देहरादून। वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण से मौत होने पर राज्य सरकार ने मृतक के परिजनों को मुआवजा देने का निर्णय लिया है। सरकार मृतक के परिवार को आर्थिक सहयोग के तौर पर आपदा मोचन निधि से 50 हजार की धनराशि देगी। इसके लिए शासन स्तर पर सभी औपारिकताएं पूरी कर ली गई है तथा सभी जिलाधिकारियों को मुआवजा राशि बांटने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
चिकित्सा स्वास्थ्य तथा आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में कहा कि राज्य सरकार वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण से जान गंवाने वाले व्यक्ति के परिवार को 50 हजार का मुआवजा देगी। बशर्ते कि मृतक उत्तराखंड का राज्य का मूल निवासी हो या फिर राज्य में किसी भी कार्य से निवासरत हो। ताकि पीड़ित परिवार विपरीत परिस्थितियों में अपना भरण-पोषण कर सके। डॉ रावत ने बताया कि भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत राज्य आपदा मोचन निधि के मापदण्डों के तहत मृतक के विधिक वारिस को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जायेगी। इसके लिए शासन स्तर पर सभी औपचारिकताएं पूरी कर समस्त जिलाधिकारियों को मुआवजा राशि बांटने के निर्देश जारी कर दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि देश में कोविड-19 संक्रमण का पहला केस पाये जाने की तिथि से लेकर भविष्य में भी कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाले मृतकों के परिजनों को सरकार मुआवजा देगी। इसके लिए मृतक के परिजनों को तहसील स्तर पर तहसीलदार या फिर जिला स्तर पर जिलाधिकारी कार्यालय में निर्धारित प्रारूप पर आवेदन करना होगा। मुआवजा हेतु प्रारूप तहसील एवं जिला मुख्यालयों में उपलब्ध रहेगा। मुआवजा राशि पाने के लिए मृतक के परिजनों को स्वास्थ्य विभाग के सक्षम अधिकारी द्वारा निर्गत मृत्यु प्रमाण पत्र देना होगा। आवेदन करने के उपरांत राज्य मोचन निधि से 30 दिन के भीतर डीबीटी के माध्यम से आधार लिंक बैंक खाते में मुआवजे का भुगतान किया जायेगा। डॉ. रावत ने कोरोना से जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति संवेदना जताते हुए कहा कि राज्य सरकार उनके साथ हर कदम पर खड़ी है।