वैकल्पिक चिकित्सा⁄ आयुर्वेद
आज प्रदूषण एवं खान पान से कई प्रकार की कमी की वजह से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हो रही है इसके लिए हल्दी कारगर उपाय तो है ही परन्तु हल्दी से ज्यादा गुणकारी काली हल्दी व कर्चुर है ।कर्चुर के इस्तेमाल से फेफड़ों की सूजन को करें कम करने के साथ साथ इसके बहुत फायदे हैं।
जानें इसके अन्य 12 फायदे और उपयोग करने का तरीका
कर्चुर कई आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर है। इसके इस्तेमाल से आपके स्वास्थ्य को कई फायदे हो सकते हैं। चलिए जानते हैं इस बारे में-
कर्चुर एक बहुत ही दुर्लभ जड़ी-बूटी है। इसमें कई आयुर्वेदिक औषधीय गुण मौजूद होते हैं। आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल कई बीमारियों को दूर (Karchur Health Benefits ) करने के लिए किया जाता है। इसे काली हल्दी के नाम से भी जाना जाता है। गाजियाबाद स्वर्ण जयंती के आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर राहुल चतुर्वेदी बताते हैं कि कर्चुर की तासीर गर्म होती है। इसके इस्तेमाल से रक्त के विकारों को दूर किया जा सकता है। साथ ही यह बवासीर, खांसी, हिक्का, शूल, दुर्गंध, उल्टी जैसी समस्याओं को दूर करने में लाभकारी होते हैं। साथ ही आप शरीर में मौजूद बैक्टीरिया को रोकने में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। चलिए विस्तार से जानते हैं कर्चूर के फायदे (Karchur Health Benefits ) और नुकसान-
1. गले की गांठ से दिलाए राहत
कर्चूर का तना गले की गांठ से राहत दिलाने में असरकारी होता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए कर्चूर के तनों को अच्छे से पील लें। अब इस लेप को अपने गले की क्षयज ग्रंथि पर लगाएं। इससे गले की गांठ और सूजन कम होती है। साथ ही गले के दर्द से आपको राहत मिलता है।
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2. सांसों की बदबू को करे कम
सांसों में बदबू आने से काफी ज्यादा असहज महसूस होता है। अगर आप इस समस्या से राहत पाना चाहते हैं, तो इसके लिए कर्चुर के तनों से काढ़ा तैयार कर लें। अब इस काढ़े से गरारा और कुल्ला करें। इससे मुंह की दुर्गंध दूर हो सकती है। साथ ही सांसों से आने वाली बदबू से आप मुक्ति पा सकते हैं।
3. दांतों की परेशानी से दिलाए राहत
दांतों की कैविटी, दांतों में दर्द या फिर दांतों से जुड़ी अन्य परेशानी से राहत दिलाने में कर्चूर का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए कर्चुर के टुकड़ों को दांतों के बीच दबाकर रखें। इससे दांतों का दर्द, सूजन और दांतों से जुड़ी अन्य बीमारियां दूर हो सकती हैं।
4. खांसी से दिलाए राहत
बदलते मौसम में खांसी-जुकाम होना आम बात है। अगर आप खांसी से परेशान हैं, तो कर्चूर आपकी इस परेशानी को कम कर सकता है। इसके लिए कर्चूर के 1-2 छोटे-छोटे टुकड़ों को अपने मुंह में रखें। धीरे-धीरे इसे चूसने से खांसी की समस्या से लाभ मिलेगा।
5. फेफड़ों के सूजन को करे कम
फेफड़ों के सूजन को कम करने के लिए कर्चुर का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए कर्चूर को अच्छी तरह पीस लें। अब इसे अपनी छाती पर लगाएं। नियमित रूप से इस लेप को छाती में लगाने से फेफड़ों की सूजन को कम किया जा सकता है।
6. खाने की इच्छा बढ़ाए
अगर आपको या आपके बच्चे की खाने की इच्छा कम हो रही है, तो इस स्थिति में कर्चुर का सेवन करना आपके लिए असरकारी हो सकता है। इसके लिए कर्चुर के काढ़े में 1-2 काली मिर्च, 1 टुकड़ा मुलेठी और आधा चम्मच मिश्री मिलाएं। इस काढ़े को पीने से आपका भूख बढ़ेगा। साथ ही शरीर की कमजोरी भी दूर हो सकती है।
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7. बवासीर रोगियों के लिए फायदेमंद
बवासीर की परेशानी होने पर कर्चुर को पीसकर अपने मस्सों पर लगाएं। इससे बवासीर में काफी लाभ मिलेगा। इसके इस्तेमाल से मस्सों से ब्लड निकलता, दर्द होना जैसी परेशानी से राहत मिल सकता है।
8. जोड़ों के दर्द को करे कम
गठिया या फिर यूरिक एसिड से ग्रसित मरीजों को जोड़ों में काफी ज्यादा दर्द महसूस होता है। इस स्थिति में आप कर्चूर को पीसकर अपने प्रभावित हिस्से पर लगाएं। इससे आपको जोड़ों के दर्द से काफी ज्यादा राहत मिल सकता है।
9. साइनस की परेशानी करे दूर
साइनस रोगियों के लिए भी कर्चूर काफी फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए कर्चूर का रस लें। इसे सिंदूर के कल्क में पकाएं। बाद में इसमें थोड़ा सा सरसों तेल मिक्स करके नाक के आसपास लगाएं। इससे साइनस की समस्याओं से काफी हद तक राहत मिल सकता है।
10. मुंहासों से दिलाए छुटकारा
स्किन पर होने वाली समस्याओं जैसे- पिंपल्स, फोड़े-फुंसी, दाग-धब्बे, झुर्रियां इत्यादि समस्याओं से राहत दिलाने में कर्चुर गुणकारी हो सकता है। इसके लिए कर्चुर को पीसकर इसे अपने चेहरे पर लगाएं। इससे पिंपल्स और उसके दाग कुछ ही दिनों में कम हो जाएंगे।
11. चोट या मोच को करे कम
चोट या मोच लगने पर कर्चुर असरकारी साबित हो सकता है। इसके लिए कर्चुर के गांठों को अच्छे से पीस लें। अब इस लेप को अपने प्रभावित हिस्से पर लगाएं। इससे मोच की वजह से दर्द और सूजन से राहत मिल सकता है।
12. नाक बंद की समस्या से राहत
नाक बंद होने पर कर्चूर का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह आपके श्वसन के विकारों को कम करे श्वसन से जुड़ी परेशानियों को दूर करने में सहायक है। इसके लिए कर्चुर के चूर्ण को सरसों तेल में मिलाकर इसे सूंघें। इससे नाक बंद की परेशानी से राहत मिल सकता है।
कैसे करें कर्चूर का सेवन
आयुर्वेद में कर्चुर के तनों का इस्तेमाल सबसे अधिक किया जाता है। इसका सेवन हमेशा आयुर्वेदाचार्यों के परामर्श अनुसार ही करें। एक दिन में 10 से 30 मिली ग्राम काढ़ा, 2 से 3 ग्राम चूर्ण और 2 से 3 पत्तियों से अधिक इसका सेवन न करें। इससे आपकी समस्या बढ़ सकती है।
कर्चुर के नुकसान (Side Effects of Karchur)
कर्चुर का सेवन अधिक मात्रा में करने से बचें। अगर आप इसका सेवन अधिक मात्रा में करते हैं, तो आपको निम्न परेशानी हो सकती है।
स्किन एलर्जी
पेट से जुड़ी समस्या
गर्भवती महिलाओं को इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
बवासीर इत्यादि।
कर्चूर स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है, लेकिन ध्यान रखें कि इसका इस्तेमाल ज्यादा न करें। इससे आपके सेहत पर विपरीत असर पड़ सकता है। इसलिए डॉक्टर के परामर्श अनुसार ही इसका सेवन या इस्तेमाल करें। इसके अलावा कर्चूर को स्तनपान के दौरान लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
त्वचा की देखभाल
पीली ही नहीं काली हल्दी भी है स्किन के लिए फायदेमंद, इन तरीकों से तैयार करें फेस मास्क
पीली हल्दी की तरह ही काली हल्दी का इस्तेमाल स्किन पर किया जा सकता है। यह स्किन की कई परेशानी दूर करने में प्रभावी हैं।
पीली हल्दी का इस्तेमाल कई लोग करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी काली हल्दी का इस्तेमाल किया है? जी हां, पीली हल्दी की तरह काली हल्दी भी होती है। यह भारत के कई क्षेत्रों में पाई जाती है, लेकिन इसका तुलनात्मक रूप से काफी कम इस्तेमाल किया जाता है। पीली हल्दी की तरह की काली हल्दी में कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकते हैं। इतना ही नहीं, यह स्किन के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। पीली हल्दी तरह की काली हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर रूप से होती है, जो स्किन की समस्याओं को दूर ((Black Turmeric Benefits in Hindi)) करने में प्रभावी हो सकती है। आज हम इस लेख में काली हल्दी का स्किन पर इस्तेमाल करने के तरीकों के बारे में जानेंगे। आइए जानते हैं (How to use black turmeric for Ski) काली हल्दी का कैसे करें प्रयोग –
काली हल्दी फेस मास्क (How to Use black Turmeric on Face)
1. शहद और काली हल्दी
काली हल्दी का इस्तेमाल आप चेहरे पर पीली हल्दी की तरह की कर सकते हैँ। इसका इस्तेमाल करने के लिए 1 चम्मच काली हल्दी लें। अब इसमें 1 चम्मच करीब शहद डालें। इसके बाद इसे अच्छी तरह से मिक्स कर लें। अब इसे अपने चेहरे पर अच्छी तरह से एप्लाई कर लें। करीब 20 मिनट बाद गुनगुने पानी से धो लें। इससे आपके चेहरे पर निखार आता है। साथ ही स्किन हाइड्रेट होती है।
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2. काली हल्दी और गुलाबजल
चेहरे से दाग-धब्बों को दूर करने के लिए आप काली हल्दी का इस्तेमाल कर सकते हैँ। इसके लिए 1 चम्मच काली हल्दी लें। अब इसमें 1 चम्मच गुलाब जल और थोड़ा सा शहद मिक्स कर लें। अब इसे करीब 15 मिनट तक अपने चेहरे पर लगा हुआ छोड़ दें। इसके बाद चेहरे को नॉर्मल पानी से साफ कर लें। इस पैक को लगाने से चेहरे से दाग-धब्बों की परेशानी दूर हो सकती है।
3. एलोवेरा और काली हल्दी
स्किन को एक्ने और मुंहासों की परेशानी से छुटकारा दिलाने के लिए आप एलोवेरा और काली हल्दी का इस्तेमाल कर सकते हैँ। इसके लिए 1 चम्मच फ्रेश एलोवेरा जेल लें। इसके बाद इसमें थोड़ी सी काली हल्दी मिक्स कर लें। अब अपने पूरे चेहरे पर इसे लगाएं। नियमित रूप से इस पैक का इस्तेमाल करने से एक्ने और पिंपल्स की परेशानी दूर हो सकती है।
स्किन के लिए काली हल्दी के फायदे (Black turmeric Benefits for Skin)
नियमित रूप से स्किन पर काली हल्दी का इस्तेमाल करने से चेहरे के दाग-धब्बों से छुटकारा मिलेगा। साथ ही इससे चेहरे की चमक भी बढ़ेगी। इतना ही नहीं, यह स्किन पर होने वाली सूजन, जलन और लालिमा को दूर करने में भी प्रभावी हो सकता है। इसके अलावा कुछ अन्य फायदे है।
चमोली,जोशीमठ उत्तराखंड में पांडवों का स्वर्गारोहण के लिए केदारनाथ बद्रीनाथ हिमालय जीता जागता स्थान विद्यमान हैं ।यह हमारी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सत्य पर चलने वाली परम पराहै जिसे जीवित रखने के लिए सत युग से उत्तराखंड में कृषि कार्य से निवृत्त होकर गांव वासियों को अपनी संस्कृति को तारो ताजा रखते हुए कार्यक्रम करते हैं।
देश मे बेटी पढ़ाओ बेटियों को बढ़ाओ
राष्ट्रपति के शुभआगमन पर दून विश्वविद्यालय की लड़कियों ने अपनी संस्कृति में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का स्वागत किया है।
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दिनांक 5 दिसम्बर2022 से चल रहे पांडव नृत्य का 13 दिसम्बर को सम्पन्न हो गया है इन नो दिनों में हजारों लोगों ने अपने रिश्तेदारों के यहाँ आकर जहाँ नोदिवसीय नृत्य का आनंद ले ते है वहीं आपसी भाईचारे में सामाजिक जीवन की मेलमिलाप होता है एक दूसरे का दुखदर्द की खबर सार मिल जाती है पैनखण्ड में नोदिवसीय पांडव नृत्य सम्पन्न होने की जानकारी पहाडोंकीगूँज के संवाद दाता एंव सामाजिक कार्यकर्ता कर्ता पुष्कर सिंह भुजवान की रिपोर्ट