ऋषिकेश : उत्तराखंड विज्ञान और तकनीकी काउंसिल के महानिदेशक प्रो. राजेंद्र डोभाल ने कहा कि रोबोट सर्जरी के रूप में एम्स में मरीजों के इलाज के लिए नई तकनीक की शुरुआत की गई है। आवश्यकता के अनुसार अन्य संस्थानों के लिए क्लीनिकल ट्रायल में भी यह तकनीक लाभदायक होगी।
एम्स ऋषिकेश में मिनिमल एक्सेस सर्जरी पर दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस शनिवार को शुरू हुई। इस कॉन्फ्रेंस में देश के विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर प्रतिभाग कर रहे हैं। उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि यूकॉस्ट (उत्तराखंड विज्ञान एवं तकनीकी काउंसिल) के महानिदेशक प्रो. राजेंद्र डोभाल ने एम्स में रोबोट सर्जरी को चिकित्सा तकनीक क्षेत्र में एक नई पहल बताते हुए कहा कि इससे मरीज में संक्रमण का खतरा भी कम होगा। एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने कहा कि सर्जरी के बाद मरीज जितना जल्दी अस्पताल से डिस्चार्ज होगा, उतना ही उसे हॉस्पिटल बोर्न इंफेक्शन कम होता है। विदेशों में सर्जरी के बाद अधिकांश मरीज दो तीन दिनों बाद डिस्चार्ज हो जाते हैं। कहा कि एम्स ऋषिकेश ने भी इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए पिछले दिनों रोबोट उपकरण स्थापित किया था।
इससे की जाने वाली सर्जरी में मरीज के शरीर पर छोटा सा कट लगता है इसलिए घाव जल्दी ठीक ही जाता है और मरीज दूसरे-तीसरे दिन ही घर जा सकता है। इस तरह की सर्जरी इस क्षेत्र में सिर्फ एम्स ऋषिकेश में ही उपलब्ध है।
दो दिवसीय इस कॉन्फ्रेंस में देश के विभिन्न राज्यों से आए सर्जन अपने अनुभव साझा करेंगे। कार्यक्रम में डीन डॉ. सुरेखा किशोर, सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो. सोम वसु, प्रो. बीना रवि तथा कॉन्फ्रेंस के आयोजन सचिव डॉ. अमित गुप्ता आदि उपस्थित थे।