देहरादून। जनरल-ओबीसी कर्मचारियों ने आज से अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। उधर सरकार ने भी हड़ताली कर्मचारियों पर सख्ती दिखाते हुए नो वर्क नो पे के आदेश जारी कर दिये गये है। लेकिन हड़ताली कर्मचारियों का इसका कोई असर होता नहीं दिख रहा है। उनका साफ कहना है कि सरकार द्वारा जब तक सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार प्रोन्नति में आरक्षण पर रोक लगाने का शासनादेश आदेश जारी नहीं किया जाता है और प्रोन्नति पर लगी रोक को तत्काल प्रभाव से नहीं हटाया जाता है तब तक उनका आंदोलन समाप्त नहीं होगा।
पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार आज यह जनरल, ओबीसी कर्मचारी सचिवालय में इकठ्ठा हुए जहंा से वह परेड ग्राउंड पहुंचे। जनरल ओबीसी कर्मचारियों द्वारा आज राजधानी दून सहित पूरे राज्य के जिला मुख्यालयों पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है। बीते कल सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत के साथ वार्ता विफल होने के साथ ही यह तय हो गया था कि अब इस हड़ताल को नहीं रोका जा सकता है।
कर्मचारियों में आज इस बात को लेकर भी आक्रोश दिखायी दिया कि सरकार ने हड़ताल शुरू होने से पहले ही नो वर्क नो पे का आर्डर जारी कर दिया है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार का कहना है कि राज्य के कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी का समझेगें। लेकिन कर्मचारीं सोमवार सुबह आठ बजे ही नो वर्क नो पे का आदेश जारी किये जाने से खासे नाराज है। इस आदेश की प्रतियंा आज यहंा जलाई गयी।
उत्तराखण्ड जनरल ओबीसी एसो. के अध्यक्ष दीपक का कहना है कि सरकार को जो करना है करे। वेतन काटे या फिर एस्मा लगाये अथवा नौकरी से हटाये लेकिन अब वह किसी भी कीमत पर अपना आंदोलन वापस नहीं लेगें। हजारों की संख्या में परेड ग्राउंड में जमा इन कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होने कहा कि अभी तो आंदोलन शुरू हुआ है आगे आगे देखिये कि क्या होता है। हड़ताली कर्मचारी कल विधानसभा का घेराव करने जा रहे है तथा आज सचिवालय घेराव का भी उनका कार्यक्रम है। हड़ताल के कारण तमाम सरकारी कार्यालयों में भी काम काज ठप रहा।