मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सचिवालय में भागीरथी इको सेंसिटिव जोन के जोनल मास्टर प्लान पर वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के साथ विचार विमर्श किया। प्रस्तुतिकरण के माध्यम से वन विभाग की वार्षिक कार्य योजना रखी गयी। बताया गया कि योजना बनाने के पहले भौगोलिक अध्ययन कराया गया है। कार्य योजना में ग्लेशियर, तालाब, जल स्रोत, पारिस्थितिकीय विशिष्टताओं का विशेषज्ञ संस्थाओं से कराए गए अध्ययन को शामिल किया गया है। जैव विविधता प्रबंधन समितियों को भी वनों की आग रोकने में शामिल किया गया है। बैठक में भटवाड़ी विकास खंड के 89 गांवों के जलागम प्रबंधन की जानकारी दी गई। सिंचाई विभाग द्वारा बाढ़ सुरक्षा के लिए फ्लड प्लेन जोन योजना के बारे में बताया गया। राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन के तहत सॉलिड और लिक्विड मैनेजमेंट, ग्राम्य विकास विभाग के ग्राम स्तरीय विकास योजना, कृषि और वानिकी विभाग की किसानों के आय बढ़ाने की योजनाएं, सड़क और अन्य अवस्थापना विकास योजनाओं और पर्यटन को बढ़ाने के लिए इको टूरिज्म योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया।
बैठक में अपर मुख्य सचिव डाॅ.रणवीर सिंह, सचिव वन अरविंद सिंह ह्यांकी, प्रमुख वन संरक्षक वन्य जीव डीपीएस खाती, पद्मश्री चंडी प्रसाद भट्ट, निदेशक पीपुल्स साइंस इंस्टीट्यूट रवि चोपड़ा, वाडिया इंस्टीटूट, आईआईटी रुड़की, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी,जैव विविधता बोर्ड, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित अन्य संस्थानों के वैज्ञानिक और विशेषज्ञ, जिलाधिकारी उत्तरकाशी आशीष चैहान सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।