नशा रोग बांसुरी का संगीत सुनना य गायन करना है योग
नशे को नही संगीत को जीवन मे उतारें माँ सरस्वती आपको सदबुद्धि लम्बी आयु अवश्य प्रदान करेगी
सरकार का उत्तराखंड में बढ़ते नशे के कारोबार से प्रदेश वासियों के भविष्य की चिंता केलिये नरेश गुसांई की सार्थक पहल पर विचार करने का समय है उन्होंने कहा कि
बांसुरी :- संगीत सुनना य गाना गाना व संगीत सीखना ये सब योग है। जिस प्रकार योग करने से जीवन स्वस्थ एंव ठीक दोगुना हो जाता है ,उसी प्रकार संगीत से जुड़ना य संगीत को अपने जीवन से जोड़ना यानी जिंदगी को एक सफल ,सुखमय व आनंद के पथ पर ले जाने के बराबर होता है।मैं बांसुरी वादक तो नही ओर न संगीत का कोई बड़ा जानकार हूं परन्तु संगीत से बांसुरी से निकलने वाले स्वरों का मैं बचपन से ही कायल (प्रसंसक) रहा हूँ । बांसुरी बजाने य हार्मोनी बजाना जब शुरू करता हूं तो एक अजीब सा प्रेम रस की अनुभूति मन में होने लगती है ,संसार भूलने लगता है ।बस याद रहता है तो संगीत लहरें। पाँच सात मिनट संगीत बजाने (जेसे बांसुरी य हार्मोनी तबला य ढोलक इत्यादि कुछ भी) इन संगीतमय लहरों मे मानो सारा संसार घूम लेता हूं । माँ सरस्वती मानो साक्षात सामने रहती हो ओर मैं इन संगीत के स्वरों के माध्यम से परक्रिमा कर रहा होता हूँ । मुझे दु:ख है इस बात का की मेरे नोजवान साथी किसी भी मानसिक तनाव ,थकान इत्यादि से ग्रसित होकर शराब और कबाब की ओर जा रहे हैं जो जीवन को बर्बाद ही नही बल्कि नस्ट भी कर रहा है। मित्रो एक बार तनाव व थकान के समय थोड़ी देर संगीत के पास बैठो अल्प समय मे ही सारा तनाव थकान आदि से ग्रसित ब्यक्ति स्फूर्ति तरोताजा व एनर्जी फुल महसूस करने लगोगे साथ ही जीवन को भी थोड़ी मोहलत ओर मिल जायेगी । बन्धुओ नशे के बजाय संगीत से जीवन को जोड़ कर देखो आपका जीवन दोगुना हो जायगा एक बार पुनःनशे को नही संगीत को जीवन मे उतारें माँ सरस्वती आपको सदबुद्धि लम्बी आयु अवश्य प्रदान करेगी।
नरेश गुसाईं