महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती ज्योति रौतेला सहित जिला अध्यक्ष अंशुल त्यागी सहित महिला कांग्रेस नेत्रियों नें भाजपा से कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को बर्खास्त किये जाने की मांग को लेकर आवास का घेराव किया तत्पश्चात शव यात्रा निकाल कर पुतला दहन किया।
इस दौरान महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती ज्योति रौतेला नें कहा कि विगत दिवस राष्ट्रीय राज मार्ग श्रृषिकेश में अपनी विधानसभा के व्यक्ति की समस्याओं को दूर करने के बजाय प्रदेश के वित्त एंव संसदीय कार्य मंत्री द्वारा बीच सड़क में ही अपनी विधानसभा के मजबूर व्यक्ति को दॊडा़-दॊडा़कर मारने की घटना ने पूरे उत्तराखण्ड की जनता ऒर देवभूमि की संस्कृति को अपनी छवि से शर्मसार कर दिया हैं।
ज्योति रौतेला ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मंत्रीमंडल से मंत्री को तत्काल बर्खास्त करने एंव सड़क के बीचों- बीच अराजकता एंव जनता में भय ऒर आंतक की घटना करने वाले मंत्री के ऊपर गुन्डा एक्ट लगाकर गिरफ्तार करके कड़ी कानूनी कार्यवाही करने की माँग की।
उन्होनें कहा कि मंत्री प्रेम चन्द्र अग्रवाल पहले भी विवादों में रहे हैं विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए विधानसभा के भीतर गुपचुप नियुक्तियों में भी मंत्री का बड़ा हाथ रहा हैं। विगत दिवस मंत्री द्वारा अपनी विधानसभा के गरीब मजलूम व्यक्ति की गुहार को सुनने के बजाय उसकी राष्ट्रीय राजमार्ग में बलवा करने की जो दहशत पॆदा की थी वह वीडियो में रोंगटे खड़े करने वाली हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को तत्काल मंत्रीमंडल से बर्खास्त करना चाहिए वरना मंत्री के बाद संसदीय कार्यमंत्री का महत्वपूर्ण जिम्मा हैं। राज्य के एक मंत्री द्वारा स्वयं ऎसी घटना पॆदा करके राज्य की कानून व्यवस्था पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगाकर मुख्यमंत्री की कार्यशॆली पर बडा़ काला धब्बा लगा दिया हैं।
उन्होनें कहा कि यह राज्य के मूल निवासियों के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस वोट की ताकत से भाजपा को उन्होंने राज्य की गद्दी पर बैठाया, उसी सरकार के मंत्री बीच सड़क पर अपने गनर और पीए के साथ राज्य के युवकों को बेरहमी से पीट रहे हैं.
उन्होनें कहा कि इस घटना से उत्तराखंड की छवि धूमिल हुई है. चाहे अपने बेटे को कोरोना की आड़ में सरकारी विभाग में नौकरी दिलाना हो या विधानसभा में नौकरियों की बंदरबांट करना हो, प्रेमचंद अग्रवाल अपनी सत्ता की हनक से सरकारी तंत्र को अंगूठा दिखाते हुए राज्य के निवासियों को नीचा दिखाने में कभी भी पीछे नहीं रहे हैं. उन्होंने सीएम पुष्कर सिंह धामी से प्रेमचंद अग्रवाल को बर्खास्त करने की और विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी से प्रेमचंद अग्रवाल की विधायकी रद्द करने की मांग की ।
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एनएच 74 घोटाले के आरोपियों को हाईकोर्ट से झटका
ईडी ने आरोपियों के खिलाफ दर्ज किए हैं मुकदमेंनैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट में आज चर्चित एनएच 74 घोटाले के दस आरोपियों के मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ में हुई। एकलपीठ ने एनएच 74 घोटाले के दस आरोपियों पर निर्णय देते हुए सभी की याचिकाओं को निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को सही ठहराया। इस मामले में कोर्ट ने 24 अप्रैल को सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था।
मामले के अनुसार डीपी सिंह, अर्पण कुमार, संजय कुमार चौहान, विकास कुमार, भोले लाल, भगत सिंह फोनिया, मदन मोहन पलड़िया, बरिंदर सिंह, बलवंत सिंह, रमेश कुमार और ओम प्रकाश ने अलग अलग याचिकाएं दायर कर निचली अदालत के 28 अप्रैल 2022 के आदेश को चुनौती दी थी। निचली अदालत ने ईडी को आदेश दिया था कि इनके खिलाफ अलग अलग शिकायतों के आधार पर अलग अलग मुकदमे दर्ज किये जायें। जिसके बाद ईडी ने उनके खिलाफ अलग अलग मुकदमे दर्ज किए गए।
याचिकाओं में कहा गया यह आदेश गलत है। पहले के मुकदमे को वापस नहीं लिया जा सकता। घोटाले में आरोपियों के खिलाफ अलग अलग शिकायतें दर्ज हैं, किसी के खिलाफ एक तो किसी के खिलाफ दो या तीन शिकायतें हैं। डीपी सिंह के खिलाफ सात शिकायतें दर्ज हैं। अगर वे एक केस में उपस्थित नहीं होने का प्रार्थना पत्र देते हैं तो उन्हें अन्य छह केसों में भी प्रार्थना पत्र देना पड़ेगा। नहीं देने पर उनके खिलाफ कुछ भी आदेश हो सकता है। इसलिए इस आदेश को निरस्त किया जाये। सभी शिकायतों को एक ही मुकदमे में सुना जाये।
यह एनएच 74 घोटाला
एनएच 74 घोटाले में एसआईटी ने 2,011 करोड़ रुपये के घोटाले की पुष्टि 2017 में की थी। जिसमें कई अधिकारी, कर्मचारी व किसान शामिल थे। जिन्होंने किसानों की कृषि योग्य भूमि को अकृषि दिखाकर यह कार्य किया। 1 मार्च 2017 को तत्कालीन आयुक्त सैंथिल पांडियन ने घोटाले की आशंका जताई। जिला अधिकारी उधमसिंह नगर को जांच के आदेश दिए। जांच सही पाए जाने पर तत्कालीन एडीएम प्रताप साह ने पंतनगर के सिडकुल थाने में मुकदमा दर्ज करवाया। इस मामले में कई लोगों के नाम सामने आए। उन्हें जेल भेज दिया गया, जबकि दो आईएएस अधिकारी भी निलंबित हुए। अभी एनएच 74 घोटाले के आरोपी जमानत पर रिहा आगे पढ़ें
बैन वाली घोषणा पर दून में बजरंग दल का प्रदर्शन
कांग्रेस भवन घेरने की कोशिश
कांग्रेसी भी सड़क पर उतरे, की नारेबाजी
देहरादून। कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक चुनाव के लिए अपने घोषणा पत्र में विश्व हिंदू परिषद की युवा इकाई बजरंग दल को प्रतिबंधित किए जाने की घोषणा की है, जिसके बाद से उत्तराखंड में भी सियासत गरमा गई है। चुनावी वादे के विरोध में बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस भवन का घेराव करने की कोशिश की, लेकिन पहले से ही मौजूद भारी पुलिस बल ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को एश्ले हॉल चौक पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया।
इस दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि बजरंग दल की तुलना पीएफआई से करना गलत है। दल के जिलाध्यक्ष विकास वर्मा का कहना है कि कांग्रेस पार्टी बजरंग दल पर कार्रवाई किए जाने का सपना संजोए हुए बैठी है, लेकिन उनका सपना कभी साकार नहीं होगा। उन्होंने कहा कि बजरंग दल हमेशा से जनहित से जुड़े काम करता आया है, ताकि समाज को जोड़ा जा सके। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस समाज को तोड़ने की बात करती है और कांग्रेस देश के अंदर अलगाववाद की भावना को प्रेरित करती है। कांग्रेस ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह हिंदू विरोधी पार्टी है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेसजन आज कांग्रेस भवन में मीटिंग कर रहे थे, तब बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने शहर का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। ऐसे में कांग्रेस कार्यकर्ता चुप नहीं बैठने वाला है और ईंट का जवाब पत्थर से देना जानता है। इस दौरान कांग्रेस भवन से कांग्रेसी कार्यकर्ता भी सड़क पर आ गए और बजरंग दल के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इस बीच कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग लांघने की भी कोशिश की, लेकिन पुलिस ने कांग्रेस जनों को आगे बढ़ने से रोक दिया।
कांग्रेस ने बजरंग दल पर उठाए सवाल
देहरादून। कांग्रेस ने भी भाजपा और बजरंग दल पर कई गंभीर आरोप लगाए। कांग्रेस नेता मोहन काला का कहना है कि भाजपा हमेशा से ही धार्मिक भावनाओं को भड़काने का काम करती आई है। वही काम आज बजरंग दल भी कर रहा है। उन्होंने कहा कि जब ऋषिकेश जैसी धर्मनगरी में अंकिता हत्याकांड को अंजाम दिया जाता है, तब बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने अंकिता को न्याय दिलाने के लिए आवाज क्यों नहीं उठाई। जब दिल्ली के छावला गैंगरेप की पीड़िता के बलात्कारियों को रिहा कर दिया जाता है तब बजरंग दल
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भैरव गदेरे के पास फिर टूटा ग्लेशियर
बाधित हुआ केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग
ग्लेशियर दोपहर 2 बजकर 25 मिनट पर टूटा
पैदल यात्रा को रोका गया, हेली सेवा पहुंच रही धाम
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग एक बार फिर से बाधित हो गई है। यहां दोबारे से भैरव गदेरे के पास ग्लेशियर आ गया है। जिससे केदारनाथ पैदल मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है। ऐसे में पैदल यात्रा से केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रुकने को कहा गया है।जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि बीते रोज भी भैरव गदेरे और कुबेर ग्लेशियर में बर्फ खिसक गई थी। जिससे केदारनाथ यात्रा मार्ग आवागमन के लिए बंद हो गया था। डीएम मयूर दीक्षित के निर्देशन में डीडीएमए, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, एनडीआरएफ, वाईएमएफ और पुलिस के जवानों ने दोनों ग्लेशियरों से बर्फ हटाने का काम किया। जिसके बाद आज तीर्थ यात्रियों के लिए ही मार्ग खोल दिया गया था, लेकिन आज भैरव गेदरे में दोबारे ग्लेशियर टूटा है।
आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने भैरव गदेरे के पास यह ग्लेशियर दोपहर 2 बजकर 25 मिनट पर टूटा। जिससे केदारनाथ पैदल मार्ग पूरी तरह से बाधित हो गया है। रुद्रप्रयाग डीएम मयूर दीक्षित ने केदारनाथ धाम के लिए पैदल यात्रा कर रहे तीर्थ यात्रियों से एक अपील की है। जिसमें उन्होंने यात्रियों से यात्रा मार्ग के पूरी तरह से सुचारू न होने तक केदारनाथ की यात्रा पर न जाने को कहा है। साथ ही कहा कि जो यात्री जिस स्थान पर हैं, वो उसी स्थान पर सुरक्षित रहें। डीएम मयूर दीक्षित का कहना है कि जो यात्री हेली सेवा से केदारनाथ जाने चाहते हैं, वो हेलीकॉप्टर के जरिए जा सकते हैं, लेकिन ग्लेशियर आने पैदल यात्रा रोकी गई है। उन्होंने यात्रा मार्ग के दोनों ग्लेशियर पर तैनात डीडीआरएफ, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, वाईएमएफ और पुलिस के जवानों को यात्रियों की सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं।
एक दिन के ब्रेक के बाद फिर शुरू हुई केदारनाथ यात्रा
रुद्रप्रयाग। लंबे समय बाद आज केदारनाथ धाम में मौसम साफ हुआ है। धाम में लगातार हुई बर्फबारी के बाद धूप खिली है। हालांकि आज केदारनाथ धाम की यात्रा देरी से खुली है। यात्रा खुलने का इंतजार कर रहे हजारों यात्रियों को धीरे-धीरे करके 10 बजे बाद सोनप्रयाग और गौरीकुंड से केदारनाथ धाम के लिये भेजा गया है। ग्लेशियर टूटने के कारण भैरव गदेरा में क्षतिग्रस्त हुये पैदल मार्ग को दुरुस्त करने का काम भी चल रहा है।
तीन मई को केदारनाथ में बर्फबारी का हाई अलर्ट जारी था। धाम में बर्फबारी भी अत्यधिक हुई। इस कारण तीन मई को केदारनाथ धाम की यात्रा स्थगित करनी पड़ी थी। अत्यधिक बर्फबारी के कारण केदारनाथ पैदल मार्ग पर धाम से लगभग चार किमी नीचे ग्लेशियर टूट गया और मार्ग पर आवाजाही बंद हो गई। पैदल मार्ग को सुबह 4 बजे से ही खोलने का कार्य शुरू हो गया था। 50 से 60 मजदूर बर्फ को हटाने के कार्य में जुटे हुए हैं।
भैरव गदेरे में ग्लेशियर हटाने का काम जारी
रुद्रप्रयाग। लिनचौली से केदारनाथ के बीच 2 जगहों में ग्लेशियर टूटने से रास्ता बंद हो गया था। एक जगह पर मजदूरों ने पैदल मार्ग पर आवाजाही शुरू करवा दी है। मगर भैरों गदेरे पर अत्यधिक मात्रा में ग्लेशियर आने से मजदूरों को कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है। मजदूरों की ओर से ग्लेशियर को काटकर रास्ता बनाया जा रहा है। अब केदारनाथ धाम पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों को बडे़-बड़े ग्लेशियरों से होकर गुजरना पड़ेगा। यहां से गुजरते समय उन्हें विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।
गंगोत्री – यमुनोत्री में श्रद्धालुओं को रात्रि में रहेगा प्रतिबन्धित
उत्तरकाशी। चारधाम यात्रा के दौरान गंगोत्री-यमुनोत्री यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को रात्रि में प्रतिबन्धिती रहेगा। सुरक्षा के दृष्टिगत तथा चारधाम यात्रा के सुरक्षित संचालन को लेकर पहाड़ी संवेदशील मार्गों के मध्यनजर रखते हुए चारधाम यात्रा के प्रथम व द्वितीय पड़ाव श्री यमुनोत्री एवं गंगोत्री यात्रा को रात्रि 10 से सुबह 4 बजे तक पूर्णतया प्रतिबन्धित रखा गया है। इस दौरान केवल मालवाहक, आपात वाहन को आने जाने की अनुमति रहेगी। गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम दर्शन के लिए रात्रि 8ः00 बजे तक उपलब्ध हैं। गंगोत्री धाम के मुख्य पड़ाव धराली में रात्रि 10ः00 बजे, झाला रात्रि 10ः00 बजे, भटवाड़ी रात्रि 8ः30 बजे तथा नगुण में रात्रि 10ः00 बजे के बाद यात्रा को प्रतिबंधित किया गया है। यमुनोत्री धाम के मुख्य पड़ाव जानकी चट्टी में रात्रि 9ः00 बजे, खरादी रात्रि 10ः00 बजे, दोबट्टा रात्रि 9ः00 बजे व ब्रमखाल में रात्रि 10ः00 बजे के बाद यात्रा-यातायात को प्रतिबंधित रखा गया है। पुलिस ने सभी तीर्थयात्रियों व श्रदालुओं से अनुरोध किया है कि निर्धारित समय अनुसार ही धामों के मुख्य पड़ाव पर पहुंचकर अपने रुकने का व्यवस्था कर लें।
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केदारनाथ हेली सर्विस के नाम पर सहारनपुर के आढ़ती से ठगी
एसटीएफ ने 15 फर्जी वेबसाइट्स को करावाया बंद
आईआरसीटी के पैरलल बनाई वैबसाइट
देहरादून। राज्य सरकार ने केदारनाथ हेली सर्विस के नाम पर ठगी पर लगाम लगाने के लिए ऑनलाइन बुकिंग की जिम्मेदारी आईआरसीटी को सौंपी है। इसके बाद भी साइबर ठगों ने एक कदम आगे निकल कर इसका भी तोड़ निकाल कर ठगी करना शुरू कर दिया है। बीते साल केदारनाथ हेलीकाप्टर सेवा के लिए कई यात्रियों के साथ ठगी की घटना सामने आई थी। जिसके बाद सरकार ने ऑनलाइन बुकिंग के लिए आईआरसीटी को सौंपी। आईआरसीटी के पास फिलहाल रेलवे टिकट बुकिंग का जिम्मा है। साइबर ठगों ने केदारनाथ हेलीकाप्टर सर्विस के नाम पर आईआरसीटी के पैरेलल एक फर्जी आईआरसीटी की वैबसाइट तैयार की है। जिससे ठगी की घटना को अंजाम दिया जा रहा है। वहीं, उत्तराखंड साइबर पुलिस ने अभी तक केदारनाथ धाम के नाम पर करीब 15 फर्जी वेबसाइट को बंद करवाया है। साथ ही 12 अन्य फर्जी साईटस को भी बंद करवाने की तैयारियां चल रही हैं। ताजा मामले में सहारनपुर के एक आढ़ती और उनके साथी केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवा के टिकट लेने के चक्कर में साइबर ठगी का शिकार हो गए। उन्होंने फेसबुक पर एक हेली सेवा के नाम से मोबाइल नंबर देखकर उससे संपर्क किया। इसके बाद उनसे करीब 30 हजार रुपये लेकर तीन टिकट व्हाट्सएप पर भेजे गये। ये टिकट लेकर तीनों हेलीपैड पर पहुंचे, जहां उन्हें पता चला कि टिकट फर्जी हैं। पीड़ितों ने सहारनपुर लौटने के बाद एसएसपी से मामले की शिकायत की है।
एसटीएफ टीम लगातार फर्जी वेबसाइट को बंद करवाने के साथ ऐसी वेबसाइट पर नजर रख रही है, मगर हर बार साइबर ठग एसटीएफ से एक कदम आगे चल रहे हैं। एसटीएफ द्वारा लगातार हेली सर्विस में टिकट बुकिंग को लेकर ठगी से बचने के लिए सावधानी बरतने के लिए अपील करती है। एसटीएफ एसएसपी ने आम जनता से अपील की है कि केवल आईआरसीटीसी की वेबसाइट से बुकिंग करें। आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर किसी भी मोबाइल नंबर का जिक्र नहीं है। अगर स्लॉट फुल हैं तो दूसरी जगहों से बुकिंग का प्रयास न करें। फेसबुक या अन्य सोशल मीडिया पर दिए गए नंबरों पर विश्वास न करें। साथ ही इस बार जीएमवीएन हेली टिकट बुक नहीं कर रहा है। झांसे में न आएं।
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विकास कार्यो में लाएं तेजीः अग्रवाल
मंत्री ने ली शहरी विकास क्षेत्र एजेन्सी की बैठक
देहरादून। शहरी विकास मंत्री डॉ. प्रेम चन्द अग्रवाल ने विधान सभा स्थित सभागार कक्ष में उत्तराखण्ड शहरी विकास क्षेत्र एजेन्सी के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक ली। मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड शहरी विकास क्षेत्र एजेन्सी प्रदेश भर में अनेक विकास कार्य कर रही हैं जिसमें बंजारावाला फेज-1 में 106 करोड़, बंजारावाला फेज-2 में 122 करोड़ तथा बंजारावाला फेज-3 में 150 करोड़ के कार्य प्रारंभ किये जा चुके हैं जोकि जुन 2025 तक पूर्ण किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि बंजारावाला में वाटर सप्लाई तथा सिवरेज के कार्य किये जा रहे हैं जिसकी प्रगति संतोषजनक है। बंजारावाला फेज-3 में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट का कार्य भी किया जा रहा है।
मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड शहरी विकास क्षेत्र एजेन्सी ने ही प्रदेश के अन्य क्षेत्रों यमुना कालोनी, रायपुर, नैनीताल आदि क्षेत्रों में भी वाटर सप्लाई तथा सिवरेज का कार्य प्रगति पर है। जिसमें यमुना कालोनी में सिवरेज नेटवर्क का कार्य लगभग 55 प्रतिशत तक पूर्ण हो चुका है। उन्होंने कहा कि कुछ जगहों पर एजेन्सी के किए जा रहे कार्य अच्छी प्रगति पर है परन्तु कुछ जगहों पर कार्य में तेजी लाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि हमारा कार्य सिर्फ कागजों तक ही सीमित न हो बल्कि वह धरातल पर भी दिखाई देना चाहिए। उन्होंने कहा कि एजेन्सी द्वारा किये जा रहे कार्यों का समय-समय पर निरीक्षण किया जाना चाहिए तथा गुणवत्ता में कोई लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि जनता को किसी भी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े इसके लिए जनसंवाद तथ समन्वय स्थापित करके काम किया जाए।
मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड शहरी विकास क्षेत्र एजेन्सी के ऋषिकेश तथा हल्द्वानी में भी विकास कार्यों का प्रस्ताव जारी किया गया है जिसमें पार्किंग, सिवरेज, वाटर सप्लाई तथा घाटों का निर्माण किया जाना सम्मिलित है। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर के 10 अन्य स्थानों का चयन उत्तराखण्ड शहरी विकास क्षेत्र एजेन्सी ने निर्माण कार्यों के लिए किया गया है जिसकी डीपीआर तैयार करने का कार्य किया जा रहा है।
इस अवसर पर रंजना राजगुरू, प्रोग्राम डायरेक्टर, उत्तराखण्ड शहरी विकास क्षेत्र एजेन्सी, विनय मिश्रा, सह प्रोग्राम डायरेक्टर, उत्तराखण्ड शहरी विकास क्षेत्र एजेन्सी एवं अन्य विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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हिमालया वैलनेस कंपनी का तनाव प्रबंधन
हिमालया अश्वगंधा का नया अभियान किया शुरू
देहरादून। आज कल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में बढ़ते तनाव को ध्यान में रखते हुए भारत के प्रमुख वैलनेस ब्राण्ड में से एक हिमालया वैलनेस कंपनी ने अब स्ट्रेस नहीं डिस्ट्रेस कीजिए नामक अभियान की शुरुआत की है। जिस्मे जीवन पे अनसुलझे तनव से होने वाले असर और इस तनाव को संभलने के प्राकृतिक तारिको को दर्शाया गया है आधुनिक जीवन शैली के स्वयं के ऐसे बहुत तनाव के कारण हैं। जिन पर किसी का ध्यान नहीं जाता या वह सामान्य लगते है लेकिन इनसे जो तनाव पैदा होता है वह किसी के शरीर, विचारों, भावनाओं और व्यवहार तक को प्रभावित करता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए, यह अभियान तनाव पहुँचाने वाले कुछ विशेष कारणो पर रोशनी डालता है, साथ ही दैनिक जीवन में तनाव को कम करने और अव्यस्थित तनाव को शांत करने में मदद करने के लिए हिमालया अश्वगंधा की भूमिका पर ज़ोर देता है।
हिमालया वैलनेस कंपनी में ओटीसी व्यवसाय के प्रमुख विकास बंसी कहते हैं इस अभियान के साथ हम इस सच्चाई को उजागर करना चाहते हैं कि तनाव सबसे आम कारण है और इससे शारीरिक, भावनात्मक और व्यवहारिक परिवर्तन हो सकते हैं, जिसके परिणाम स्वरूप जीवनशैली में बहुत समस्या हो सकती है। इस एकीकृत रेडियो और डिजिटल अभियान से हिमालया अश्वगंधा और हिमालया वैलनेस कंपनी, जो प्राकृतिक स्वास्थ्य देखभाल के समाधानों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, और जो लोगों को स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने में मदद करती है इसके बारे में, जागरूकता पैदा होने की उम्मीद है । कंपनी के उत्पादों को प्राकृतिक सामग्री का इस्तेमाल कर के बनाया गया है और ऐसे डिज़ाइन किया गया है की वह सुरक्षित और प्रभावी होने के साथ साथ किफायती भी हो। हमारा उद्देश्य ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को उनके तनाव को सही तरीके से प्रबंधित करने और अश्वगंधा को अपनी रोज़ाना जिंदगी में अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है साथ ही पूरे भारत में बेहतर स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देना है।
उन्होंने कहा हमने हाल ही में तनाव और मेटाबोलिज्म की कमी के नाम से एक ई-सीएमई को आयोजित किया जहाँ डॉ. संजीव शाह ने तनाव तथा मेटाबोलिज्म की कमी की बढ़ती घटनाओं पर ज़ोर दिया। इस ई-सीएमई में 500 से भी ज़्यादा डॉक्टरों ने भाग लिया,जहाँ इस बात पर प्रकाश डाला गया कि यह मुद्दा बेहद गंभीर हो गया है, और आज डॉक्टरों की प्रैक्टिस में मुख्य स्थान रखता है।
मुंबई के जाने-माने एंडोक्रिनोलॉजिस्ट और डायबेटोलॉजिस्ट डॉ. संजीव शाह कहते हैं, क्रोध, नींद न आना और थकान जैसी सामान्य समस्याओं को अक्सर कई लोग नज़रअंदाज़ कर देते है, ज्यादातर जीवन शैली से जूड़ी समस्याएं तनाव से पैदा होती हैं। एक रिसर्च के अनुसार , भारत में 70 प्रतिशत से भी अधिक युवा रोज़ाना तनाव झेलते है। तनाव कई लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बनकर उभरा है। अनियंत्रित तनाव व्यक्ति के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, जिसमें नींद न आना, थकान, चिंता और अवसाद शामिल है। जीवनशैली में कुछ सरल बदलाव जैसे चलना, व्यायाम करना, शौक पूरा करना और धूम्रपान और शराब पीने से परहेज करना तनाव को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में मदद
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17 मई को होगी हेमकुंड साहिब की यात्रा प्रारंभ
ऋषिकेश से ‘पंच प्यारों’ की अगुवाई में होगी प्रथम जत्थे की रवानगी
हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट ने राज्यपाल को दिया आमंत्रण
राज्यपाल ले.ज. गुरमीत सिंह से मिले ट्रस्ट के अध्यक्ष बिंद्रा
देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) से हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने मुलाकात की। ट्रस्ट के अध्यक्ष बिंद्रा ने राज्यपाल को हेमकुंड साहिब यात्रा के लिए आमंत्रित किया। गुरुवार को हुई भेंट में उन्होंने राज्यपाल को 17 मई को ऋषिकेश से श्पंच प्यारों की अगुवाईश् में प्रथम जत्थे को रवानगी के लिए भी आमंत्रित किया, जिससे हेमकुंड साहिब यात्रा-2023 का आगाज होगा।
राज्यपाल ले.ज. गुरमीत सिंह ने बिंद्रा से हेमकुंड साहिब यात्रा की तैयारियों और यात्रा मार्गों में चल रहे निर्माण कार्यों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की। राज्यपाल ने कहा कि हमारा प्रयास रहे कि श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम और सुरक्षित हो। यात्रा मार्गों पर मूलभूत सुविधाओं की कमी न होने पायें। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा यात्रा के बेहतर प्रबंध किए गए हैं।
इस दौरान बिंद्रा द्वारा जानकारी दी गई कि सरकार द्वारा मुख्य रूप से निर्माण कार्यों में हेमकुंड साहिब में हेलीपैड का निर्माण किया गया है। गोविंद घाट से हेमकुंड साहिब 06 किलोमीटर के मार्ग पर रेलिंग निर्माण, गोविंद घाट से 05 किलोमीटर तक का पुलना सड़क मार्ग और वहां पर टैक्सी चालकों के लिए पार्किंग बना दी गयी है। इसके अलावा यात्रा मार्गों में सुलभ शौचालयों का निर्माण और कई स्थानों पर सड़कों के चौड़ीकरण और सुधारीकरण का कार्य भी किया गया है। वहीं श्रद्धालुओं के लिए मेडिकल सुविधाएं भी उपलब्ध करायी गयी हैं।
ट्रस्ट के अध्यक्ष ने बताया कि यात्रा मार्ग में 10 रेन शेल्टर शैड बैंच सहित यात्रियों के बैठने के लिए तैयार किए गए हैं व कुछ स्थानों में सुरक्षा दीवार के कार्य किए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि गुरूद्वारा ट्रस्ट द्वारा भी श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए गुरूद्वारा पड़ाव में कई कार्य किए गए हैं। इनमें गोविंद घाट में 71 कमरों के नवीनीकरण और ऋषिकेश में नए 40 एसी कमरों का निर्माण किया गया है। वहीं दोनों स्थानों में लंगर हॉल के नवीनीकरण का कार्य भी
26 सब इंस्पेक्टर को किया गया इधर से उधररुद्रपुर। उधम सिंह नगर एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने दो महिला उप निरीक्षकों समेत 26 उप निरीक्षकों के तबादले किए हैं। जिसमें से कई दरोगाओं को चौकी की कमान सौंपी गई है तो कई दरोगाओं से चौकी का चार्ज वापस लिया गया है। दरअसल, बीते लंबे समय से सुगबुगाहट थी कि उधम सिंह नगर जिले में उप निरीक्षकों को इधर से उधर किया जा सकता है। ऐसे में अब एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने 26 दरोगाओं को इधर से उधर किया है। जिसमें कई उप निरीक्षकों को चौकी इंचार्ज बनाया है। जबकि, कई उप निरीक्षकों से चौकी का चार्ज वापस लिया गया है।
जिन उपनिरीक्षकों का तबादला किया गए है। उप निरीक्षक केसी आर्य को पुलिस लाइन से प्रभारी चौकी रम्पुरा, कोतवाली रुद्रपुर भेजा गया है। उप निरीक्षक कमाल हसन को पुलिस लाइन से एसएसआई प्रथम कोतवाली रुद्रपुर बनाया गया है।उप निरीक्षक अर्जुन गिरी को चौकी प्रभारी रम्पुरा से एसएसआई द्वितीय कोतवाली रुद्रपुर भेजा गया है।उप निरीक्षक कविंद्र शर्मा को प्रभारी चौकी सरकड़ा कोतवाली सितारगंज से थाना ट्रांजिट कैंप भेजा गया है।उप निरीक्षक महेश कांडपाल को कोतवाली रुद्रपुर से प्रभारी चौकी आदर्श कॉलोनी कोतवाली रुद्रपुर में तैनाती दी गी है।उप निरीक्षक विक्रम सिंह धामी को एसएसआई कोतवाली बाजपुर से प्रभारी चौकी सरकडा कोतवाली सितारगंज बनाया गया है।उप निरीक्षक गोविंद सिंह मेहता का एसएसआई कोतवाली किच्छा से एसएसआई कोतवाली बाजपुर तबादला हुआ है।उप निरीक्षक संदीप सिंह पिलख्वाल को प्रभारी चौकी बाजार कोतवाली खटीमा से प्रभारी चौकी बाजार कोतवाली खटीमा भेजा गया है।उप निरीक्षक होशियार सिंह प्रभारी को प्रभारी चौकी बाजार कोतवाली खटीमा से प्रभारी चौकी गढ़ीनेगी थाना कुंडा भेजा गया है।उप निरीक्षक ललित बिष्ट प्रभारी एसओजी काशीपुर को प्रभारी चौकी मझोला कोतवाली खटीमा भेजा गया है।उप निरीक्षक भुवन चंद्र जोशी को एसओजी रुद्रपुर से प्रभारी एसओजी काशीपुर बनाया गया है।उप निरीक्षक कीर्ति बल्लभ भट्ट को थाना पुलभट्टा से प्रभारी चौकी चूका थाना झनकईया भेजा गया है।उप निरीक्षक मनोज सिंह धौनी को प्रभारी चौकी चूका थाना झनकईया से एसओजी रुद्रपुर की जिम्मेदारी दी गई है। उप निरीक्षक पंकज महर को कोतवाली खटीमा से प्रभारी चौकी झनकट कोतवाली खटीमा भेजा गया है।उप निरीक्षक प्रदीप कुमार भट्ट को पुलिस लाइन से थाना दिनेशपुर भेजा गया है।उप निरीक्षक दीवान सिंह बिष्ट का थाना दिनेशपुर से थाना आईटीआई ट्रांसफर किया गया है।उप निरीक्षक अनुराग सिंह को पुलिस लाइन से कोतवाली खटीमा भेजा गया है।उप निरीक्षक धर्मेन्द्र कुमार को पुलिस लाइन से थाना नानकमत्ता भेजा गया है।उप निरीक्षक दरवान सिंह का थाना नानकमत्ता से थाना पुलभट्टा ट्रांसफर किया गया है।उप निरीक्षक नवीन चन्द्र सुयाल को पुलिस लाइन से थाना दिनेशपुर भेजा गया है।उप निरीक्षक पूरण सिंह का थाना ट्रांजिट कैंप से थाना गदरपुर तबादला हुआ है।उप निरीक्षक सुनील सिंह बिष्ट को पुलिस लाइन से कोतवाली रुद्रपुर भेजा गया है।उप निरीक्षक मनोज सिंह को पुलिस लाइन से कोतवाली किच्छा भेजा गया है। उप निरीक्षक मुकेश मिश्रा को पुलिस लाइन से कोतवाली रुद्रपुर भेजा गया है। उप निरीक्षक बबीता गोस्वामी का पुलिस लाइन से ट्रांसफर कोतवाली जसपुर किया गया है।उप निरीक्षक प्रियंका टम्टा को पुलिस लाइन से सिडकुल चौकी ।
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ऋषिकेश में योग के साथ शुरू हुआ वाई-20
20 देशों के युवा ले रहे कार्यक्रम में हिस्सा
ऋषिकेश। जी 20 की तरह वाई 20 के कार्यक्रम की अध्यक्षता करने का मौका भी भारत को मिला है। उत्तराखंड के ऋषिकेश में आज वाई 20 यानी यूथ 20 समिट का शुभारंभ कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य, एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक मीनू सिंह और स्वामी चिदानंद मुनि महाराज ने किया। दो दिन तक चलने वाले कार्यक्रम की सुरक्षा को लेकर पुलिस ने भी पुख्ता प्रबंध किए हुए हैं। कार्यक्रम में 20 देशों के युवा हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हैं। कार्यक्रम का शुभारंभ योग से किया गया। योग की मुद्राओं को देखकर कई देशों के युवा आकर्षित होते हुए नजर आए। उत्तराखंड की संस्कृति से भी विदेशी युवाओं को रूबरू कराया गया।
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कहा यह उत्तराखंड के लिए बहुत ही गौरव का पल है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत को जीत के साथ वाई 20 समिट की अध्यक्षता करने का भी मौका मिला है। यह कार्यक्रम 20 देशों के युवाओं को दिशा और दशा देने का काम करेगा। 20 देशों के युवा हेल्थ स्पोर्ट्स और अन्य मुद्दों पर आपसी चर्चा कर एक दूसरे को जानने का प्रयास करेंगे।
एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक मीनू सिंह ने कहा एम्स में वाई 20 का कार्यक्रम आयोजित होना उसके लिए गौरवशाली है। आज जिस प्रकार पहले दिन युवाओं ने अपने विचारों का आदान प्रदान किया उसको देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि विदेशी युवाओं में भारत की संस्कृति और मुख्य रूप से उत्तराखंड की संस्कृति को जानने की कितनी जिज्ञासा है। उन्होंने बताया विदेशी युवाओं ने योग की क्रियाओं को बेहद गौर से देखा है।
केदारनाथ धाम के मॉडल को देखकर भी युवा वर्ग आकर्षित नजर आया है। उत्तराखंड की संस्कृति को और करीब से जानने की जिज्ञासा भी युवाओं में देखी गई है। विचारों के आदान-प्रदान से जो निचोड़ निकलेगा वह समुद्र मंथन से निकले अमृत की तरह होगा, जो भारत के साथ 20 देशों को आपसी सामंजस्य स्थापित करने में एक सेतु का काम करेगा।
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राजनीति के चाणक्य शरद पवार का संन्यास
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने इस्तीफा देने की घोषणा की है। करीब 63 साल की अनवरत राजनीति के बाद अब वह एक कदम पीछे जाकर आराम करना चाहते हैं। उम्र भी 82 साल पार कर रही है। अब उनकी इच्छा है कि युवा पीढ़ी एनसीपी का नेतृत्व संभाले और जिम्मेदारियां निभाए। अलबत्ता उन्होंने सामाजिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक काम जारी रखने की बात कही है। वह पार्टी के तमाम आयोजनों और कार्यक्रमों में भी मौजूद रहेंगे, यह आश्वासन भी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को दिया है, लेकिन एनसीपी का औसत कार्यकर्ता यह यथार्थ स्वीकार करने को तैयार नहीं है कि शरद पवार मौजूद हों और कोई दूसरा चेहरा पार्टी अध्यक्ष बन जाए। कुछ हद तक यह ठीक भी है, क्योंकि पवार ही एनसीपी के संस्थापक, जनक, सूत्रधार हैं। ऐसी शख्सियत को खारिज कैसे किया जा सकता है। पवार ने सोनिया गांधी के विदेशी मूल का विरोध करते हुए कांग्रेस छोड़ी थी और पीए संगमा, तारिक अनवर के साथ एनसीपी का गठन किया था। संगमा आज दिवंगत हैं और तारिक कांग्रेस में लौट चुके हैं। एनसीपी के साथ पवार ने एक लंबा राजनैतिक रास्ता तय किया है। उन्हें राष्ट्रीय और महाराष्ट्र की राजनीति का चाणक्य माना जाता रहा है। भारत सरकार में वह रक्षा मंत्री और कृषि मंत्री भी रहे। नेता प्रतिपक्ष की भूमिका भी निभाई। कमोबेश महाराष्ट्र की राजनैतिक ज़मीन पर उन्होंने कभी भी कमज़ोरी नहीं दिखाई और न ही पार्टी को कमज़ोर होने दिया। कांग्रेस के साथ मिल कर उन्होंने सरकार चलाई। शिवसेना सरीखी धुर विरोधी सोच की पार्टी के साथ उन्होंने ही गठबंधन तैयार किया और उसमें हिस्सा बनने को कांग्रेस को भी सहमत किया। नतीजतन उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार बन सकी थी। जिस नेता को बागी, खलनायक, चाणक्य और घरेलू लड़ाकू करार दिया जाता रहा हो, वह बड़ी उम्र के बावजूद पार्टी की अध्यक्षी छोडऩे का अचानक ऐलान कर सकता है।
हमें यह भी पवार की बाज़ी लगती है, क्योंकि उनके प्रिय भतीजे अजित पवार के साथ उनका कथित अंतर्कलह सतह पर आने लगा था। पवार जीवन भर धर्मनिरपेक्षता की समन्वयवादी राजनीति करते रहे, लिहाजा अजित के भाजपोन्मुखी लगाव और रुझान को वह कैसे स्वीकार कर सकते थे। विशेषज्ञ उनके इस्तीफे का बुनियादी कारण अजित को ही मानते हैं। इस्तीफे की घोषणा कर पवार ने साबित कर दिया कि पार्टी में वह आज भी सर्वस्वीकार्य और सुप्रीमो हैं। बीती 16 अप्रैल को पवार की सांसद बेटी सुप्रिया सुले ने बयान दिया था कि आगामी 15 दिनों में दो बड़े धमाके होंगे। महाराष्ट्र के स्तर पर पवार का इस्तीफा वाकई विस्फोट है, लेकिन देश के स्तर पर क्या धमाका हो सकता है? क्या एनसीपी और भाजपा में गठबंधन के समीकरण बन सकते हैं? यह फिलहाल भविष्य के गर्भ में छिपा है। पवार को इस्तीफे पर आगामी 2-3 दिन में ही अंतिम फैसला लेना है। वह चाहते हैं कि उनकी बेटी सुप्रिया एनसीपी की नई अध्यक्ष बने। अजित उसमें बड़ी बाधा बन सकते हैं। उस संदर्भ में पार्टी में फूट भी हो सकती है। कुछ विधायक तो अजित के पक्ष में भी हैं। यदि पार्टी में विभाजन होता है तो एनसीपी का व्यापक बिखराव भी सामने आ सकता है। वैसे आजकल पवार ने अडानी और जेपीसी के मुद्दों पर ऐसे बयान दिए हैं, जो प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के समर्थक ज्यादा लगते हैं। फिर पवार ने इस्तीफा देते हुए यह भी आशंका जताई है कि महाविकास अघाड़ी रहेगा या नहीं, उन्हें नहीं पता। इसके अर्थ गहरे हो सकते हैं। बहरहाल एनसीपी में प्रत्येक स्तर पर भावुकता है। नेता और कार्यकर्ता रो रहे हैं, छाती पीट रहे हैं, खुद को अनाथ समझने लगे हैं। बड़े नेताओं ने भी पवार के सामने हाथ तक जोड़ दिए हैं कि आप अपना फैसला वापस ले लें। अब सब कुछ पवार के पाले में है। देखना यह भी होगा कि पवार के इस कदम से महाराष्ट्र तथा देश की राजनीति में क्या बदलाव आता है। क्या राकांपा एकजुट रह पाएगी या बिखर जाएगी, यह भी देखने वाली बात होगी। बहरहाल, पवार पर सबकी नजरें लगी हैं।