केदारनाथ उप विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू,20 नवंबर को होगी वोटिंग ।
देहरादून। पहाड़ो कि गूंज ब्यूरो
उत्तराखंड के केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव का ऐलान हो गया है। जिसके बाद आचार संहिता लागू हो गई है। यह सीट केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद खाली हो गई थी। अब इस सीट उपचुनाव होना है। केदारनाथ सीट को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने कमर कस ली है।
केदारनाथ उपचुनाव के लिए तारीख की घोषणा हो गई है। इसके तहत 20 नवंबर को मतदान होगा तो 23 नवंबर को मतगणना होगी। उधर, केदारनाथ उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही मैदान में उतरकर माहौल बनाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस ने जहां हरिद्वार से लेकर केदारनाथ तक केदारनाथ बचाओ यात्रा निकाली तो वहीं बीजेपी संगठन भले ही अभी कुछ खास न कर पाया हो, लेकिन सरकार के स्तर पर जिस तरह से घोषणाएं हो रही हैं, वो बताती है कि सरकार केदारनाथ में होने वाले चुनाव को अपनी नाक का सवाल बना रही है। एक के बाद एक सरकार की तरफ से घोषणाएं की गई है। केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद खाली हुई यह सीट कितनी जरूरी है। यह मुख्यमंत्री की ओर करीब 39 घोषणाएं बता देती है। जिससे ये भी पता चलता है कि सरकार इस चुनाव पर पूरी तरह से फोकस करना चाहती है। अब तक की घोषणाओं की बात करें तो 7 अक्टूबर को भी 14 नई घोषणाएं केदारनाथ क्षेत्र के लिए की गई थी। इसके बाद 15 अक्टूबर को ही 25 घोषणाएं और की गई थी। इस तरह से लगातार कई घोषणाएं कर सरकार केदारनाथ क्षेत्र के मतदाताओं को साधने की पूरी कोशिश कर रही है।
केदारनाथ उपचुनावः कर्नल कोठियाल या आशा नौटियाल किस पर दांव आजमाएगी भाजपा
कुलदीप रावत भी है कतार में
केदारनाथ उपचुनाव की किसी क्षण रणभेरी बजने वाली है। भारतीय जनता पार्टी की विधायक शैलारानी रावत की मृत्यु के पश्चात खाली हुई सीट पर चुनाव होना है। इसलिए भाजपा ने अपनी अन्दुरूनी रूप से पूरी तैयारी कर ली है। सूत्रों के मुताबिक कर्नल कोठियाल को ऐन समय पर केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय किया गया है। ऐसे में अब यह कयास लगाए जा रहे है कि भाजपा उपचुनाव में प्रत्याशी के रूप में कर्नल कोठियाल पर दावं आजमाने की तैयारी में है। यह फैसला कितना सही और गलत होगा यह भविष्य के गर्भ मंे छिपा है। वैसे कर्नल कोठियाल का केदारनाथ में आई आपदा के बाद उसके पुर्न निर्माण में उनका विशेष योगदान रहा है। वैसे अगर प्रत्याशियों की बात की जाए तो आशा नौटियाल व कुलदीप रावत भी भाजपा से इस सीट पर चुनाव लड़ने के लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। पर राजनितिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि भाजपा कांग्रेस की रणनीति के चलते इस सीट पर वेट एंड वाॅच की स्थिति में है। कांग्रेस के प्रत्याशी का नाम सामने आने के बाद ही भाजपा इस उपचुनाव में अपने ताश के पत्ते खोलेगी। क्योंकि हरिद्वार और चमोली में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के हाथों करारी हार के बाद भाजपा इस सीट को जीतने के लिए ऐडी चोटी को जोर लगाएगी। अब भाजना क्या रणनीति आजमायेगी फिल्हाल यह भविष्य के गर्भ में छिपा है।