समाज में बढ़ते असामाजिक तत्वों प्रभाव अनाचार और दुराचार का कारण: पंडित दिवाकर जोशी
बड़कोट।
समाज में बढ़ते असामाजिक तत्वों के प्रभाव से अनाचार, दुराचार का कारण है। या बात व्यास पीठ पर विराजमान पंडित दिवाकर जोशी ने कथा वाचन के दौरान कही।
विकास खण्ड नौगांव के अंतर्गत नंगाण गांव में दिनेश चौहान द्वारा पित्रों के उद्धार के लिए आयोजित श्रीमद भागवत महापुराण में व्यास पीठ पर विराजमान पंडित जोशी ने कथा के प्रसंग में कहा कि जब महाभारत के दौरान बाणों की सय्या पर लेटे गंगा पुत्र भीष्म ने भगवान श्री कृष्ण से पूछा कि भगवन मैंने कभी कोई अधर्म का कार्य नहीं किया फिर मुझे ये सजा क्यों? इस पर भगवान श्री कृष्ण ने कहा कि ये भारत भूमि उन लोगों की है जहाँ जंगल में रहने वाले रीक्ष, वानर और पक्षी नारी की रक्षा के रूप में माता सीता के लिए अपने प्राणों की आहुति देते हैं उस भारत भूमि पर आपने सक्षम होते हुए भी द्रोपदी के साथ हुए अन्याय का विरोध नहीं किया बल्कि अधर्मी कौरवाओं के पक्ष में युद्ध किया।
व्यास पीठ से पंडित जोशी ने कहा कि आज समाज में हो रहे महिलाओं के साथ अपहरण, दुराचार और हत्या की घटनाओं का कारण समाज में बढ़ते असामाजिक तत्वों का कारण हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने पुराणों और ग्रंथों से सीख लेनी चाहिए जिससे समाज में बढ़ती ऐसे जघन्य अपराधों पर अंकुश लग सके।
इस दौरान उज्जवल सिंह, जोगेंद्र सिंह, केंद्र सिंह चौहान, नागेंद्र सिंह, भरत सिंह चौहान, वीरेंद्र सिंह, हरदेव सिंह, विनोद सिंह, ऐमिन सिंह, नरेश चौहान,गरु प्रसाद डिमरी, सूरजमणि, अनिल विजलवाण सहित कई लोग शामिल रहे।