सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जाय। बार-बार दुर्घटना करने वालों का लाइसेंस निरस्त किया जाय। हेलमेट पहनना और ओवर लोडिंग पर सभी जनपदों में प्रभावी नियंत्रण किया जाय। वाहन चलाते समय बाधा पैदा करने वाले होर्डिंग तत्काल हटाये जाय। चिन्हित ब्लैक स्पाॅट को दूर किया जाय। जिलों में भी सड़क सुरक्षा समिति की नियमित बैठक की जाय। पुलिस, परिवहन, लोनिवि, राष्ट्रीय राजमार्ग, स्वास्थ्य सभी सम्बंधित विभाग आपसी तालमेल से संयुक्त अभियान चलायें।
मुख्य सचिव एस.रामास्वामी सोमवार को सचिवालय में राज्य सड़क सुरक्षा अनुश्रवण समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में बताया गया कि सड़क सुरक्षा की लगातार माॅनिटरिंग से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है। देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और उधमसिंहनगर जनपदों में विशेष निगरानी की जरूरत है। बताया गया कि जल्द सड़क सुरक्षा कोष नियमावली प्रख्यापित कर दी जायेगी। चालक लाइसेंस के लिए 10 स्थानों पर आटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक्स की स्थापना की जा रही है। इसके साथ ही सारथी-4 साफ्टवेयर 8 परिवहन कार्यालयों में लागू किया गया है। 10 अन्य कार्यालयों में जल्द साफ्टवेयर रोल आउट किया जा रहा है। दुर्घटना की स्थिति में तंग गलियों में पीड़ित की मदद के लिए मोटर बाइक एम्बुलेंस की कार्यवाही की जा रही है। किसी भी एम्बुलेंस के परिवहन विभाग की परमिट देने के पहले स्वास्थ्य विभाग से जांच कराई जायेगी। यह भी तय किया गया कि सभी सिनेमाघरों में सड़क सुरक्षा सम्बंधी विज्ञापन चलाये जायेंगे। इसके साथ ही स्कूल के पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा सम्बंधी पाठ को भी शामिल किया जायेगा।
बैठक में प्रमुख सचिव गृह आनंद बर्धन, सचिव परिवहन डी.सैंथिल पांडियन, एडीजी(कानून व्यवस्था) श्री अशोक कुमार, अपर निदेशक परिवहन श्रीमती सुनीता सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।