देहरादून। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने चमोली प्रशासन द्वारा युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा लगाये गये राहत शिविरों को हटाये जाने के आदेश पर बयान जारी करते हुए कहा कि चमोली के रैणी क्षेत्र में आई दैवीय आपदा से पीडितों तथा प्रभावितों की सहायता के लिए सरकार को शिविर लगाना चाहिए था परन्तु सरकार द्वारा इस प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की गई। अब जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा अपने संसाधानों पर निःशुल्क सहायता शिविर लगाये गये हैं तो राज्य सरकार के दबाव में स्थानीय प्रशासन द्वारा इन राहत शिविरों को हटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जो लोग इस आपदा से पीडित और प्रभावित हैं वे उत्तराखण्ड राज्य के ही नहीं विभिन्न राज्यों के हैं तथा बाहरी राज्यों से अपने जीवित या मृत परिजनों की खोज में आये लोगों के ठहरने, खाने-पीने आदि की कोई व्यवस्था स्थानीय प्रशासन द्वारा नहीं की गई है, उन्हें पूछने वाला भी कोई नहीं है तथा वे कडकडाती ठंड में खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हैं। जिलाधिकारी चमोली द्वारा जिस गुरूद्वारे में व्यवस्था की बात की जा रही है वह घटना स्थल से लगभग 10-12 कि.मी. की दूरी पर स्थित है तथा वहां आना-जाना भी काफी कठिन है।
प्रीतम सिंह ने दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी दैवीय आपदा के समय में राजनीति से ऊपर उठकर सभी को सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि घटना स्थल पर राहत एवं बचाय कार्य हेतु रेस्क्यू आॅपरेशन जारी है तथा लापता लोगों के परिजन अपने परिजनों के जीवन की आस लगाये वहां पर डटे हुए हैं उन लोगों की सेवा के लिए युवा कंाग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा एक सप्ताह से सेवाभाव से लगाये गये शिविर को स्थानीय प्रशासन द्वारा सरकार के दबाव में हटाया जाना चिन्ता का विषय है तथा यह भाजपा सरकार की दमनकारी नीतियों को बयां करता है। सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए इस प्रकार के हथकण्डे अपना रही है तथा इसके लिए प्रशासन का उपयोग कर रही है। प्रीतम सिंह ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि उन्होंने लगातार कडकडाती ठण्ड में बिना रूके पीडितों व प्रभावितों क सहायता की उसके लिए वे धन्यवाद के पात्र हैं।