शादियों में शराब नहीं संस्कार परोसें
राज्य भर में नशा बंदी अभियान चलाने वाली ‘मैत्री’ स्वयंसेवी संस्था की संस्थापक कुसुम जोशी ऋषिकेश से गढ़वाल क्षेत्र में कई शादीयों में शामिल होने आयी हैं। अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने कई परिवारों से शादी में शराब के बजाय संस्कार परोसने की अपील करी। उन्होनें पौड़ी, श्रीनगर, रूदप्रयाग के विभिन्न गाँव जिसमे हिऊना, साँकला, सकलाना, जखोली आदि स्थानों पर जन-जागरूकता अभियान चलाया।
पहाड़ में अधिकतर शादियों में शराब का चलन है। बिना शराब वहाँ शादीयों वाले परिवारो में लोग काम-धन्धा नही करते। कुसुम जोशी का कहना है कि यात्रा के दौरान उन्होनें कई गाँव के लोगो से बात की।
ज़्यादातर शादियों में महमानों के साथ-साथ दुल्हन व दुल्हे के पिताजी भी शराब के नशे में दिखे। वहीं इसका खामियाज़ा महिलाओं एवं सम्पूर्ण समाज को उठाना पड़ता है। अकसर शराब लड़ाई-झगडे का कारण भी बनती है।
मैत्री’ स्वयंसेवी संस्था की संस्थापक कुसुम जोशी ने यात्रा के दौरान पर्यायवरण समवर्धन के लिऐ संस्था ने कई गाँव में विधाई के पश्चात् नव-दम्पत्ति से पौधा-रोपण भी कराया।
एजेन्सी मोहल्ला, श्रीनगर से मोहन लाल जोशी के पुत्र नवीन व पुत्र-वधु अंकिता के विवाह समारोह में संस्था द्वारा पर्यायवरण समवर्धन हेतु दूल्हा दुल्हन द्वारा विदाई के पश्चात पौधा-रोपण किया गया। संस्था कई वर्षों से कॉक्टेल का विरोध एवं पर्यायवरण समवर्धन का कार्य कर रही है। बेटी विवाह एवं बेटी के जन्म पर संस्था परिवार सदस्यों से एक पौधा लगवाती है।
इस अवसर पर संस्था के सदस्यों के अलावा विमल जोशी, मीना कप्टीयाल, ब्रिज-मोहन जोशी, विनोद जोशी, अनिल जोशी, रचना जोशी, कमल कांत पंत, ज्योत्सना जोशी आदि उपस्थित थे।