देहरादून,पहाडोंकीगूँज के लिए विशेष। शिक्षक दिवस पर प्रदेश के 30 शिक्षकों को गवर्नर्स टीचर्स अवार्ड देकर सम्मानित किया गया। राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने माध्यमिक के 13, बेसिक के 12 और संस्कृत शिक्षा के पांच शिक्षकों को पुरस्कृत किया। उन्होंने कहा कि व्यवसायिक शिक्षा को विद्यालयी शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। प्रतिभाएं आगे आएंगी और पलायन रुकेगा। शिक्षकों को पुरस्कृत करते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि शिक्षा में नवाचार और अभिनव प्रयोग हुए हैं। ऐसे में समाज की अपेक्षाएं भी तेजी से बढ़ी हैं। शिक्षा गुणवत्ता में सुधार की आवश्यकता बताते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षकों के प्रशिक्षण को और सुदृढ़ करना होगा। इसके अलावा व्यवहारिक ज्ञान के साथ ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी विकसित किए जाने की जरूरत है। राज्यपाल ने स्वच्छता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता को प्रत्येक व्यक्ति को व्यवहार में लाना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक शिक्षक और अभिभावक का दायित्व बनता है कि बच्चों की स्थिति को पहचाने और उनकी प्रतिभाग को निखारने के लिए आगे आएं।
विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि शिक्षकों को पुरस्कृत करने की राज्यपाल ने बहुत अच्छी पहल की है। इससे शिक्षकों को प्रोत्साहन मिलेगा और शिक्षा में सुधार आएगा। शिक्षा के क्षेत्र में कई लोग लाखों रुपया लगाना चाहते हैं। समाज में सहभागिता होगी तो इसके जल्दी परिणाम आएंगे। हम हर दिशा और क्षेत्र में चाहते हैं किस तरह से योजनाओं में समाज को शामिल करें। योजनाओं में स्थानीय लोगों को सहभागी बनाया जाएगा तो स्थिति सुधरेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने देश को जानो योजना शुरू की है। जिसके तहत बच्चों को एक सप्ताह का भ्रमण कराया जाएगा, जिसमें एक यात्रा बच्चों को हवाई यात्रा कराई जाएगी। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक मोहन बिष्ट ने किया। समारोह में शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव आरके सुधांशु, निदेशक शिक्षा आरके कुंवर, निदेशक एससीईआरटी सीमा जौनसारी आदि मौजूद रहे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पढ़ाई में पैसा आड़े नहीं आएगा। सरकार जल्द आवासीय विद्यालय खोलने जा रही है। इसका प्रारूप तैयार कर लिया गया है। इसके लिए छह करोड़ रुपये भी स्वीकृत किए जा चुके हैं। सीएम ने कहा कि प्रवेश परीक्षा से इस विद्यालय में बच्चों को दाखिला मिलेगा। यदि बच्चा होशियार है, लेकिन उसके माता, पिता के पास पैसा नहीं है वे बच्चा इस स्कूल में पढ़ सकेगा, स्कूल के लिए जो बच्चा क्वालीफाई करेगा उसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। इस स्कूल में बच्चों को अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। नये शिक्षा सत्र से शुरू होने वाले इस विद्यालय की 15 फीसदी सीटें अखिल भारतीय स्तर से भरी जाएंगी। स्कूल में खास बात यह होगी कि 40 से अधिक बच्चे एक क्लास में नहीं होंगे। बच्चे के लिए सारी जरूरी सुविधाएं होंगी। माता पिता की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है तो ऐसे बच्चों से बहुत कम फीस ली जाएगी। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि शिक्षा विभाग में कार्यों में पारदर्शिता आई है। सरकार ने शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के जो लीकेज थे उसे बंद करने की कोशिश की है। प्रदेश के कई स्कूलों में अब भी शिक्षक नहीं हैं। प्रयास किया जा रहा है कि शिक्षकों की कमी को जल्द दूर किया जा सके। गेस्ट टीचरों की नियुक्ति से संबंधित मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। सरकार कोर्ट में पैरवी कर रही है। उम्मीद है कि इस मसले पर जल्द कोई गाइड लाइन जारी होगी। जिसके आधार पर सरकार काम करेगी।
सम्मानित किए गए शिक्षकों में श्री रघुनाथ कीर्ति आदर्श संस्कृत महाविद्यालय देवप्रयाग पौड़ी के डा. शैलेंद्र नारायण कोटियाल, श्रीदेव संस्कृत महाविद्यालय ऋषिकेश के कृष्ण प्रसाद उनियाल, श्री सनातन धर्म संस्कृत महाविद्यालय हल्द्वानी के डा. नवीन चंद बेलवाल, राजकीय संस्कृत विद्यालय सौडू टिहरी गढ़वाल के पंकज कुमार, श्री गरीबदासीय साधु संस्कृत महाविद्यालय जगजीतपुर कनखल हरिद्वार के डा.गोपाल राम, अल्मोड़ा से गीता रानी, बागेश्वर से पूरन सिंह, चमोली से नरेंद्र कुमार बहुगुणा, चंपावत से दयाकृष्ण जोशी, देहरादून से संजय कुमार, हरिद्वार से पुष्पांजलि अग्रवाल, नौनीताल से डा.भवतोष भट्ट, पौड़ी गढ़वाल से सरिता उनियाल, पिथौरागढ़ से भाष्करानंद जोशी, रुद्रप्रयाग से विजय वैरवाण, टिहरी गढ़वाल से डा-अशोक बडोनी, उत्तरकाशी से दिवाकर प्रसाद पैन्यूली, ऊधमसिंह नगर प्रकाश चंद पाठक को पुरस्कृत किया गया। अल्मोड़ा से पंकज कुमार, बागेश्वर से निर्मला आर्या, चमोली से सुमित्रा फरस्वाण, चंपावत से शंकर सिंह अधिकारी, देहरादून से अर्चना नौटियाल, नैनीताल से गणेश दत्त, पौड़ी गढ़वाल से गबर सिंह, पिथौरागढ़ से अजरा जुनैद, रुद्रप्रयाग से अंजू लिंगवाल, टिहरी गढ़वाल से गीता कठैत, उत्तरकाशी से चंद्रभूषण बिजल्वाण एवं ऊधमसिंहनगर से सहायक अध्यापिका नमिता पंत को पुरस्कृत किया गया।