आन्दोलनकारी आरक्षण मामले में राजभवन की खामोशी तोड़ेगा मोर्चा- नेगी

Pahado Ki Goonj

 राजभवन ने मंत्रीमंडल के फैसले पर मारी कुंडली।
 आन्दोलनकारियों की बदौलत ही राजभवन में ले रहे ऐशो-आराम का मजा।
 आन्दोलनकारी रोजगार के लिए खा रहे दर-दर की ठोकरें।
 अगर मंत्रीमंडल का फैसला मंजूर नहीं तो क्यों नहीं लौटा देते पत्रावली !

विकासनगर- मोर्चा कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जी0एम0वी0एन0 के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश में राज्य के चिन्हित आन्दोलनकारियों व उनके आश्रितों को राजकीय सेवा में 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण प्रदान करने को लेकर विधानसभा ने वर्ष 2015 में विधेयक पारित कर स्वीकृति हेतु भेजा था, तथा दिनांक 16.06.2016 को मंत्रीमंडल के फैसले के अनुसार पुनः राजभवन को भेजा था, लेकिन इस पर कोई गौर नहीं किया गया और न ही विधेयक को लौटाया गया।
उक्त के उपरान्त प्रमुख सचिव, विधायी एवं संसदीय कार्य विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा दिनांक 04.12.2018 को पुनः राजभवन को पत्र स्वीकृति प्रदान करने हेतु प्रेषित किया गया, लेकिन आठ माह बीतने के उपरान्त भी आज तक स्वीकृति प्रदान नहीं की गयी और न ही पत्रावली/विधेयक वापस लौटायी गयी।
नेगी ने तंज कसते हुए कहा कि जिन आन्दोलनकारियों की कुर्बानियों की बदौलत राज्य का गठन हुआ उन्हीं लोगों के हितों से राजभवन खिलवाड़ करने के साथ-साथ मंत्रीमंडल के फैसले का भी निरादर कर रहा है। इन आन्दोलनकारियों की बदौलत ही राजभवन के ऐशो-आराम का लाभ महामहिम उठा रहे हैं, लेकिन इनको न्याय देने में उदासीनता बरतने का काम किया जा रहा है।
हैरानी की बात है कि सरकार के गैर जिम्मेदाराना फैसले को तो स्वीकृति प्रदान की जा रही है, लेकिन सही फैसलों पर नहीं।
मोर्चा शीघ्र ही राजभवन की उदासीनता को लेकर आन्दोलन चलायेगा।यह जनकारी महासचिव आकाश पंवार ने दी वार्ता में ओ0पी0 राणा, नरेन्द्र नेगी, मनोज कुमार, शैलेन्द्र थपलियाल आदि थे।

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Edited By Shagufta Ansari   https://youtu.be/TUH83cPdzL4 Post Views: 491

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