मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में सचिवालय में भारतीय मानक ब्यूरो की राज्य स्तरीय समिति की बैठक हुई। बैठक में औद्योगिक उत्पादों के मानकीकरण और गुणवत्ता को प्रभावी ढ़ंग से लागू करने पर चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने कहा कि ब्यूरो आॅफ इण्डियन स्टैंडर्ड(बीआईएस) उपभोक्ताओं को उत्पादों के मानकीकरण के बारे में जागरूक करें। औद्योगिक संगठनों और संबंधित अधिकारियों को वर्कशाॅप कर जानकारी दें।
बीआईएस के उप महानिदेशक ने बताया कि 165 वस्तुओं का सर्टिफिकेशन अनिवार्य है। इलैक्ट्राॅनिक सामानों पर सेफ्टी मार्क भी जरूरी है। बिना सर्टिफिकेशन मार्क के वस्तुओं की बिक्री और उत्पादन पर कानूनी प्रतिबंध है। गुणवत्ता के प्रमाणीकरण के लिए आईएसआई मार्क, आभूषणों पर हाॅलमार्क के अलावा मैनेजमेंट सिस्टम सर्टिफिकेशन स्कीम के तहत गुणवत्ता मानकीकरण बीआईएस द्वारा किया जाता है। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड में बीआईएस उत्पाद प्रमाणीकरण किया गया है। इसके तहत 145 विभिन्न वस्तुएं है। उन्होंने कहा कि जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक को अधिकार है कि मानकीकरण का पालन न होने की दशा में कानूनी कार्रवाई कर सकते है। उत्तराखण्ड में लगभग 125 ज्वैलर्स ने स्वर्ण और 20 ज्वैलर्स ने चांदी में हाॅलमार्क लिया है। उप महानिदेशक अक्षय कुमार शर्मा ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि मानकीकरण का चिन्ह् देखकर ही वस्तुओं को खरीदें। संदेह होने की दशा में बीआईएस की वैबसाइट से संतुष्ट हो सकते है।
बैठक में प्रमुख सचिव खाद्य आनन्द वर्द्धन, एमडी सिडकुल श्रीमती सौजन्या, डीएम देहरादून, हरिद्वार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।