देहरादून ।टिहरी बांध से झील में पानी भरने से बांध से लगे एरिया केचारों ओर पानी के पीने से जमीन धंस रही है । जिससे प्रतापनगर के रास्ते पुल की मजबूती का ख़तरा बनाहुआ है।प्रतापनगर को जोड़ने वाले पीपल डाली पुल की एक दीवार पर गहरी दरार की खबर है यह पुल टिहरी बांध बनने के बाद प्रतापनगर को जिला मुख्यालय सहित अन्य क्षेत्रों को जोड़ने के लिए बनाया गया था,आज इस पुल की जर्जर खबर से मुझे काफी दुःख हो रहा है ,इस पुल से प्रतापनगर की धारमंडल ,रैका पट्टी के लोग सीधे तौर से और ओंण,भदुरा, रमोली, गाजणा तथा ढुंगमन्दार के लोग भी काफी हद तक दूसरे क्षेत्रों तक जाने के लिए निर्भर है,सरकार और विभाग की उदासीनता का ही नतीजा है कि प्रतापनगर को इस तरह के संकट से रूबरू होना पड़ रहा है,प्रतापनगर के लिए प्रस्तावित भारी वाहन पुल डोबरा चांठी का निर्माण पिछले 2006 से अधर में लटका है,और छोटे वाहनों को आर पार करने वाले पीपल डाली पुल की जर्जर की खबर भी आ ही गयी,दूसरे स्यांशु पुल की हालात भी जर्जर से कम नही उसका भी लम्बगांव वाला हिस्सा धँस रहा है,उत्तराखण्ड सरकार और लो नि वि को जल्द प्रतापनगर की जीवन रेखा इस पुल की मरम्मत और डोबरा पुल के निर्माण की गति को तेजी देनी होगी अन्यथा हम प्रतापनगरवासी इस 21वीं सदी में भी सड़क,अस्पताल,डॉक्टर,मास्टर,पुल आदि के लिए भी तरस ही रहे हैं।पीपलडाली,स्यांसु पुल के रखरखाव और डोबरा पुल के तेज निर्माण के लिए सरकार को धरातल पर ठोस कदम उठाने होंगे।
चन्द्रशेखर पैन्यूली