देहरादून। अगर आपने उत्तराखंड सरकार की पर्यटन वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है तो आप अब चार धाम यात्रा पर नहीं जा सकेंगे। उत्तराखंड पुलिस द्वारा चेकिंग के दौरान कहीं भी आपको रोका जा सकता है। उत्तराखंड पुलिस द्वारा यह फैसला चार धाम यात्रा में उमड़ रही भीड़ को नियंत्रित करने में आ रही समस्याओं के मद्देनजर लिया गया है।
चार धाम यात्रा शुरू होने से पहले सरकार और पुलिस प्रशासन द्वारा चार धाम यात्रा पर आने वाले सभी यात्रियों को रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य किया गया था। तथा प्रतिदिन सभी धामों में एक निश्चित संख्या में ही श्रद्धालुओं को भेजे जाने की व्यवस्था की गई थी लेकिन तीर्थ पुरोहितों और होटल व्यवसायियों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया था। विरोध के दबाव में मुख्यमंत्री धामी द्वारा घोषणा कर दी गई कि श्रद्धालुओं की सीमा निर्धारित नहीं की जाएगी तथा कोरोना टेस्टिंग की कोई बाध्यता नहीं होगी। लेकिन चार धाम यात्रा के शुरू होते ही जितनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता दिख रहा है पुलिस प्रशासन उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित है। अब तक गंगोत्रीकृयमुनोत्री में 75 से 80 हजार श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं सबसे अधिक भीड़ केदारधाम में उमड़ रही है। केदारधाम में श्रद्धालुओं की तीनकृतीन किलोमीटर लंबी लाइन लगी हुई है कपाट खुलने के बाद सिर्फ 4 दिनों में 80 हजार से अधिक श्रद्धालू केदारधाम पहुंच चुके हैं जबकि यहां सिर्फ 12 हजार श्रद्धालुओं के प्रतिदिन पहुंचने की सीमा तय की गई थी। भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने से उनकी चेकिंग व्यवस्था भी ठीक से नहीं चल पा रही है। पंजीकृत और गैर पंजीकृत श्रद्धालुओं की बेरोकटोक आवाजाही से अब व्यवस्थाएं बिगड़ती दिख रही है यात्रियों को रहने खाने की व्यवस्थाओं के साथ स्वास्थ्य सेवाएं भी ठीक से नहीं मिल पा रही है। खराब स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण श्रद्धालुओं की जाने जा रही हैं ऐसी स्थिति में अब सीमित संख्या में ही श्रद्धालुओं के धाम पहुंचने की व्यवस्था की जा रही है। बीते कल डीजीपी अशोक कुमार ने इस आशय के संकेत दिए थे कि बिना रजिस्ट्रेशन यात्रा पर आने वालों को पुलिस द्वारा रोका जा सकता है अब यह व्यवस्था लागू कर दी गई है। राज्य की सीमा चौकियों पर यात्रियों के रजिस्ट्रेशन की जांच शुरू कर दी गई है तथा बिना रजिस्ट्रेशन पहुंचने वाले यात्रियों को रोका जाने लगा है जिससे व्यवस्थाएं सुचारू बनी रहे।