प्रधान लोगो को पलायन रोकने कद लिये गंभीर होकर काम करने की आवश्यकता है
राज्य बने हुये 17 साल होगये उत्तराखंड में 350 गावँ विरान हैं पांच लाख से ज्यादा बेरोजगार है।प्रधान प्रदेश ,देश के विकास करने की पहली कड़ी है ।परंतु प्रधान अपने गाँव के विकास के बजाय वहां से पलायन करने के लिये संसाधन जोड़ने में ज्यादा ध्यान दे रहे हैं ।यह प्रदेश के सेहत के लिए ठीक नही है ।इस पर प्रधान संगठन को पहले विचार करना चाहिये ।प्रत्येक गावँ की अपनी पहचान है उस गावँ के लोगो को उस दिशा में आगे काम करने के लिये प्रशिक्षण के तौर पर गावँ की योजनाओं में जोड़ने का कार्य करना चाहिए ।पहाड़ पर इलेक्ट्रॉनिक एसिम्बल का काम छोटे छोटे उद्योग को बढ़ाने की आवश्यकता है बच्चों की रुचि को देखते हुये स्वयं सहायता समूह को के माध्यम से गावँ के लगो को स्थाई रोजगार देने के लिये काम करने की आवश्यकता है ।पारम्परिक दस्तकारी माना आपके गावँ में कोई कारीगर नासपाती, निम्बू की लकड़ी की कंगी अन्य सामान बनाता है तो उसके ज्ञान को गांव के बच्चों लड़की ,लड़के को देने के लिये उसकी मदद गावँ की योजनाओं से करने की आवश्यकता स्वयं सहायता समूह बनाकर ,उनके उत्पाद प्रदर्शनी ,चार धाम यात्रा ,गोविन्द घाट ,गुरूद्वारों में 1लाख यात्री हेमकुंड साहिब तो आते ही है यात्रा सीजन में एक लाख कंगी से इन लकड़ी की कंगी के प्रयोग से नजला, रूसी सर को बचाये रखने के गुण होने के कारण लाभ कारी है।प्लास्टिक नुकसान दायक है।अपने गावँ के बचो को संगीत ,ढोल सागर से जोड़ने ,चर्म से जूते स्वास्थ्य के लिये हित कारी है।ऐसे अपने गावँ को आर्थिक सम्पन बनाने के लिये कार्य करने की आवश्यकता है।अपने गावँ छेत्र को आर्थिक सम्पन्न बनाने के लिये योजनाओं को बनाने की आवश्यकता है गाँव मे स्थाई रोजगार बढ़ाने के लिए आवश्यकता है आर्थिक बनाने के लिये लाखो रूपये रहे हैं। वर्ष1950 में जितना बजट जिला भर की ग्राम सभा का होता था उससे कई गुना ज्यादा अब एक गावँ को मिल रहा है लेकिन गांव आवाद की जगह खाली होरहे हैं गाँव मे रोजगार के लिये पर्यटन ,मेले थोलो को बढ़ावा देने के लिये ट्रेकिंग को बढ़ाने के लिये ।उत्तराखंड में अपार संभावनाएं हैं।पशुपालन, पेड़ लगाने ,जैविक खाद , धूप बाती ,हाव पर ईमानदारी से कार्य करने की आवश्यकता है ।अपने गावँ की विशेषता के वास्तविक स्वरूप को आगे बढ़ाने मे हमेआगे आने की पहल तो गावँ के प्रथम नागरिक को करनी है।सेना की भर्ती देहरादून से अंदाजा लगाया जासकता है ।गावँ के प्रथम नागरिक इनको रोजगार देने की चाहत रखते हुये इच्छा शक्ति के अभाव से जोड़ने के लिये गंभीरता से आगे नही आपाये है। आपकी अपने गाँव के विकास के लिये रूचि बनाये रखें अपने गावँ के बारेमें जानकारी ,पहनवा, खानपान, व्यबसाय, रीति रिवाज फसलों के उत्पादन पहले क्या क्या होते थे अब क्या क्या हो रहे हैं गावँ में सेमिनार अपने उत्पादों के लिये कराएं।सडक़ मार्ग से दूरी ।मेले थौले ।फ़ोटो के द्वारा प्रचार प्रसार करने के लिये काम करें ।
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