इस्लामाबाद। जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के बाद भारत की ओर से जारी नए राजनीतिक नक्शे को पाकिस्तान ने खारिज कर दिया है।
जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को भारत ने 5 अगस्त, 2019 को निष्प्रभावी कर दिया था। इसके साथ ही राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांटने का भी फैसला लिया गया था।
इस निर्णय के बाद 31 अक्टूबर को दोनों केन्द्र शासित प्रदेश अस्तित्व में आए। इसके बाद भारत के गृह मंत्रालय ने 2 नवंबर 2019 को एक राजनीतिक नक्शा जारी किया जिसे पाकिस्तान ने खारिज कर दिया। इस नक्शे में दोनों नए केंद्र शासित प्रदेशों के तहत गिलगित-बाल्टिस्तान और पाक प्रशासित कश्मीर के हिस्सों को भी दिखाया गया हैं।
पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान के हिस्सों को भारत के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के भीतर दिखाए जाने को पाकिस्तान ने गलत, कानूनी रूप से अपुष्ट, अमान्य और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों की प्रासंगिकता का पूर्ण उल्लंघन करार दिया है। पाकिस्तान की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हम जोर देकर कहते हैं कि भारत का कोई भी कदम संयुक्त राष्ट्र से जम्मू कश्मीर को ष्विवादितष् दर्जे के रूप में मिली मान्यता को नहीं बदल सकता है।
पाकिस्तान ने कहा कि ाारत सरकार के इस तरह के उपाकिस्तान ने यब भी कहा कि वह ष्संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार आत्मनिर्णय के अपने अधिकार का प्रयोग करने के लिए भारत के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर के लोगों के वैध संघर्ष को अपना समर्थन देना जारी रखेगा। इन उपायों ं से भारत के जम्मू कश्मीर में रह रहे लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। गौरतलब है कि भारत सरकार ने शनिवार को जम्मू कश्मीर और लद्दाख के केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद नया नक्शा जारी किया था। भारत के सर्वे जनरल ने इस नक्शे को तैयार किया है। गृह मंत्रालय ने अपने बयान के मुताबिक, केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में दो जिले होंगे- करगिल और लेह. इसके बाद बाक़ी के 26 जिले जम्मू कश्मीर में होंगे। भारत सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सुपरविजन में जम्मू कश्मीर और लद्दाख की सीमा को निर्धारित किया गया है।