बिरजा देवी शक्तिपीठ में शंकराचार्य जी के संकल्प पूर्ण होने हेतु लगाई गई गुहार
वाराणसी,
गौमाता को राष्ट्र माता घोषित कराने व गौकशी बंद कराने हेतु कृतसंकल्पित परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती 1008 जी महाराज के संकल्प के पूर्ण होने की मंगलकामना को लेकर आज शंकराचार्य जी महाराज में मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय के नेतृत्व में भक्तों भक्तों शक्तिपीठ जहां सती माता का नाभि गिरा था वहां जाकर दर्शन पूजन किया।जिसके अनन्तर उड़ीसा की अधिष्ठात्री देवी कटक चंडी जिनकी उड़ीसावासी जीवित देवी के रूप में पूजन करते हैं वहां भी जाकर दर्शन पूजन किया।साथ ही छतिया मठ जिसकी धर्मग्रन्थों में मान्यता है कि जब जगन्नाथ जी का मंदिर समुद्र में डूब जाएगा तब जगन्नाथ जी इसी मंदिर में विराजेंगे।इस मंदिर में जगन्नाथ जी का कल्कि अवतार के रूप में हाथ मे तलवार लिए अद्भुत विग्रह प्रतिष्ठित है।इस छतिया मठ के मंदिरों में जाकर भी दर्शन पूजन किया गया।और उड़ीसा की गंगा महानदी का भी पूजन कर शंकराचार्य जी महाराज का संकल्प पूर्ण होने होने हेतु सामूहिक प्रार्थना की गई।
दर्शन पूजन के पश्चात उपस्थित भक्तों को सम्बोधित करते हुए पूज्यपाद ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य जी महाराजश्री के मीडिया प्रभारी सजंय पाण्डेय ने कहा कि पूरी,भुवनेश्वर व कटक का उड़ीसा में मंदिरों के नगर के रूप में ख्याति है।इन नगरों के प्रमुख मंदिरों में दर्शन पूजन कर गौरक्षार्थ संकल्पित पूज्यपाद ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य जी महाराज द्वारा लिया गया कठिन संकल्प पूर्ण होने हेतु देवी देवताओं से प्रार्थना किया गया है।
साथ ही श्रीपाण्डेय ने कहा कि रामसेतु बचाने वाले,गंगा जी को राष्ट्रनदी घोषित कराने वाले,राम जन्मभूमि व राममंदिर का फैसला हिंदुओं के पक्ष में करवाने सहित सनातनधर्म के मूल्यों के रक्षा हेतु अनेकों बार संघर्ष कर सनातनधर्म के मूल्यों की रक्षा करने वाले सनातनधर्म के सर्वोच्च धर्मगुरु सचल शिव परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी महाराज वर्तमान समय मे सर्वदेवमयी गौमाता के रक्षा व उन्हें समुचित सम्मान दिलाने हेतु कठिन तप व संघर्ष कर रहे हैं।ऐसे में हर सनातनधर्मियों को उनके गौरक्षा अभियान से जुड़कर अपना जीवन धन्य बनाना चाहिए।क्योंकि गौमाता सिर्फ हमारे आस्था के सर्वोच्च शिखर पर प्रतिष्ठित ही नही है।अपितु भौतिक आवश्यकताओं की भी पूर्ति करती हैं।वेदलक्षणा गौमाता का आयुर्वेद में भी महत्ता सिद्ध हो चुका है।गौमाता का अमृत दूध तो जीवनदायी है ही साथ ही उनके मूत्र से कैंसर व अन्य असाध्य रोगों की दवा निर्मित होती है।गौमाता के संरक्षण संवर्धन हेतु सरकार को भी अपनी प्रतिबद्धता सुनिश्चित करनी चाहिए।
दर्शन पूजन के समय सर्वश्री:-गुड्डी पाण्डेय,शुभेंदु राय,अनन्या उपाध्याय सहित अनेकों लोग सम्मलित थे।