रुद्रप्रयाग। ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ के कपाट मंगलवार को शीतकाल के लिए विधिविधान से बंद किये जाएंगे। केदारनाथ धाम देश-विदेश के करोड़ों शिव भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है। भैयादूज के दिन केदारनाथ के कपाट बंद होते हैं। सदियों से केदारनाथ, बदरीनाथ , गंगोत्री , यमुनोत्री समेत तुंगनाथ और मदमहेश्वर) के कपाट शीतकाल में बन्द होने की परंपरा है। मंगलवार सुबह केदारनाथ धाम में बाबा केदार की पूजा अर्चना होगी। विधिवत पूजा अर्चना के बाद भगवान केदारनाथ के कपाट प्रातः 8.30 बजे बंद कर दिए जाएंगे। प्रातः केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह डोली कल ही केदारनाथ धाम से रवाना होकर रामपुर पहुंचेगी, जहां रात्रि प्रवास होगा।
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रामपुर में इस मौके पर केदारनाथ महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। महोत्सव के आयोजक आशीष गैरोला ने कहा कि यह महोत्सव भव्य होगा। रामपुर के बाद 30 अक्टूबर को बाबा केदार की डोली गुप्तकाशी बाबा विश्वनाथ मंदिर में प्रवास करेगी। 31 अक्टूबर को बाबा केदार की डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में पहुंचेगी,ओंकारेश्वर मंदिर को बाबा केदार के स्वागत के लिए सुंदर सजाया गया है
यहां पूरे शीतकाल के दौरान बाबा केदार की पूजा अर्चना की जाती है।
बता दें कि इस साल अब तक रिकार्ड 9,94,701 तीर्थयात्रीयों ने बाबा केदार के दर्शन किए हैं। पिछले साल यह संख्या 7,32,241 थी।आज केदारनाथ में रात भर जागरण श्रद्धालु करते हैं
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