गैरसैंण राजधानी के लिए 93वाँ धरने पर 25 दिसम्बर को आर पार लड़ाई की गोपनीय रण नीति बनाई
*व्यवस्था के प्रमुख स्तंभाकारों को, गैरसैंण राजधानी मुद्दे पर, नए सिरे से झकझोरेगा आर-पार आंदोलन| वैचारिक आंदोलन धरना स्थल से अब आगे बढ़कर सड़कों पर उतरेगा| |*
देहरादून 18 दिसम्बर 2018| गैरसैंण को पूर्णकालिक व स्थाई राजधानी बनाने को लेकर *गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान* का धरना 93वाँ दिवस में प्रवेश कर गया| *गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान* के रणनीतिकारों ने 25 दिसम्बर 2018 से प्रारम्भ हो रहे *आर-पार* आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने हेतु दून के प्रसिद्ध संगठन *हमारा उत्तरजन मंच (हम)* के साथ बैठकर ठोस विमर्श किया है| *गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान* के मंच पर पहुंचे *हमारा उत्तरजन मंच (हम)* संगठन के पदाधिकारियों ने गैरसैंण राजधानी बनाने की आवश्यकता पर पर्चा-पोस्टर निकालने व जनता के बीच व्यापक जागरूकता आंदोलन छोड़ने की बात कही| *हमारा उत्तरजन मंच (हम)* संगठन के अध्यक्ष श्री रणवीर चौधरी, उपाध्यक्ष श्री कमल देवराड़ी और महासचिव श्री समीर मुंडेपी ने पर्चा-पोस्टर के माध्यम से विश्वविद्यालयों व विभिन्न कार्यस्थलों पर अभियान की जिम्मेदारी लेने की बात कही| *गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान* की ओर से विमर्श में सम्मिलित हुए अभियानकर्मियों में मनोज ध्यानी ने आर-पार आंदोलन की व्यापक रूपरेखा व आंदोलन की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि गैरसैंण पर और अधिक हीला-हवाली प्रदेश के हित में नहीं रहेगी| बताया गया कि अभियान द्वारा यह तय किया गया है कि गैरसैंण की आवश्यकता पर व्यवस्था के प्रमुख स्तंभाकारों को नए सिरे से झकझोरा जाएगा और वैचारिक आंदोलन को धरना स्थल से आगे बढ़ाकर, अब सड़कों पर उतारा जाएगा| रणनीतिक बैठक की चर्चा में मदन सिंह भंडारी, डीएवी महाविद्यालय के महासचिव सचिन थपलियाल, मुख्य संयोजनकर्ता लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल, आह्वान के प्रकाश गौड़ एवम् अंकित बिष्ट, जनगीतकार संजय थपलियाल आदि भी सम्मिलित हुए|
वहीं *गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान* के 93वाँ दिवस के धरना पर बैठने व समर्थन में गैरसैंण अभियानकर्मियों में *मदन सिंह भंडारी, मनोज ध्यानी, हर्ष मैंदोली, लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल, राकेश चन्द्र सती, कमल देवराड़ी, श्रीमती सुमन डोभाल काला, पुष्कर नेगी, जय नारायण बहुगुणा, सुरेश नेगी, उदवीर पंवार, भरत सिंह रावत, इंजीनियर आनंद प्रकाश जुयाल, जीतमणि पैन्यूली, पी.एस. रांगड़, कृष्ण काँत कुनियाल, रविन्द्र प्रधान, अनिल शाह* आदि आंदोलनकारी उपस्थित रहे।