देहरादून: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से पहाड़ों की गूंज राष्ट्रीय सप्ताहिक समाचार पत्र का है कहना प्रधानमंत्री बने रहना
आपने नहीं काला धन वापसी लाया ,किसानों का कर्ज माफ नहीं किया, धारा 370 लागू नहीं किया,2करोड़ नोकरिया नहीं दी ,जिस राम मंदिर के कारण जन भावनाओं से सत्ता मिली वह भी पूरी नहीं किया।
उल्टे किसानों की फसलों का 22हजार करोड़ नदेने से 125 हजार किसानों ने आत्महत्या करदी । कृषि क्षेत्र में उत्पादन आय घटी ।
कृषि का बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कर्यक्रम की मदद में बजट में कटौती कर दी। तो देश को कहाँ लेजाएँगे ।इससे अनपढ़ घरेलू महिलाओं में ही चर्चा करते हुए बहस होरहि है।
पत्र का मानना है यदि आपने देश के विकास में सहयोग करने वाले उद्योगपतियों के 3लाख 88 हजार करोड़ रुपये कर्ज माफ कर आम आदमी के साथ चुनाव में किये 15लाख रुपये देने के वायदे को नहीं निभाया कोई बात नहीं
बस आपको इतनी जल्दी हल्की घोषणा कर देश की समजदार जनता को लुभाने में कहां तक सफ़ल होते यह तो भविष्य के गर्व में है पर पत्र का दावा है कि किसानों को प्रति हेक्टेयर 30000 हजार रुपए दिया तो 56करोड़ वोटर सीधे बीजेपी के लिए तैयार रहेंगें। हमेशा देश किसानों की वजह से प्रगति करता रहेगा। देश का रक्षा बजट 3लाख करोड़ कर दिया आजकल की जरूरत को देखते हुए होना भी चाहिए पर देश को मजबूती प्रदान करने के लिए किसानों के लिए भी उससे दोगुना बजट 6 लाख करोड़ रुपये होना चाहिए।
अभी समय है तो सँभल जाइये फिर तो बीजेपी को राजनीति करने के लिए बहुत कुछ समय हाथ मे रहने वाली विश्वास की पूंजी नहीं दिखने वाली है। बुद्धिमानी से कमजोर आगे बढ़ सकता है।