मुख्यमंत्री के आश्वासन और जिलाधिकारी से हुई वार्ता के बाद पेयजल समस्या लेकर चल रही भूखहड़ताल समाप्त ।
बड़कोट/ उत्तरकाशी ।
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट से वार्ता के बाद बड़कोट में पेयजल योजना की स्वीकृति दिए जाने की मांग को लेकर चलाया जा रहा आंदोलन आज समाप्त हो गया है। जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा बड़कोट में पम्पिंग पेयजल योजना की स्वीकृति को लेकर आश्वासन दिए जाने और शासन-प्रशासन के स्तर पर नगर की पेयजल समस्या के समाधान के संबंध में चल रही कार्रवाई के बारे में आन्दोलनकारियों को अवगत कराते हुए आन्दोलन खत्म करने की अपील की। मुख्यमंत्री के आश्वासन और जिलाधिकारी से हुई वार्ता से संतुष्ट होकर पेयजल संघर्ष समिति ने आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की है।
उपजिलाधिकारी कार्यालय में पेयजल संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता करते हुए जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा कि बड़कोट नगर की पेयजल समस्या के समुचित निस्तारण हेतु शासन-प्रशासन के स्तर गंभीरता से प्रयास किये जा रहै हैं। खुद मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़कोट नगर की पेयजल समस्या के समाधान का आश्वासन देते हुए इस प्रकरण को प्राथमिकता से निस्तारित करने के निर्देश दिए हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि इस वर्ष बड़कोट नगर में पेयजल संकट काफी देखा गया है। तद्समय यहाँ अस्थाई रूप से तथा टैंकरों की संख्या बढ़ाते हुए निरन्तर पेयजल उपलब्ध कराया गया। उक्त के साथ-साथ बड़कोट नगर क्षेत्र में पेयजल की निरंतर आपूर्ति हेतु रू.60.00 लाख स्वीकृत की गई। इसी क्रम में रू. 97.36 लाख की मिनी स्कूप निर्माण योजना (कृष्णा खड्ड) स्वीकृत करवाई गई, जिसकी टेण्डर प्रकिया व कार्यदिश इत्यादि पूर्ण हो गया है एवं निर्माण से सम्बन्धित कार्य अविलम्ब प्रारम्भ किया जायेगा।
पेयजल संघर्ष समिति कर मांगपत्र में उल्लेखित बिन्दुओं के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने कहा कि बड़कोट नगर पालिका क्षेत्र होने के साथ-साथ श्री यमुनोत्री धाम चारधाम यात्रा का भी मुख्य पड़ाव है। यहाँ चारधाम यात्रा में आने वाले यात्रियों की बढ़ती संख्या के दबाव के दृष्टिगत एक दीर्घकालीन योजना प्रस्तावित की गई है। जिसकी पूर्व में रू. 72.00 करोड़ की डीपीआर गठित की गई थी, जो शासन स्तर पर विचारार्थ प्रस्तुत की गई। उक्त वृहद् पम्पिंग पोजना को स्वीकृति की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृक्ति के सम्बन्ध में शासन स्तर पर कार्यवाही गतिमान है। उक्त पोजना की स्वीकृति आने वाले कुछ माह में प्राप्त हो जायेगी। चूंकि ये बड़ी पंपिंग योजना है, इसकी स्वीकृति की प्रक्रिया एवं स्वीकृति के उपरान्त धरातल पर निर्माण करने के परिणाम स्वरूप पेयजल उपलब्धता में समय लगेगा, जिसके दृष्टिगत बड़कोट में पेयजल संकट से निजात पाने हेतु उपरोक्तानुसार तात्कालिकता के आधार पर रू. 2.90 करोड़ की योजना की स्वीकृति 01 सप्ताह के अन्दर प्राप्त हो जायेगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि नगर पालिका क्षेत्र के अन्तर्गत मई व जून के पेयजल बिल माफ करने एवं जल संस्थान द्वारा लगाये जा रहे प्रतिवर्ष जलकर समाप्त किये जाने के प्रकरणों को शासन को सन्दर्भित किया जायेगा ताकि जनहित मे यथोचित निर्णय शासन द्वारा लिया जा सके।
बड़कोट नगर में जाल की तरह फैले पाइप लाइनों को सुव्यवस्थित करने की मांग पर जिलाधिकारी ने कहा कि नगर के लिए प्रस्तावित बड़ी पम्पिंग योजना में छोटे-बड़े सभी पाईप नये लगाये जायेंगे। बड़ी योजना के निर्माण से इस समस्या का स्वतः निदान हो जायेगा। फिर भी आवश्यकतानुसार तात्कालिक प्रकृति के कार्यों एवं पाईप लाईनों को सुव्यस्थित किये जाने से सम्बन्धित कार्य नगर पालिका परिषद बड़कोट एवं जल संस्थान द्वारा उपलब्ध धनराशि संसाधनों में से किया जायेगा।
जिलाधिकारी से वार्ता के बाद पेयजल संघर्ष समिति ने आंदोलन स्थगित करने की घोषणा करते हुए उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई किये जाने के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी तथा शासन-प्रशासन का आभार व्यक्त किया है।
वार्ता के बाद उप जिलाधिकारी मुकेश चंद्र रमोला ने धरना स्थल पर जाकर क्रमिक अनशन पर बैठे प्रवीण सिंह रावत को जूस पिलाकर अनशन समाप्त करवाया।
इस दौरान पेयजल संघर्ष समिति के नेता सुनील थपलियाल, अजय रावत, पूर्ण सिंह रावत, डॉ सोवेंद्र सिंह चौहान, अब्बल चंद कुमाई,धनवीर रावत,राजाराम जगूड़ी।पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जसोदा राणा, संत केशव गिरी महाराज, होटल एशोसिएशन अध्यक्ष सोबन राणा,ललिता भंडारी, अनुपमा रावत, आराधना, शकुंतला, चतरी, अजय रावत बडिया,राजेश उनियाल, सुभाष रावत, नीरज, विजय भक्त,कपिल राणा,एस एस रावत,नरोत्तम, ताजीराम, केदार सिंह आदि के साथ ही जल संस्थान के अधिशासी अभियंता विनोद पांडे, तहसीलदार धनीराम डंगवाल तथा अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।