बीडी सिंह के प्रति कार्यवाही करना सरकार की देवस्थानम जैसे भूल होगी
https://youtu.be/FBqEt3hgucc
ध्यानसे 30 मिनट मन लगा कर सुनियेगा औऱ11 लोगों को अवश्य शेयर कीजिएगा।
11 का बड़ा महत्व खुसहाली के लिए है। 11 गते मंन्गशीर्ष महिने में भगवान श्रीकृष्ण के वहाँ से जनता से विदा लेकर गुप्त सेम में गुप्तवास लिया है।
देहरादून पहाडोंकीगूँज,जनकारी मिली है कि श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति में कार्यरत मुख्य कार्याधिकारी के विरुद्ध कुछ स्वार्थों में लिप्त लोग सरकार के पास उनको हटाने के लिए एवं जांच कराने के लिए दबाव बनाने आये हैं।
मैं पूर्व एवं कार्यक्रम करते हुए संरक्षक और अभी तक कोई बनाया नहीं गया है तो बर्तमान लिखने में भी अतिश्योक्ति नहीं होगी। श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति कर्मचारी संघ के तौर पर बीडी सिंह द्वारा कार्य करने में जो दिखाई दिया है वह एक मंदिर समिति के लिए एवं श्रद्धालुओं को सुभिदा देने के लिए साफ सुथरा मुख्य कार्याधिकारी कार्य करने वाले हैं ऐसे अधिकारी सभी हो तो उत्तराखंड स्वतः स्वर्ग बनने में देर नहीं लगेगी।
अब मैं सूक्ष्म में विरोध करने वाले सज्जनों को सोचने के लिए प्रार्थना करता हूँ कि बीडी सिंह जब से सीईओ आये तब से 34 कर्मचारियों की सेवाएं पकी हुई पहाडोंकीगूँज के सम्पादक ने सुझावों को दिया उसपर समिति के कार्य करने से टोकन व्यबस्था लागू होने से जहां यात्रियों को सुभिदा हुई वहीं बद्रीनाथ माना तक यात्रियों ने घूमकर व्यापारियों की आमद बढ़ाई जिससे उनके चेहरों पर रौनक साफ दिखाई देती है।प्रसाद में स्थानीय लोगों को रोजगार मिला ।यात्रा पर बढ़ने से असर पड़ा। जहां अम्बानी परिवार यात्रा कर कुछ भी दान नहीं करते थे वहीं बीडी सिंह के व्यबहार से प्रतिवर्ष लाखों रुपए मंदिर को दिये जाते हैं
साथ ही पूजा के लिए बेशकीमती चंदन की कमी को दूर करने के लिए अम्बानी परिवार से चंदन की खेती करना के लिए भूमि दान प्राप्त करने के लिए प्रयास किया गया है ।करोड़ रुपये की बचत सदियों तक के लिए बीडी सिंह ने करदी हैं ऐसे अछे कार्य करने के लिए शिकायत करने वाले लोगों की बुद्धि विगत88 वर्षों तक कहाँ गई थीं जो शोध कार्य इनके द्वारा बीडी सिंह के खिलाफ करने के लिए किये गए हैं वह मंदिर के विकास एवं यात्रियों की लूट खसोट बचाने के लिए क्यों नहीं की है।
मेरे दृष्टि से बीडी सिंह मंदिर एवं प्रदेश के लिए पर्यटन तीर्थ स्थल के विकास के लिए उपयोगी अधिकारी है।कमियों को रखना ,करना आदमी का स्वभाव में है दूध देने वाली गाय की लात भी सहन करने में गुरेज नहीं करना चाहिए।
मंदिर समिति एवं उत्तराखंड के लिए बीडी सिंह सी ई ओ दुधारू गाय हैं।
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https://youtu.be/YcOg03b6aps
स्वारथी लोगों के कहने पर उनके प्रति कर्यवाही करना देवस्थानम बनाने जैसे भूल सरकार करेगी।जिससे मंदिर समिति को नुकसान के साथ साथ कर्मचारियों में भी आक्रोश व्याप्त रहने से रुद्प्रयाग ,केदारनाथ, बदरीनाथ थराली, कर्णप्रयाग की विधायकों को 800 कर्मचारियों के परिजनों की वोटों से नुकसान उठाना पड़ेगा।