विकासनगर : अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने वर्ष 2016 में सेलाकुई के प्रियंका हत्याकांड में आरोपी युवक पंकज को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। पंकज ने एकतरफा प्यार में पहले तो बर्बरता से कुल्हाड़ी से वार कर प्रियंका की नाक काटी थी, बाद में कई वार कर हत्या कर दी थी। इसके बाद उसने आत्महत्या का भी प्रयास किया था। एडीजे ने युवक पर 25 हजार का जुर्माना भी लगाया है।
एडीजीसी अपराध नरेश चंद्र बहुगुणा के अनुसार 28 अप्रैल 2016 को सेलाकुई स्थित एक कंपनी में रात्रि ड्यूटी कर रहे पचपन सिंह चौहान को सुबह छह बजे किसी ने फोन कर सूचना दी कि उनके घर से उठा-पटक व कराहने की आवाज आ रही है। साथ ही घर अंदर से बंद है।
इसके बाद वह तुरंत घर पहुंचे। वहां पहले से मौजूद पुलिस व ग्रामीणों की मौजूदगी में कमरे की खिड़की तोड़ी गई। कमरे के अंदर पचपन सिंह की 22 वर्षीया बेटी प्रियंका गंभीर घायल अवस्था में पड़ी थी। उसके समीप ही पंकज सिंह लटवाल (22 वर्ष) पुत्र मदन सिंह मूल निवासी देवल जिला अल्मोड़ा व हाल निवासी सेलाकुई भी घायल पड़ा था।
पुलिस ने 108 के माध्यम से दोनों घायलों को अस्पताल पहुंचाया। जहां प्रियंका को मृत घोषित कर दिया गया। घटना के समय तहसीलदार रहे गुरदीप सिंह ने घायल पंकज के बयान दर्ज किए। पुलिस ने घटनास्थल से प्रियंका की हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी, फर्श पर पड़ा खून, अभियुक्त पंकज के कपड़े भी कब्जे में लिए।
हत्या के बाद आरोपी ने खुद की जान लेने का भी प्रयास किया। विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट में कुल्हाड़ी और पंकज के कपड़ों पर प्रियंका का खून पाया गया। विवेचक रहे एएसपी मंजूनाथ टीसी व थानाध्यक्ष सहसपुर रहे मुकेश त्यागी ने जांच के बाद चार्जशीट कोर्ट में पेश की। मामले में कुल 24 गवाहों में से 12 गवाह पेश किए गए। अभियोजन पक्ष की ओर से घटना को महिला जाति के प्रति सामाजिक अपराध और बर्बर बताते हुए अधिकतम सजा की मांग की गई। अभियोजन पक्ष व बचाव पक्ष की तमाम दलीलों को सुनने को बाद को सुनने के बाद एडीजे मोहम्मद सुल्तान ने प्रियंका हत्याकांड में दोषी पाए गए पंकज को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।