झोलाछाप डॉक्टर और एलोपैथी डॉक्टर
भारत देश मेे किसे कहा जाताहै झोलाछाप डॉक्टर ? ये वो लोग हैं जो डॉक्टरी का पेशा करने के योग्य तो नहीं होते मगर बड़े-बड़े दावे करके भोली भाली जनता को ठगते हैं l कोई RMPलिख देता था,कोई होमोपेथी का डॉक्टर , कोई acupuncharist आदि -आदि l
दर्रसल ये लोग कोई तकनीकी रूप से योग्य
एलोपैथिक डॉक्टर
( technically Qualified allopathic docotor) नहीं होते l
तो क्या सरकार अब इस तरह के लोगों को भी डॉक्टर की डिग्री पीछे के रास्ते से देने की तैयारी कर रही है ? कुछ एसा ही भारतीय मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) एलोपैथी डॉक्टरों की अब तक की सर्वोच संस्था है सरकार की प्रस्तावित ” राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के विधेयक “के खिलाफ कह रही है जो की लोकसभा में पेश किया गया था। आईएमए के पदाधिकारी डॉ.राजन ने आरोप लगाया कि विधेयक स्वास्थ्य सेवा पर प्रतिकूल प्रभाव डाल देगा। उन्होंने कहा कि इस विधेयक में आयुर्वेदिक और होमिओपैथी डॉक्टरों को छह महीने के कोर्स के बाद एलोपैथी का अभ्यास करने के लिए प्रावधान हैं , इस प्रकार उन्हें एमबीबीएस डॉक्टरों के समकक्ष लाया जायेगा , जबकि बाद में शायद कुछ प्रावधान और होंगे जिससे कि वो भी एलोपैथी डॉक्टरों की तरह व्यवसाय कर सकें lये कानून एसा है जो सरकार द्वारा नामांकित निकाय की तरफ से काम करेगा जो की लोकतांत्रिक ढंग से चुने गए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की जगह ले लेगा।
अगर IMA की आसंका सही है तो क्या सरकार सुन्योजित तरीके से जनता को एसे डॉक्टरों से इलाज काराने को मजबूर करेगी ज़िनका आधुनिक चिकित्सा का ज्ञान ना के बराबर होगा ? क्या हम आगे बढने की जगह धीरे धीरे पिछडते जायेंगे l क्या जब इतिहास लिखा जाएगा तो ये भी लिखना होगा कि 21 वीं सदी में हमें आधुनिक डॉक्टर की जगह शायद 17-18 सदी की तरह डॉक्टर मिलें.और शायद आने वाले समय में लम्बगाँव जैसे छोटे कस्बे में वो ही लोग डॉक्टर होंगे जो इस टाइप के झोला छाप होंगे , क्यूंकी अच्छे डॉक्टर तो शहरो में ही होंगे और सरकार इस टाइप के डॉक्टरों की गावं में न्युक्त करेंगे ।
सोचियेगा जरूर ।