🚩🚩 जय ललिते 🚩🚩
आज के प्रवचन में पूज्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती जी महाराज द्वारा देवी वृन्दा और शंखचूड के चरित्र वर्णन किया गया । शंखचूड का भगवान शिव जी के साथ महायुद्ध । शंखचूड से कवच मांगकर वृन्दा के सतीत्व का हरण और महाराज शंखचूड का भगवान शिव के द्वारा उद्धार की कथा बताई गई है । 🚩
अभी हो रहे देवीभागवत के इस अद्भुत कथा के सीधा प्रसारण को आप श्रवण करें
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लाल किले से पीएम मोदी ने की CAA की तारीफ, बताया पड़ोसी देशों में बसे सिख समुदाय के हित में लिया फैसला
पीएम मोदी ने कहा कि लालकिला गवाह है. इस ऐतिहासिक ..
गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लाल किले से देश के नाम संबोधन हुआ था. कार्यक्रम इतना भव्य रखा गया, तैयार..
नई दिल्ली पहाडोंकीगूँज,कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, ”इससे पहले 2019 में हमें गुरुनानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व और 2017 में गुरु गोबिंद सिंह जी का 350वां प्रकाश पर्व मनाने का भी अवसर मिला था. मुझे खुशी है कि आज हमारा देश पूरी निष्ठा के साथ हमारे गुरुओं के आदर्शों पर आगे बढ़ रहा है. इस पुण्य अवसर पर सभी दस गुरुओं के चरणों में नमन करता हूं. आप सभी को, सभी देशवासियों को और पूरी दुनिया में गुरुवाणी में आस्था रखने वाले सभी लोगों को प्रकाश पर्व की हार्दिक बधाई देता हूं.”
पीएम मोदी ने कहा, ”आजादी के बाद के 75 वर्षों में भारत के कितने ही सपनों की गूंज यहां से प्रतिध्वनित हुई है, इसलिए आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान लाल किले पर हो रहा ये आयोजन बहूत विशेष हो गया है. ये लालकिला कितने ही अहम कालखण्डों का साक्षी रहा है. इस किले ने गुरु तेग बहादुर जी की शहादत को भी देखा है और देश के लिए मरने-मिटने वाले लोगों के हौसले को भी परखा है.” उन्होंने कहा, ”सैकड़ों काल की गुलामी से मुक्ति को, भारत की आजादी को, भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक यात्रा से अलग करके नहीं देखा जा सकता, इसलिए आज देश आजादी के अमृत महोत्सव को और गुरु तेग बहादुर साहिब के 400वें प्रकाश पर्व को एक साथ मना रहा है.”
उस समय देश में मजहबी कट्टरता की आंधी आई थी- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”गुरु तेग बहादुर जी के अमर बलिदान का प्रतीक गुरुद्वारा शीशगंज साहब भी है. ये पवित्र गुरुद्वारा हमें याद दिलाता है कि हमारी महान संस्कृति की रक्षा के लिए गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान कितना बड़ा था. उस समय देश में मजहबी कट्टरता की आंधी आई थी. धर्म को दर्शन, विज्ञान और आत्मशोध का विषय मानने वाले हमारे हिंदुस्तान के सामने ऐसे लोग थे, जिन्होंने धर्म के नाम पर हिंसा और अत्याचार की पराकाष्ठा कर दी थी. उस समय भारत को अपनी पहचान बचाने के लिए एक बड़ी उम्मीद गुरु तेग बहादुर जी के रूप में दिखी थी. औरंगजेब की आततायी सोच के सामने उस समय गुरु तेग बहादुर जी, ‘हिन्द दी चादर’ बनकर, एक चट्टान बनकर खड़े हो गए थे.”
दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन आज
इस कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार की ओर से दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सहयोग से किया गया. कल इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत कई बड़े नेता शामिल हुए थे. इस दो-दिवसीय (20 और 21 अप्रैल) कार्यक्रम के दौरान, देश के विभिन्न हिस्सों से रागी और बच्चे ‘शब्द कीर्तन’ में भाग ले रहे हैं. गुरु तेग बहादुर जी के जीवन को दर्शाने वाला एक भव्य लाइट एंड साउंड शो हुआ. इसके अलावा सिखों की पारंपरिक मार्शल आर्ट ‘गतका’ का भी आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम नौवें सिख गुरु, गुरु तेग बहादुर जी के उपदेशों को रेखांकित करने पर केंद्रित है.
गुरु तेग बहादुर जी को जानिए
गुरु तेग बहादुर जी ने विश्व इतिहास में धर्म एवं मानवीय मूल्यों, आदर्शों और सिद्धांतों की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया था. उन्हें मुगल शासक औरंगजेब के आदेश पर कश्मीरी पंडितों की धार्मिक स्वतंत्रता का समर्थन करने के लिए मार डाला गया था. उनकी पुण्यतिथि 24 नवंबर हर साल शहीदी दिवस के रूप में मनाई जाती है. दिल्ली में गुरुद्वारा सीस गंज साहिब और गुरुद्वारा रकाब गंज उनके पवित्र बलिदान से जुड़े हैं. उनकी विरासत इस राष्ट्र के लिए एकजुटता की एक महान शक्ति के रूप में कार्य करती है.
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चंपावत विधायक कैलाश गेहतूड़ी ने विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी को अपना इस्तीफा दिया
देहरादून चंपावत विधायक कैलाश गेहतूड़ी ने चंपावत विधानसभा सीट से अपना इस्तीफा दे दिया है कैलाश आज देहरादून में मंदिर में दर्शन करने के बाद विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी के आवास पहुंचे जहां उन्होंने विधानसभा इस्तीफा सौंप दिया है।
कैलाश गहतोड़ी के विधानसभा सीट से इस्तीफा देने के बाद अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चंपावत से चुनाव लड़ेंगे ।मुख्यमंत्री धामी आज चंपावत जा रहे हैं जहां वह वहां मंदिर में दर्शन के बाद जनता से आशीर्वाद लेंगे ।इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास,सौरभ बहुगुणा, विधायक खजाना दास विधानसभा अध्यक्ष के आवास पर मौजूद रहे।ज्ञात रहे कि देहरादून में
चंपावत विधायक कैलाश गेहतूड़ी ने मुख्यमंत्री के चयन के लिए कहा था कि यदि पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो वह अपनी सीट से त्याग पत्र खुशी से देंगें। इस बात का संज्ञान पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री बनने के बाद लिया और मुख्यमंत्री बनने पर चम्पावत का सबसे पहले भ्रमण करने का कार्यक्रम बनाया।
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पौड़ी,जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ0 विजय कुमार जोगदण्डे आज जिले में फसलों की औसत उपज और उत्पादन के आंकड़े संकलन को लेकर तहसील पौड़ी के अन्तर्गत गगवाड़स्यूं पट्टी के ग्राम पंचायत उज्याड़ी में गेहूं की फसल पर की जा रही क्रॉप कटिंग का जायजा लिया।
इस दौरान उन्होंने गेहंू की पकी फसल काटकर क्रॉप कटिंग का शुभारंभ किया। राजस्व विभाग ने उज्याड़ी गांव के कृषक सुदर्शन नेगी के गेहूं के खेत में 30 वर्ग मीटर का प्लाट बनाकर सीसीई एग्री ऐप के माध्यम से क्रॉप कटिंग का प्रयोग किया। जिसमे 9 किलो 200 ग्राम गेहूं की फसल प्राप्त हुई। जिलाधिकारी ने खेत का नक्शा, खसरा, रजिस्टर आदि भू-अभिलेखों की जांच करते हुए किसानों से बोये गए गेहूं के बीज के बारे में जानकारी ली। जिलाधिकारी को अपने मध्य पाकर ग्रामीण प्रसन्न दिखे तथा गांव की समस्याओं से भी अवगत कराया। जिस पर जिलाधिकारी ने शीघ्र निस्तारण करने का भरोसा दिया।
जिलाधिकारी डा0 जोगदण्डे ने कहा कि क्रॉप कटिंग प्रयोगों के आधार पर ही जिले में फसलों की औसत उपज और उत्पादन के आंकड़े तैयार किए जाते हैं, जिससे जिले में हो रहे उत्पादन की सटीक जानकारी हासिल की जाती है। अंतिम आंकड़े परीक्षण के उपरांत राज्य स्तर पर कृषि निदेशालय जारी करता है। कहा कि क्रॉप कटिंग के प्रयोगों से प्राप्त उत्पादन के आंकड़ों के आधार पर क्षतिपूर्ति और फसल बीमा की राशि निर्धारित की जाती है। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित अधिकारियों को क्षेत्र बांटकर क्रॉप कटिंग की कार्यवाही सम्पन्न कराने के निर्देश दिए हैं। कहा कि समस्त तहसीलों में क्षेत्रवार क्रॉप कटिंग की जा रही है। क्रॉप कटिंग के आधार पर ही फसल उत्पादन का डाटा तैयार किया जाता है। जिससे क्षेत्र में फसल उत्पादन की सही जानकारी मिल सकेगी।
जिलाधिकारी डॉ0 जोगदण्डे ने उज्याड़ी गांव में स्थानीय लोगों की समस्याएं भी सुनी। ग्रामीणों ने जंगली सुंवरों द्वारा फसलों को नष्ट करने तथा गांव के उपरी ओर बन रही सड़क से पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त होने की जानकारी दी गयी। जिलाधिकारी ने क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन को सुचारू करने के लिए कार्यदायी संस्था को दूरभाष के माध्यम से निर्देश दिये। उन्होंने खेतों में घेरबाड़ करने, सड़कों की स्थिति सुधारने, सिंचाई नहर सुचारू करने, कृषि विभाग से बीज उपलब्ध कराने तथा पशुओं द्वारा फसल नष्ट सहित अन्य समस्याओं का निस्तारण हेतु कार्यवाही करने का आश्वाशन दिया।
इस अवसर ग्राम सहायक भू लेख अधिकारी पूरन प्रकाश रावत, अपर जिला सांख्यिकी अधिकारी रविन्द्र चौहान, राजस्व उपनिरीक्षक गगवाडस्यंू गौरव लिंगवाल, प्रधान उज्याड़ी/कृषक सुदर्शन सिंह नेगी, पूर्व प्रधान केसर सिंह कठैत सहित समिला देवी, ज्योति देवी, रानी देवी, सुचिता देवी उपस्थित थे।
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प्रेस निमंत्रण में संपादक/ ब्यूरो चीफ/ संवाददाता महोदय/समस्त प्रिंट मीडिया/ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं वेब पोर्टल आमंत्रित किए हैं
महोदय,
सादर अवगत कराना है कि दिनांक 22 अप्रैल 2022 को REACH संस्था द्वारा एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया जा रहा है। प्रेस वार्ता का मुख्य उद्देश्य “विरासत आर्ट एंड हेरीटेज फेस्टिवल 2022“ से संबंधित है जो 15 अप्रैल से 29 अप्रैल 2022 तक डॉ. बी. आर. अंबेडकर स्टेडियम (कौलागढ़ रोड) देहरादून में चल रहा है।
प्रेस वार्ता को REACH संस्था के वरिष्ठ सदस्यों द्वारा संयुक्त रूप से संबोधित किया जाएगा
दिनांकः-22 अप्रैल 2022
स्थानः- एल पी रेजीडेंसी, 32 कौलागढ़ रोड, राजेंद्र नगर, देहरादून
समयः-12:30 (दोपहर) बजे प्रेस वार्ता में दोपहर भोजन कि व्यवस्था की गई है अतः आप सबसे निवेदन है कि उपर्युक्त दिए गए समय अनुसार आने का कष्ट करें
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सुमेधा सेनगुप्ता के पारंपरिक ओडिसी नृत्य ने विरासत के आंगन को सुरमई बना दिया
राजस्थान के लंगा मंगनियार और कालबेलिया प्रस्तुतियों ने विरासत के लोगो का मन मोह लिया
विरासत मे देहरादून के स्कूली छात्र-छात्राओं के लिए आर्ट एंड क्राफ्ट कार्यशाला का आयोजन किया गया
देहरादून-21 अप्रैल 2022- विरासत आर्ट एंड हेरिटेज फेस्टिवल 2022 के सातवें दिन की शुरुआत डॉ. बी. आर. अंबेडकर स्टेडियम (कौलागढ़ रोड) देहरादून में आर्ट एंड क्राफ्ट कार्यशाला के साथ हुआ। इस वर्कशॉप में देहरादून के 7 स्कूलों के लगभग 150 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। इस कार्यशाला के अंतर्गत छात्र छात्राओं ने शिल्पकार मास्टर के साथ मिलकर विभिन्न प्रकार के कला और आर्ट बनाने का प्रशिक्षण लिया। इस कार्यशाला में मिट्टी के बर्तन बनाना, जुट की गुड़िया बनाना, गुब्बारे पर कलाकृतियां उकेरना, फेस आर्ट, मंदाना आर्ट, ब्लॉक प्रिंटिंग एवं पतंग बनाना जैसे कला शामिल थे।
सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ एवं सुमेधा सेनगुप्ता द्वारा ओडिसी नृत्य प्रस्तुत किया गया जिसमें पखावज पर प्रफुल्ल मंगराज, सितार पर जावेद, गायक सरोज मोहंती सहयोगी कलाकार रहे। ओडिसी नृत्य भगवान जगन्नाथ की स्तुति के साथ शुरू हुआ एवं उनकी अगली प्रस्तुति शंकरवर्णम पल्लवी थी जिसकी रचना राग शंखवर्णी में गुरु केलुचरण महापात्र ने एक ताल में की थी वही अंमित प्रस्तुति गुरु केलुचरण महापात्र द्वारा रचित अर्धनारीश्वर का चित्रण था।
सुमेधा सेनगुप्ता कोलकाता की एक प्रसिद्ध ओडिसी नर्तकी है एवं वे पांच साल की उम्र से ही प्रसिद्ध गुरु श्री गिरिधारी नायक के मार्गदर्शन में अपनी यात्रा शुरू की। उन्होंने ओडिसी नृत्य को कई अन्य गुरुओं से प्रशिक्षण लेने के बाद, अपना एक नृत्य विद्यालय “आंगन“ की शुरुआत की। सुमेधा सेनगुप्ता अपने “आंगन“ के विद्यार्थियों को इस खूबसूरत पारंपरिक ओडिसी नृत्यों कि प्रशिक्षित देती है जो वर्तमान में रांची में है। उन्होंने रवींद्रनाथ के कई डांस को भी कोरियोग्राफ किया है और संस्कृति मंत्रालय के लिए “उर्मिला“ का निर्देशन भी किया है। वर्तमान में सुमेधा संस्कृति मंत्रालय के तहत इंदिरा गांधी संस्कृति कला केंद्र मे एक अधिकारी के रूप में काम करती हैं।
वह कला और संगीत की सार्वभौमिकता में विश्वास करती हैं और उनका मानना है कि एक कालाकार को विभिन्न प्रकार के कलाओ के संपर्क में आने के बाद उसकी आत्मा विभिन्न प्रकार से पोषित होती है जो एक कलाकार को उच्च स्तर पर ले जाती है और अपने समुदाय में सद्भावना फैलाती है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्य प्रस्तुतियों में राजस्थान के पंधे खान अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकार मंच द्वारा लंगा मंगनियार लोक संगीत एवं कालबेलिया नृत्य प्रस्तुत किया गया। पंधे खान के समूह के गायक मुश्ताक खान, शाय कहनी एवं दीन मोहम्मद थे वही सिद्दीक खान वोकल में, खड़ताल पर थानु खान एवं ढोलकी पर देउ खान ने अपनी प्रस्तुति दी। पंधे खान अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकार मंच द्वारा प्रस्तुतियों में केसरिया बलमा पधारो म्हारे देस… और फिर सूफी कलाम दामा दम मस्त कलंदर के साथ कार्यकम्र शुरू किया गया।
राजस्थान के कलाकारो द्वारा इस प्रस्तुति ने पुर विरासत के दर्शको को अपने संगीत के धुन से सराबोर कर दिया। बताते चले कि मंगनहार भारत में राजस्थान के रेगिस्तान में पाया जाने वाला एक समुदाय है जो ज्यादातर पाकिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्र सिंध प्रांत के बाड़मेर, जैसलमेर और सांघार जिलों से आते है एवं वे लंघा समुदाय के साथ-साथ अपने लोक संगीत के लिए भी जाने जाते हैं जो एक पारंपरिक पेशेवर संगीतकारों के समूह है। मंगनहार थार रेगिस्तान के लोक संगीतकार हैं एवं उन्होंने अपने गीतों को पीढ़ी दर पीढ़ी रेगिस्तान के मौखिक इतिहास के रूप में प्रस्तुत किया है। उनके सभी वाद्ययंत्र पारंपरिक हैं और अभी भी उनके उपयोग किए जाते हैं वही कमाइचा, आम की लकड़ी से बना 17-तार का एक अनूठा झुका हुआ वाद्य यंत्र है, इसका गोलाकार गुंजयमान यंत्र बकरी की खाल से ढका होता है एवं वे सभी पारंपरिक वाद्ययंत्र आज भी उपयोग किए जाते है ।
वही पंधे खान अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकार मंच द्वारा अगली प्रस्तुति कालबेलिया नृत्य किया गया जिसमें जशोदा सपेराण और नैना सपेराणी ने अपना नृत्य प्रस्तुत किया। कालबेलिया नृत्य कालबेलिया संस्कृति का एक अभिन्न अंग है, यह नृत्य और गीत कालबेलियों के लिए गर्व की बात है और यह उनके पहचान का प्रतीक भी हैं। बताते चले कि यह कालबेलिया राजस्थान के थार रेगिस्तान से सांप पकड़ने वाली एक जनजाति है और नृत्य उनकी संस्कृति का एक अभिन्न भाग है जो पुरुषों और महिलाओं द्वारा किया जाता है। उन्हें सपेरा, जोगिरा, गट्टीवाला और पूगीवारा भी कहा जाता है, इसलिए कालबेलिया समुदाय की नृत्य, चालें और वेश-भूषा नागों से मिलती जुलती है जो खानाबदोश जीवन जीने के प्रतिक भी है।आप सभी के लिए एक सुनहरा मौका उत्तराखंड देहरादून के शिमला रोड आईएसबीटी से मात्र 8 किलोमीटर की दूरी पर गणेशपुर मैं रुपए 12500 में सस्ते दरों पर आवासीय प्लॉट उपलब्ध है! हमारा उद्देश्य है ‘हर व्यक्ति का सपना घर हो अपना’ पहले आओ पहले पाओ!
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उपासना कंपलेक्स बल्लूपुर चौक देहरादून! एवं शिमला रोड गणेशपुर निकट पेट्रोल पंप 💐
इस नृत्य में पुरुष प्रतिभागी संगीत वाद्ययंत्र बजाते हैं जिसमें पुंगी जो पारंपरिक रूप से सांपों को पकड़ने के लिए बजाया जाने वाला एक लकड़ी का वाद्य यंत्र है वही डफली, खंजरी, मोरचांग, खुरालियो और ढोलक जैसे वाद्ययंत्र के धुन पर नर्तकी अपनी प्रस्तुतियां देती है।
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श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय तेल कलश यात्रा दर्शन हेतु ऋषिकेश पहुंचेगे।
• गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा 22 अप्रैल को नरेन्द्र नगर राज दरबार से शुरू होगी।
ऋषिकेश/देहरादून: 19 अप्रैल। श्री बदरीनाथ गाडू घड़ा तेल कलश 22 अप्रैल शायंकाल राजमहल नरेंद्र नगर से मंदिर समिति के रेल्वे रोड स्थित चेला चेतराम धर्मशाला पंहुचेगा। 23 अप्रैल दोपहर तक गाडू घड़ा दर्शनार्थ मंदिर समिति के चेला चेतराम यात्री विश्राम गृह रहेगा 23 अप्रैल को प्रात: श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय तेल कलश के दर्शन हेतु पहुंचेंगे।
मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार तथा मंदिर समिति सदस्य क्रमश आशुतोष डिमरी, भास्कर डिमरी, बीरेंद्र असवाल सहित समिति के मुख्य कार्याधिकारी बी. डी. सिंह भी ऋषिकेश पहुंच कर तेल कलश के दर्शन करेंगे।
मंदिर समिति मुख्य कार्याधिकारी बी.डी. सिंह ने बताया कि गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा हेतु समिति के ऋषिकेश एवं श्रीनगर विश्राम गृहों में आवासीय व्यवस्था हेतु आदेश दिये है। इस मौके पर भगवान बदरीविशाल गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा का भब्य स्वागत किया जायेगा
डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार तेल कलश यात्रा 22 अप्रैल को राजदरबार नरेंद्र नगर से चल कर मंदिर समिति के चेलाचेतराम धर्मशाला पहुंचेगी। श्रद्धालुओं के दर्शन करने के बाद तेल कलश यात्रा 23 अप्रैल शाम को श्रीनगर प्रवास करेगी 24 अप्रैल को श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर डिम्मर पहु़चेगी। 5 मई जोशीमठ, 6 मई पांडुकेश्वर 7 मई श्री बदरीनाथ धाम पंहुचेगी 8 मई को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। इस अवसर पर डिमरी पंचायत के कार्यकारी अध्यक्ष श्रीराम डिमरी मंदिर समिति के पूर्व सदस्य एडवोकेट हरीश डिमरी, विनय डिमरी,पंकज डिमरी राजेंद्र डिमरी, शुभाष डिमरी, ज्योतिष डिमरी, शिव प्रकाश डिमरी, दिनेश डिमरी सहित डिमरी पंचायत के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में गाडू घड़ा यात्रा में शामिल रहेगे।संपादक जीतमणि पैन्यूली का है नारा लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया का संवैधानिक अधिकार डिजयेगा हमारा
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अंधी तूफान से किसानों की फसलें तहस नहस होगई हैं।हवा में उड़ते हुए गेहूँ की सुखाने के लिए बंधी हुई ढेर कतरे कतरे में उड़ गए।
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हाथ कनग को अरसी क्या पढें लिखे को फारसी भाषा कोई चीज नहीं है।।देहरादून स्मार्ट सिटी का देखिए हाल 1430 करोड रुपये जनता का फूंकने का नही है मलाल सड़कों पर जनता का चलने के लिए होगये बेहाल।जनता बेबस हैं क्योंकि अपने हाथ काट कर सरकार बनाई हैं।जिनके रहमोकरम पर जीने के लिए मजबूर हैं।