिए यह गर्व की बात है। यह उत्तराखंड के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष लगाव का नतीजा है कि आज प्रदेश उत्तराखंड को लॉ यूनिवर्सिटी का तोहफा मिला है। उन्होंने कहा कि इस यूनिवर्सिटी के खुलने से प्रदेश में उच्च शिक्षा को नए आयाम मिलेंगे, तथा इसमें प्रदेश के साथ ही देश भर के प्रतिभावान छात्र-छात्राएं पढ़ने के लिए आएंगे। उन्होंने कहा कि जब कोई भी बड़ा संस्थान किसी स्थान पर खुलता है तो उसके कई मायनों में फायदा होता है। इस लॉ यूनिवर्सिटी से न केवल शिक्षा के क्षेत्र में युवाओं को अवसर मिलेंगे बल्कि स्थानीय लोगों की आर्थिकी भी सुधरेगी और रोजगार मिलेगा। हमारे युवा भी यूनिवर्सिटी में विभिन्न पदों पर रोजगार से जुड़ेंगे। इस तरह के प्रयास लोकल इकोनॉमी को भी मजबूत बनाते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पास आई.आई.टी., आई.आई.एम. और एम्स जैसे संस्थान पहले से मौजूद थे इसके बावजूद उत्तराखंड को एजुकेशन हब बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विशेष सहयोग दिया है। पिछले 23 महीने में डोईवाला क्षेत्र में 2 राष्ट्रीय स्तर के संस्थान खुले हैं। डोईवाला में 2017 में सीपैट का उद्घाटन किया गया था। वहां पर सीपैट में कक्षाएं चल रही हैं, वहां पढ़ने वाले बच्चों को सौ फीसदी प्लेसमेंट मिलेगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पिछले दिनों मोदी जी ने वीडिओ कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किच्छा व लालढांग में दो नए मॉडल डिग्री कॉलेजों व पौड़ी के पैठाणी में प्रदेश के पहले वोकेशनल कॉलेज का शिलान्यास किया है। इन संस्थानों के लिए बजट भी स्वीकृत किया जा चुका है। ये तमाम कोशिशें प्रदेश के लिए न केवल रोजगारपरक शिक्षा में मील का पत्थर साबित होगी। बल्कि उत्तराखंड को उच्च शिक्षा का हब बनाने में भी मददगार होंगी, ऋषिकेष में शीघ्र ही कन्वेंसन सेन्टर की स्थापना की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है। विभिनन रोजगारपरक नीतियों और योजनाओं के माध्यम से हमने हर स्तर पर रोजगार सृजन के प्रयास किए हैं। पिछले दिनों प्रधानमंत्री जी ने राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना की शुरुआत की है। जिससे प्रदेश के लगभग 55 हजार युवा रोजगार से जुड़ सकेंगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में सबसे ज्यादा रोजगार सृजित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। हजारों लोग टूरिज्म और एडवेंचर टूरिज्म में रोजगार से जुड़ रहे हैंए होमस्टे शुरू करने के लिए युवाओं का आकर्षण बढ़ रहा है। प्रदेश में पर्यटन से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों एवं कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में देश विदेश की प्रतिभागी भी हिस्सा ले रहे हैं। जो राज्य के पर्यटन के लिये शुभ संकेत है। हमारा प्रयास हर न्यायपंचायत स्तर पर वहां के स्थानीय संसाधनों के आधार पर एक लोकल इकोनॉमी स्थापित करना है। जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध होंए इसके लिए ग्रोथ सेंटर योजना पर कार्य किया जा रहा है। पिरूल नीति से डेढ़ लाख महिलाओं को रोजगार से जोड़ा जा रहा है। 16 हजार से ज्यादा लोगों को पिछले दो साल में एम.एस.एम.ई. नीति के तहत रोजगार मिला है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पिछले 02 वर्षों में राज्य सरकार ने प्रदेश के विकास के लिए कई अहम फैसले लिए। स्वास्थ्य, पेयजल, रोजगार, पलायन आदि क्षेत्रों में विशेष बल दिया।
अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना- प्रदेश के सभी परिवारों को अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना से जोड़ा जा रहा है। 25 दिसम्बर को प्रदेश में इस योजना के शुभारम्भ से अभी तक 10 हजार से अधिक लोगों का ईलाज हो चुका है। जबकि 23 लाख 50 हजार लोगों के गोल्डन कार्ड बन चुके हैं। सभी परिवारों के प्रत्येक व्यक्ति को यह गोल्डन कार्ड दिया जा रहा है। इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार को 05 लाख रूपये तक का निःशुल्क ईलाज की सुविधा दी जा रही है।
वीरभूमि उत्तराखण्ड में एक भव्य शौर्य स्थल बनाया जायेगा। इसके लिए बजट में प्राविधान किया जा चुका है। शौर्य स्थल के लिए जल्द भूमि का चयन किया जायेगा। शौर्य स्थल बनाने के लिए एक कमेटी बनाई जायेगी, जिसमें सेना के लोगों को भी शामिल किया जायेगा।
उत्तराखण्ड में जल्द ही साइंस सिटी बनाई जायेगी। साइंस सिटी बनाने के लिए केन्द्र से स्वीकृति मिल चुकी है। साइंस सिटी के लिए सुद्धोवाला में 26 एकड भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। इससे बच्चो को विज्ञान के आधुनिक तौर-तरीको की जानकारी के साथ ही अन्वेषण करने का मौका मिलेगा।
इस अवसर पर सांसद डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि रानीपोखरी में बनने वाला यह राष्ट्रीय लाॅ विश्वविद्यालय उत्तराखण्ड की पहचान बनेगी। उत्तराखण्ड शिक्षा का पहले से ही हब है, देश व दुनिया के बड़ी संख्या में छात्र उत्तराखण्ड में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डाॅ.धन सिंह रावत ने कहा कि डोईवाला की जनता का सौभाग्य है कि 23 माह में 02 राष्ट्रीय स्तर के संस्थान यहां बने हैं। सीपेट और लाॅ विश्वविद्यालय दोनों ही भविष्य में प्रदेश में रोजगार की मजबूत नीव रखेंगे। पिछले 23 माह में प्रदेश के लगभग चार लाख युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है। उन्होंने कहा कि 07 मार्च से आंगनबाड़ी केन्द्रों में पढ़ने वाले 03 लाख बच्चों को पौष्टिक आहार के रूप में सप्ताह में दो दिन आॅचल का दूध उपलब्ध कराया जायेगा।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड राज्य सहकारी संघ के अध्यक्ष बृज भूषण गैरोला, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कण्डवाल, मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी धीरेन्द्र सिंह पंवार, अन्य जनप्रतिनिधिगण व अधिकारी उपस्थित थे।