इंदौर। कोरोना वायरस महामारी का रूप लेकर कई देशों में फैल चुका है। भारत में इससे संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। कोरोना वायरस का कहर सबसे ज्यादा इटली में देखने को मिला है। भारत में कोरोना संकट से निपटने के लिए सरकार ने 22 मार्च से 21 दिन के लिए देशव्यापी लॉकडाउन का एलान किया गया है। बावजूद इसके कुछ लोग लापरवाही दिखा रहे हैं। जिसका नतीजा ये है कि दिन प्रतिदिन इसके मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। देश भर में कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा मंडराने लगा है। इसी वजह से मध्यप्रदेश सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। राज्य सरकार ने इंदौर में देश का सबसे सख्त लॉकडाउन करने का फैसला किया है। इस दौरान यह शहर पूरी तरह से थम जाएगा। इंदौर में अब तक 32 कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं। आज 8 नए मरीज आए सामने हैं जिनमें 7 इंदौर और 1 उज्जैन का रहने वाला है। शहर में एक अप्रैल तक राशन, सब्जी, दूध डेयरी व अन्य किसी भी सामान की बिक्री नहीं होगी और न ही होम डिलिवरी मिलेगी। इसके साथ ही पेट्रोल पंप भी बंद रखे जाएंगे। लॉकडाउन की लगातार अनदेखी को देखते हुए प्रशासन ने यह कड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। बीते पांच दिनों में इंदौर में संक्रमितों का संख्या लगातार बढ़ती गई है। प्रशासन ने चंदन नगर, रानीपुरा जैसे इलाकों को खास तौर पर चिह्नित किया है और यहां आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। इंदौर में संक्रमितों की संख्या 22 पर पहुंच गई है। इस वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जिला कलेक्टर मनीष सिंह ने सभी व्यवस्थाओं के सुचारू संचालन के लिए कई अधिकारी नियुक्त किए हैं। साथ ही सरकार ने यह साफ कर दिया है कि संपूर्ण लॉकडाउन का उल्लंघन किसी ने भी किया तो उसपर सख्त कार्रवाई होगी।