HTML tutorial

पांडुकेश्वर में मेला समिति ने विधि विधान से घण्टा कर्णऔर कुबेर जी की पूजा के साथ जांती धार्मिक( मेला) कौथिक का किया शुभारंभ

Pahado Ki Goonj

चमोली , पांडुकेश्वर गांव में शनिवार को विधि-विधान से जांती कौथिग का आगाज हो गया है। गांव के कुबेर मंदिर में पूजा अर्चना के बाद कौथिग का शुभारंभ किया गया है। कौथिग(  मेला)का आगामी 25 जनवरी तक आयोजन किया जारहा है ।

पांडुकेश्वर गांव में मुख्य पुजारी सौरभ भंडारी  के द्वारा सुबह कुबेर और घंटाकरण देवता की विशेष पूजाएं सम्पन्न कराई गई। उसके बाद मंदिर प्रांगण में देवताओं ने अपने पश्वा पर अवतार लेकर जांती कौथीग  धार्मिक मेले के शुभांरभ की अनुमति प्रदान की। देवताओं की ओर से अनुमति दिये जाने के बाद यहां परम्परा के अनुसार कुबेर और घंटाकरण देवता के विग्रह को श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिये कुबेर चैक में बने पांडल में रखा गया। जिसके बाद यहां पूजा-अर्चना के साथ जांती धार्मिक कौथिग  मेले का आयोजन शुरु कर दिया गया है। आयोजन समिति के अध्यक्ष कुन्दन भंडारी ने बताया कि गांव में आगामी 25 जनवरी तक कौथीग का परम्परा के अनुसार आयोजन किया जारहा है। कौथीग के दौरान कैलाश देवता 24 जनवरी को आयोजित होने वाले विशेष अनुष्ठान के दौरान अग्नि में गर्म की गई जांती लौहे के तीन पैर वाली देवता के पश्वा के देव रूप धारण    की मान्यता का प्रतीक को अपने शरीर में धारण करेगा। देव भूमि में मान्यता है कि कैलाश देवता के जांती धारण करने से क्षेत्र  एंव देश में सुख और समृद्धि बनी रहती है। साथ  ही उन्होंने बताया कि कोरोना को देखते हुए इस वर्ष आयोजन में ग्रामीण ही भाग ले रहे है। अन्य लोगों को आयोजन में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई है। इस मौके पर कैलाश देवता के पश्वा मोहित राणा, नंदा देवी भगत सिंह मेहता, घंटाकर्ण संजीव भंडारी, कुबेर अखिल पंवार, मनदीप भंडारी, अरविंद शर्मा, राजेश मेहता, कृष्णा मेहता, राघव भंडारी, सोमेश पंवार  बड़ी संख्या में  ग्रामीण श्रद्धालुओं मौजूद रही।देश मे खुशहाली की कामना देव पश्वा एवं आयोजन समिति ने की है।

Next Post

पलायन-के-सहचर

#पलायन_के_सहचर #पट्टी_दोगी_के_दिव्य_हिमालय_में_प्रवेश #मृत्यु_सी_भयानक_संकरी_पगडंडी आज बहुत दूर तक विकट रास्ते से चलना पड़ा। नीचे गधेरा गंगा बह रही थी, ऊपर पहाड़ खड़ा था। पहाड़ के निचले भाग में होकर चलने की संकरी सी पगडंडी थी। उसकी चौड़ाई मुश्किल से 3 फुट रही होगी। उसी पर होकर चलना था। पैर भी6उ इधर-उधर […]

You May Like