देहरादून। अक्सर कहा जाता है कि जमीनी कार्यकर्ता राजनीतिक पार्टियों के लिए भगवान होता है। पार्टियों के लिए यह कार्यकर्ता भगवान हों या न हों लेकिन बीजेपी जिला अध्यक्ष बनने का ख्वाब देख रहे कुछ नेताओं के लिए आजकल यह कार्यकर्ता भगवान से कम नहीं है क्योंकि इन्हीं की राय में टिकी है इनकी किस्मत. इसलिए बड़े नेता छोटों के दरबार पर हाजिरी लगा रहे हैं। सर्द मौसम के बीच उत्तराखंड में सत्तारूढ़ बीजेपी के भीतर सियासी पारा गर्म है। संगठन चुनावों के दौर से गुजर रही पार्टी मंडल अध्यक्षों और जिला प्रतिनिधियों के नामों की घोषणा कर चुकी है और अब बारी है जिलाध्यक्षों की. इनके नाम का अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान मंडल अध्यक्षों और जिला प्रतिनिधियों से रायशुमारी के बाद ही करता है। यही वजह है कि जिलाध्यक्ष की रेस में शामिल सभी नेता अब मंडल-मंडल घूम कर अपने पक्ष में माहौल बना रहे हैं।
राजेंद्र बिष्ट नैनीताल जिलाध्यक्ष पद के दावेदार हैं। वह नैनीताल में मंडल महामंत्री, मंडल अध्यक्ष के साथ ही कई पदों पर रह चुके हैं। अब वह जिले के 19 मंडल अध्यक्षों से मिल रहे हैं और अपने लिए समर्थन जुटा रहे हैं। आजकल जिला प्रतिनिधियों की पूछ भी बढ़ गई है। युवा जिला प्रतिनिधि योगेश रजवार कहते हैं कि जिलाध्यक्ष पद के कई दावेदार हैं। सभी वरिष्ठ लोग हैं और फोन, मैसेज के माध्यम से आजकल लगातार संपर्क में हैं। बीजेपी में 250 से ज्यादा मंडल अध्यक्ष और 70 विधानसभाओं से आए जिला प्रतिनिधियों की राय पर ही 13 जिला और एक महानगर अध्यक्ष का चुनाव होगा। ऐसे में जिला अध्यक्षों के दावेदार इन लोगों की परिक्रमा में लगे हैं ताकि जिला अध्यक्ष बनने का सपना साकार हो सके।
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Thu Dec 5 , 2019