मंदिर समिति के अधिकारियों को मुख्यकार्याधिकारी बनाने में वेतन एवं इतने बड़े मन्दिर समूहों के कर्मचारियों के व्यक्गित परेशानी पूजा अर्चना कार्यक्रम सम्पन्न कराने में समय समय पर आने वाली दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
देहरादून,पहाडोंकीगूँज,देश की खुशी के लिए लोक प्रिय प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी छठी बार श्री बद्रीनाथ श्री केदारनाथ धाम में पूजा अर्चना करने के लिए21 अक्टूबर2022 को पहुंच रहे हैं।इसका आभास प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के श्री केदारनाथ श्री बद्रीनाथ में पहुंच कर भगवान की पूजा कर मोदी जी के विजन के कार्यों का मुयाना कर समय से कार्य पूर्ण करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं । प्रधानमंत्री के केदारनाथ मंदिर को भव्य रूप में बनवाने की भावना साधना हो रही है ।बद्रीनाथ धाम में बद्रीनाथ धाम महा योजना के विकास में मंदिर समिति की सम्प्पतियों की टूटफूट अधिग्रहण होने पर उसका मुवजा मंदिर समिति को नही दिया जारहा है। कार्यक्रम महा योजना का छल रहा है। समिति की अरबों रुपए की संम्पतियों का मुवजा नहीं मिल रहा है।इसकी जानकारी कारी कार्यदायी संस्था के लोगों से भी नहीं मिल रही है। कोई कुछ भी नही बोल रहा है । शुभागमन की तैयारी में लगे हैं श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के कर्मचारीयों को सितंबर2022 से वेतन नहीं मिला है ।इतनी ऊंचाई पर खर्चे की कमी के अभाव में स्वास्थ्य पर भी जहाँ असर पड़ रहा है । दूसरी ओर देश को खुसहाल करने, बनाने के लिए श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण करने वाले मंदिरों में सेवा करने वाले कर्मचारियों को काफी परेशानी यों का सामना करना पड़रहा है ।वहीं उनके घरमे बच्चों के पढाई लिखाई के खर्चों के साथ साथ बार त्योहार में मायूसी रहने से समाज में ठीक नहीं लगता है । पहले मुख्यकार्याधिकारी बीडी सिंह के छुटी पर रहने से और फिर अपने मूल वन विभाग में वापिस आने से और उनकी जगह दूसरे मुख्यकार्याधिकारी योगेंद्र जो पहले से केदारनाथ निर्माण की ट्रष्ट के मुख्यकार्याधिकारी का कार्य देख रहे हैं। उनका स्थानांतरण होने से पूर्व वेतन नही मिला है। अल्प मान देय के कर्मचारियों की परेशानी को देखते हुए कोई कर्मचारियों की परेशानियों को अपने जन प्रतिनिधियों को नहीं कह पा रहा है।पूर्व में त्रिवेंद्र सिंह रॉवत सरकार में नए चारधाम देव स्थानम बोर्ड़ बवाने पर और श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के स्वरूप को यथावत रखने पर कर्मचारियों को दो वार वेतन नहीं मिला उसकी पहल पहाडोंकीगूँज को करनी पड़ी है । कर्मचारी संघ के अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में केदारनाथ मंदिर समिति कर्मचारियों के 81 इतिहास में प्रथम बार 3,4 मार्च 2013 में सम्मेलन रुद्र प्रयाग में सम्पन्न हुआ था
वहां मंदिर समिति का सरकार के साथ समन्वय में भौगोलिक स्थिति में विलंबता का अनुभव को देखते हुए मुख्यातिथि मुख्यकार्याधिकारी बीडी सिंह ने आत्मविश्वास भरे सम्बोधन में कहा था कि पहाडोंकीगूँज राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचार पत्र श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति कर्मचारियों की समस्याओं के साथ साथ चारधाम यात्रा से प्रदेश एवं देश के विकास की लाइफ़ लाइन को बढ़ावा देने का काम करते रहने के लिए काम करेगा।
पत्र का कार्य पीत पत्रकारिता नही है । जो दिखाई देता है उसे लिखकर स्वधर्म का पालन करते रहना हमारे संस्कार की संस्कृति है। वेतन दिलाने के लिए हमने पूर्व में दो बार कर्मचारियों की परेशानियों को देखते हुए वेतन दिलाने का अनुरोध मुख्यमंत्री मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार से किया था।
मंदिर समिति के अधिकारियों को मुख्यकार्याधिकारी बनाने में वेतन एवं इतने बड़े मन्दिर समूहों के कर्मचारियों के व्यक्गित परेशानी पूजा अर्चना कार्यक्रम सम्पन्न कराने में समय समय पर आने वाली दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
कर्मचारियों में आर्थिक स्थिति को देखते हुए मन मार कर भी सरकार की एंव श्रद्धालुओं की खुसहाल के लिए काम पर 18 ,18 घण्टे सेवा देने के लिए तैयार हैं । दिन प्रतिदिन यात्रा बढ़ रही हैं ।जिससे देखते हुए वहां कर्मचारियों को बढ़ाने की आवश्यकता है । पूर्व में 25 कर्मचारियों को 6 महा सीजनल ड्यूटी पर लगने वालो में 10 कर्मचारियों सेवकों को साल भर कर दिया गया है। उनमें छूटे हुये 15 कर्मचारियों को सालभर सीजनल ड्यूटी के लिए सरकार को आदेश करने की आवश्यकता है। मंदिर समिति कर्मचारियों के पूर्व संरक्षक के नाते पत्र के माध्यम से लोकप्रिय बीकेटी सी के अध्यक्ष अध्यक्ष भट्ट से वेतन दिलाने एवं मुख्यमंत्री धामी जी से अनुरोध है कि देश की खुसहाल के लिए हमारे मंदिर प्रकाश पुंज हैं ।वहां की सम्प्पतियों का मुवजा दिलाने की कार्यवाही करने के साथ साथ कर्मचारियों की दिवाली से पूर्व वेतन भत्ता दिलाने के लिए की घोषणा करने की कृपा करें।
प्रांतीय रक्षक दल( PRD)उत्तराखंड की मांगें पूरी की जाय
चारधाम यात्रा में एवं उच्च पहाडों पर कार्यरत पी आर डी उत्तराखंड के जवानों को उनकी सेवाओं को देखते हुए उन्हें सालभर की ड्यू,मानदेय में बढ़ोतरी करने के साथ साथ अन्याय व्यवहारिक सुविधाएं देने के लिए सरकार को बिचार करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इनको 300 दिन के रोजगार देने की घोषणा की है । विभागीय मंत्री श्रीमती रेखा आर्य उत्तराखंड की घोषणा प्रेस वार्ता में एक्ट में संशोधन किया आएगा का बयान प्रकाशित किया है।
~◆हार्दिक स्वागत◆~
श्री नरेंद्र मोदी मा .प्रधानमंत्री
श्री पुष्कर सिंह धामी मा. मुख्यमंत्री
देव भूमि उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध धाम बदरीकेदार में मा .प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई मोदी का छठवीं बार शुभागमन के लिए प्रयास करने के लिए मा .मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का हृदय से आभार व्यक्त करते हैं मा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का एवं मा मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी हार्दिक अभिनन्दन बंधन करते हैं
विनीत
जीतमणि पैन्यूली
पूर्व संरक्षक
श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति कर्मचारी संघ
संयोजक
उत्तराखंड पत्रकार संगठन समन्वय समिति देहरादून
संयोजक
टिहरी बांध प्रभावित संघर्ष समिति प्रतापनगर
टिहरी गढ़वाल
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केदारनाथ मकें हेलिकॉप्टर क्रेश,छह की मौत
रूद्रप्रयाग। ं केदारनाथ धाम में हेलिकॉप्टर क्रैश होने की खबर है। इस हादसे में छह लोगों की दर्दनाक मौत होने की भी सूचना है। हादसा गरुड़चट्टी के पास हुआ। क्रैश का शिकार हुआ हेलिकॉप्टर आर्यन हेली कम्पनी का बताया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार दुर्घटनाग्रस्त हुए हेलिकॉप्टर में छह यात्री बैठे थे। घटना का कारण घना कोहरा बताया जाता है। दरअसल केदारनाथ धाम में लगे कोहरे के कारण लोगों को कई तरह की दिक्कतें आ रही हैं। घटना के बाद हेलिकॉप्टर कई टुकड़ों में बंट गया। घटनास्थल पर राहत और बचाव का काम जारी है। इस मामले में विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा की जा रही है।आगेपढेंबीएसएनएल केंद्र में लगी भीषण आग, चार जिलों में बीएसएनएल संचार सेवाएं प्रभावित
अल्मोड़ा। देर रात भारत संचार निगम लिमिटेड दूरभाष केंद्र में भीषण आग लगने से पूरा सर्वर राख हो गया। इस अग्निकांड में कुमाऊं के पर्वतीय चारों जिलों में बीएसएनएल की सेवाएं ठप पड़ गई। देर रात दमकल कर्मियों ने बमुश्किल आग पर काबू पाया। इस दौरान निगम को 80 लाख से अधिक का नुकसान हो गया। मंगलवार को विभाग नुकसान के आकलन में जुटा रहा। प्रथम दृष्टया आग लगने का कारण शॉट सर्किट बताया जा रहा है।बीते सोमवार की देर रात करीब साढ़े 10 बजे जागनाथ स्थित बीएसएनएल के दूरभाष केंद्र में अचानक आग लग गई। धीरे-धीरे आग कार्यालय में फैलने लगी। सभी उपकरणों समेत पूरे कार्यालय को आग ने आगोश में ले लिया। उपरण धूंधूं कर जलते रहे। आस-पास के लोग और रात्रि ड्यूटी में तैनात कार्मिकों ने इसकी सूचना फायर सर्विस अल्मोड़ा को दी।
प्रभारी अग्निशम अधिकारी उमेश चंद्र परगाई के नेतृत्व में शीघ्र ही दमकल कर्मी मौके पर पहुंचे। कर्मियों ने स्थानीय लोगों की मदद से मोटर फायर इंजन और होजरील से आग बुझाना शुरू किया। घंटों की मशक्कतों के बाद रात बमुश्किल आग पर काबू पाया गया। घटना से 80 लाख रुपये से अधिक के नुकसान का आंकलन किया जा रहा है।फायर स्टेशन के पास मिला शव,क्षेत्र के विवाद में उलझी पुलिस
हल्द्वानी। फायर स्टेशन के पास दो पुलिस चौकियों के बीच एक युवक का शव मिलने से सनसनी फैल गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को मोर्चरी तो रख दिया। किन्तु इसके बाद मंडी व मेडिकल चौकी इंचार्ज क्षेत्र विवाद में उलझ गए। दोनों इंचार्ज अपना क्षेत्र नहीं होने की बात कहकर मामले से पल्ला झाड़ते नजर आए।
मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार की सुबह फायर स्टेशन के पास एक युवक का शव पड़ा हुआ मिला। लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची मेडिकल चौकी पुलिस शव को उठाकर मोर्चरी ले गई। युवक की शिनाख्त नहीं हो सकी है। इस मामले में मेडिकल चौकी इंचार्ज हरिराम ने बताया कि शव मिला है। लेकिन मामला उनके क्षेत्र का नहीं है।वहीं इस संबंध में मेडिकल चौकी इंचार्ज गुलाब सिंह काम्बोज का कहना है कि शव फायर ब्रिगेड के पास मिला है। यह क्षेत्र मेडिकल पुलिस चौकी के अंतर्गत ही आता है। सवाल यह उठ रहा है शहर के बीचोंबीच लाश को लेकर दो चौकी इंचार्ज यह तय नहीं कर पाए हैं कि क्षेत्र किसका है।
अगर मौत हत्या निकली तो आरोपित पुलिस के विवाद का फायदा उठाकर दूर भाग सकते हैं। ऐसे में फिर पुलिस को उन्हें पकडऩे के लिए अतिरिक्त मेहनत करनी होगी। मोर्चरी में रखे शव की शिनाख्त तब होगी जब दोनों चौकी इंचार्ज तय कर लेंगे की क्षेत्र किसका है।इसे भी पढ़ेराष्ट्रीय जांच एजेंसी की छापेमारी से उत्तराखण्ड में मचा हड़कंपदेहरादून। उत्घ्तराखंड में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की छापेमारी से हड़कंप मच गया है। राजधानी देहरादून और हरिद्वार में छापेमारी की जा रही है। उत्घ्तराखंड के साथ ही कई अन्घ्य राज्घ्यों में भी एनआइए की छापेमारी की कार्रवाई चल रही है।
उत्तराखंड में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की छापेमारी से हड़कंप मच गया है। वहीं यह भी सूचना आ रही है कि कई अन्य राज्यों में भी एनआइए की छापेमारी की कार्रवाई चल रही है।उत्तराखंड के रुड़की के नगला इमरती में एनआइए की टीम आई हुई है। यहां से कुछ दिन पहले आतंकी मुदस्सीर को गिरफ्तार किया गया था। उत्तर प्रदेश की एटीएस टीम ने यह गिरफ्तारी की थी। अब आंतकी फंडिंग को लेकर छापेमारी की जा रही है। बताया जा रहा है कि दोनों आतंकी टेरर फंडिंग करते थे और आंतकवादी संगठनों को भेजते थे। कार्रवाई के दौरान एक युवक को गिरफ्तार करने की बात भी सामने आ रही है।बताया जा रहा है कि इसी कड़ी में दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, यूपी, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में गैंगेस्टरों को लेकर छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है।भारतीय राजनीति के पुरोधा स्वर्गीय एनडी तिवारी की जयंति व पुण्यतिथि पर कुछ यादें।
देहरादून। दशकों तक भारतीय राजनीति की धुरी बने रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एनडी तिवारी की जयंती और पुण्यतिथि दोनों है। तिवारी का राजनीतिक जीवन जितना सफल रहा, निजी जीवन उतना ही विवादों से भरा हुआ। उज्ज्वला शर्मा ने जब उन्हें अपने बेटे रोहित शेखर का बायोलॉजिकल पिता कहा तो शुरुआती दिनों में उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया। उसी दौरान रोहित शेखर ने एक बार कहा था, मैं उनका अवैध बेटा नहीं वह मेरे अवैध पिता हैं। चलिए जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी अहम बातें।एनडी तिवारी का जन्म 18 अक्टूबर, 1925 को नैनीताल के बलूती गांव में हुआ था और निधन 18 अक्टूबर 2018 को। पिता पूर्णानंद तिवारी वन विभाग में अफसर थे, जिन्होंने असहयोग आंदोलन के दौरान नौकरी छोड़ दी थी। तिवारी हलद्वानी, बरेली और नैनीताल के अलग-अलग स्कूल-कॉलेजों में पढ़े।तिवारी राजनीति में स्वतंत्रता आंदोलन के जरिए आए. ब्रिटिश-विरोधी चिट्ठियां लिखने की वजह से 14 दिसंबर 1942 को अरेस्ट हुए और नैनीताल की उसी जेल में भेजे गए, जहां उनके पिता पहले से बंद थे. 15 महीने बाद रिहा हुए, तो इलाहाबाद यूनिवर्सिटी पहुंचे, जहां से आगे की पढ़ाई जारी रखी. 1947 में स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष बने. 1945-49 के बीच ऑल इंडिया स्टूडेंट कांग्रेस के सेक्रेटरी रहे।एनडी तिवारी आजादी के बाद उत्तर प्रदेश में 1952 में पहली बार हुए चुनाव में प्रजा समाजवादी पार्टी के टिकट पर नैनीताल से चुनाव लड़ा और विधायक चुने गए। 1957 में फिर नैनीताल से चुनाव जीते और असेंबली में नेता प्रतिपक्ष बने। 1963 में कांग्रेस में शामिल हुए । फिर काशीपुर से विधायक बने और यूपी सरकार में मंत्री बने। 1968 में नेहरू युवा केंद्र की स्थापना की, जो एक वॉलंटरी ऑर्गनाइजेशन है। 1969 से 1971 के बीच इंडियन यूथ कांग्रेस के पहले अध्यक्ष रहे।एनडी तिवारी तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (1976-77, 1985-85, 1988-89) रहे और एक बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री (2002-2007) रहे। 1979 से 1980 के बीच चौधरी चरण सिंह की सरकार में वित्त और संसदीय कार्य मंत्री रहे। 1980 के बाद योजना आयोग के डिप्टी चेयरमैन रहे। 1985-88 में राज्यसभा सांसद रहे। 1985 में उद्योग मंत्री भी रहे। 1986 से 1987 के बीच तिवारी प्रधानमंत्री राजीव गांधी की कैबिनेट में विदेश-मंत्री रहे। 87 से 88 फाइनेंस और कॉमर्स मंत्री भी रहे।एनडी तिवारी 90 के दशक की शुरुआत में पीएम पद के दावेदार भी रहे, हालांकि तब अपना संसदीय चुनाव 11,429 वोटों से बलराज पासी से हार गए थे। तब जगह पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री बने। 1994 में कांग्रेस छोड़कर 95 में खुद की ऑल इंडिया इंदिरा कांग्रेस (तिवारी) बनाई अर्जुन सिंह के साथ, लेकिन बाद में फिर से सोनिया की कांग्रेस जॉइन कर ली। उम्र का हवाला देते हुए उत्तराखंड का सीएम बनने के दौरान उन्होंने इस्तीफे की पेशकश भी की थी, लेकिन पद बाद में कार्यकाल खत्म होने पर ही छोड़ा था।
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