HTML tutorial

पाण्डे ने प्रधानों को पिलाई घूट विकास की मिलि छूट

Pahado Ki Goonj
संयुक्त निदेशक पंचायतीराज  डी.पी.देवराड़ी ने बताया कि पंचायतीराज मंत्री  अरविन्द पाण्डेय ने ग्राम प्रधानों द्वारा उनकी विभिन्न मांगों को लेकर चल रहे धरने को जूस पिलाकर समाप्त कराया। ग्राम प्रधानों के साथ हुयी वार्ता के दौरान पंचायतीराज मंत्री  पाण्डेय ने आश्वासन दिया कि चतुर्थ राज्य वित्त आयोग की संस्तुति के आधार पर ग्राम पंचायतों को कम धनराशि दिये जाने के सम्बन्ध में ग्राम पंचायतों को जो धनराशि वर्ष 2017-18 में अवमुक्त की गयी है, उस धनराशि के अन्तरण में वृद्धि कर दी जाएगी। यह वृद्धि वित्तमंत्री एवं वित्त विभाग से विचार विमर्श के पश्चात राज्य मंत्री मण्डल की बैठक के निर्णय के अनुसार की जाएगी।
उन्होंने ग्राम प्रधानों को आश्वासन दिया कि उत्तराखण्ड पंचायतीराज नियमावली, 2017 लागू करने हेतु शीघ्र ही मंत्रीमण्डल के समक्ष रखी जाएगी। 73वें संविधान संशोधन के अंतर्गत विकेन्द्रीकरण व्यवस्था लागू करने हेतु शासन स्तर पर प्रमुख सचिव/सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति ग्राम प्रधानों से भी सुझाच आमंत्रित करेगी तथा नियमानुसार अपनी संस्तुति देगी।प्रधानों को समर्थन देने के लिये पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत,पूर्व पंचायत राजमंत्री एवं अध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस  कमेटी प्रीतम सिंह ,नेता प्रतिपक्ष डॉ इंद्राहृदेश,उक्रांद ,सीपीआई के नेता आदि संघटन आगे आये यह पहली घटना है जब  प्रधानो को अपनी मांग मनाने के लिये सिर मुंडन करना पड़ा।पंचायत राजमंत्री अरविंद पाण्डे ने प्रधानों को जूस की पिलाई घूट उनको अपने विकास करने की देदी छूट।
 प्रधान लोग ध्यान दें
प्रधान प्रदेश के विकास करने की पहली कड़ी है ।परंतु प्रधान अपने गाँव के विकास के बजाय वहां से पलायन करने के लिये संसाधन जोड़ने में ज्यादा ध्यान दे रहे हैं ।यह प्रदेश के सेहत के लिए ठीक नही है ।इस पर प्रधान संगठन को पहले विचार करना चाहिये ।प्रत्येक गावँ की अपनी पहचान है उस गावँ के लोगो को उस दिशा में आगे काम करने के लिये प्रशिक्षण के तौर पर गावँ की योजनाओं में जोड़ने का कार्य करना चाहिए  ।माना आपके गावँ में कोई कारीगर नासपाती, निम्बू की लकड़ी की कंगी अन्य सामान बनाता है तो उसके ज्ञान को गांव के बच्चों लड़की ,लड़के को देने के लिये उसकी मदद गावँ की योजनाओं से करने की आवश्यकता स्वयं सहायता समूह बनाकर ,उनके उत्पाद   प्रदर्शनी ,चार धाम यात्रा ,गोविन्द घाट ,गुरूद्वारों में 1लाख यात्री हेमकुंड साहिब तो आते ही है इन लकड़ी की कंगी के प्रयोग से नजला, रूसी  सर को बचाये रखने के गुण होने के कारण लाभ कारी है।प्लास्टिक नुकसान दायक है।अपने गावँ के बचो को संगीत ,ढोल सागर से जोड़ने ,चर्म  से जूते स्वास्थ्य के लिये हित कारी है।ऐसे अपने गावँ को आर्थिक सम्पन बनाने के लिये कार्य करने की आवश्यकता है।अपने गावँ छेत्र को आर्थिक सम्पन्न बनाने के लिये योजनाओं को बनाने की आवश्यकता है गाँव मे स्थाई रोजगार बढ़ाने के लिए आवश्यकता है आर्थिक बनाने के लिये लाखो रूपये रहे हैं 1950 में जितना बजट जिला भर की ग्राम सभा का होता था उससे कई गुना ज्यादा अब एक गावँ को मिल रहा है लेकिन गांव आवाद की जगह खाली होरहे हैं इस पर  ईमानदारी से कार्य करने की आवश्यकता है अपने गावँ की विशेषता के वास्तविक स्वरूप को आगे बढ़ाने मे आगे आने की पहल तो गावँ के प्रथम नागरिक को करनी है।
Next Post

पलायन रोकने के लिये प्रधान आगे आएं

 प्रधान लोगो को पलायन रोकने कद लिये गंभीर होकर काम करने की आवश्यकता है राज्य बने हुये 17 साल होगये  उत्तराखंड में 350 गावँ विरान हैं पांच लाख से ज्यादा बेरोजगार  है।प्रधान प्रदेश ,देश के विकास करने की पहली कड़ी है ।परंतु प्रधान अपने गाँव के विकास के बजाय वहां […]

You May Like