जोशीमठ : सड़क निर्माण के दौरान अधिग्रहित की गई जमीन का दस साल बाद भी जब मुआवजा नहीं मिला तो ग्रामीणों ने सड़क पर ही गुस्सा उतार दिया। ग्रामीणों ने पत्थरों के अवरोध लगाकर सड़क को बंद कर दिया। इससे करीब सात गांवों की आवाजाही प्रभावित हो गई।
वर्ष 2008-09 में चमोली जिले में मारवाड़ी थैंग मोटर मार्ग की 10.5 किलोमीटर स्वीकृति मिली थी। इसके लिए 3.5 करोड़ की धनराशि भी स्वीकृत हुई थी। पीएमजीएसवाई ने सड़क निर्माण शुरू किया तो करीब दो किलोमीटर में चाईं के 11 ग्र्रामीणों की कृषि भूमि थी।
चांई से आगे के गांवों की समस्या को देखते हुए ग्रामीणों ने भी बिना मुआवजे के ही पीएमजीएसवाई को सड़क बनाने की अनुमति दे दी। तब पीएमजीएसवाई के अधिकारियों ने तत्काल मुआवजे का भरोसा दिलाया था।
इसके बाद मुआवजे की मांग को लेकर ग्रामीण शासन-प्रशासन के चक्कर काटकर एड़ियां रगड़ चुके हैं। इसके बावजूद भी ग्रामीणों को उनकी भूमि का मुआवजा नहीं मिल पाया है। पीएमजीएसवाई के अधिकारियों का कहना है कि मुआवजा धनराशि स्वीकृत नहीं थी, जो अब उपलब्ध हो गई है। खास बात यह है कि भूमि में सड़क बन गई, लेकिन अभी तक ग्रामीण से भूमि खरीद की रजिस्ट्री ही नहीं हुई है। ऐसे में राजस्व रेकार्ड में भूमि के मालिकाना हक ग्रामीणों के पास ही है।