देहरादून( पहाडोंकीगूँज )राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने शुक्रवार को राज्य के हरेला पर्व के अवसर पर राजभवन परिसर में रूद्राक्ष, नीम, आंवला, बेलपत्री, अशोक तथा जामुन के पौधों का रोपण किया। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने उद्यान विभाग को इस वर्षाकाल में अधिक से अधिक फलदार पौधों का रोपण करने के भी निर्देश दिए। इस अवसर पर राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने राजभवन उद्यान में कार्यरत कर्मियों विशेषकर महिला कर्मियों का उत्साहवर्धन किया। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड मातृशक्ति का राज्य है अतः यहां पर्यावरण संरक्षण में महिलाओं की विशेष भूमिका है।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि पर्यावरण उत्सव लोकपर्व हरेला पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है। वर्तमान में पर्यावरण संरक्षण एवं जल संरक्षण ज्वलंत मुद्दे हैं। विश्व के सभी देशों पर ग्रीन कवर बढ़ाने का दबाव है। वैश्विक तापन एवं प्रदूषण वैश्विक समस्याएं हैं। ऐसे में हरेला जैसे पर्यावरण हितैषी लोकपर्व अत्यन्त प्रासंगिक एवं महत्वपूर्ण हो गये हैं।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि लोगों विशेषकर युवा पीढ़ी को हरेला पर्व में बढ़-चढ़ कर भागीदारी करनी चाहिये। बच्चों को विद्यालयी जीवन से ही प्रकृति प्रेम, वृक्षारोपण व जल संरक्षण की शिक्षा दी जानी चाहिये ताकि उनकी पर्यावरण संरक्षण के प्रति अभिरूचि विकसित हो। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने बच्चों से अपील की कि वे अपने जन्मदिवस के साथ ही अपने माता-पिता एवं भाई-बहनों के जन्मदिवस पर एक-एक पौधा अवश्य लगाये। राज्यपाल ने जनसामान्य से अपील की कि वे एक-दूसरे को उपहार स्वरूप पौधें भेंट करें।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि राज्य की लोक परम्पराएं एवं संस्कृति प्रकृति प्रेम एवं पर्यावरण से सामंजस्य एवं सौहार्द का संदेश देती हैं। हमें गर्व के साथ इन परम्पराओं को आगे बढ़ाना चाहिये तथा नई पीढ़ी को भी इनसे जोड़ना होगा। पर्यावरण उत्सव हरेला पर्व का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार भी किया जाना चाहिये। पर्यावरण बचाने के अभियान को जन अभियान बनाना होगा। समाज के सभी वर्गों एवं समुदायों को प्रकृति संरक्षण हेतु समन्वित प्रयास करने होंगे। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि लोगों को पर्यावरण संरक्षण सम्बन्धित कार्यों को अपनी आदतें बनाना होगा।
इस अवसर पर भगवान कार्की एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।