मुख्यमंत्री ने किया डोबरा-चांठी पुल का लोकार्पण।
• *देश का सबसे लम्बा भारी वाहन झूला पुल है डोबरा-चांठी।*
• *टिहरी झील में बने 725 मी. लम्बे बहुप्रतीक्षित इस झूला पुल की लागत है 2.96 करोड़।*
टिहरी, देहरादून, टिहरी बांध से प्रभावित प्रतापनगर गाजणा छेत्र के संयोजक होने के नाते आज हमारे लिए बहुत खुशी का मौका है हमारी 30 साल से ज्यादा समय से सोचते रहते हुए आज मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और सांसद श्रीमती मालाराज्य लक्ष्मी साह ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर टिहरी में बहुप्रतीक्षित डोबरा-चांठी पुल का लोकार्पण कर टिहरी ,गाजणा छेत्र वासियों को बड़ी सौगात दी है। पुल का लोकार्पण करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि 2 करोड़ 95 लाख 92 हजार लागत के 725 मी लम्बे इस भारी वाहन झूला पुल की क्षेत्रवासी पिछले 14 वर्षों से इंतजार में थे। पुल पर आवाजाही शुरू होने से अब आवागमन सुविधाजनक होने के साथ ही समय की बचत होगी।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कुल 4 अरब 73 करोड़ 8 लाख 56 हज़ार की विभिन्न 60 योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण भी किया। जिसमें 3 अरब 7 करोड़ 83 लाख लागत की 30 योजनाओं का लोकार्पण तथा 1 अरब 2 करोड़ 25 लाख की 30 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।
लोकार्पण की गई योजनाओं में 9 योजनायें लोनिवि, 7 पीएमजीएसवाई, 10 शिक्षा विभाग, 2 पर्यटन एवं 1-1आयुर्वेदिक व क्रीड़ा विभाग से संबंधित है ।जबकि शिलान्यास योजनाओं में 7 लोनिवि, 20 पीएमजीएसवाई, 1 पर्यटन, 1 शिक्षा व 1 उद्यान विभाग से संबंधित है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने राजकीय इंटर कालेज माजफ के प्रान्तीकरण की भी घोषणा की।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित क्षेत्र की जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रताप नगर की जनता ने देश हित में बहुत बड़ा योगदान दिया है जिससे पूर्वी उत्तर प्रदेश तक सिंचाई की उपलब्धता एवं निर्बाध विद्युत आपूर्ति संभव हो सकी है। उन्होंने प्रताप नगर की जनता से पुल निर्माण में देरी के लिए खेद व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार ने इस पुल के निर्माण में तेजी लाये जाने के लिये एकमुश्त 88 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की जिसके कारण पुल का निर्माण समय से पूरा हो पाया है।
उन्होंने कहा कि आज प्रताप नगर की जनता के लिए विकास का दरवाजा खुल चुका है ।वहीं यह पुल क्षेत्रीय जनता एवं आने वाली भावी पीढ़ियों के लिए खुशहाली एवं समृद्धि का स्रोत बनेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 42 किलोमीटर लंबी टिहरी झील पूरी दुनिया को आकर्षित करने की क्षमता रखती है । टिहरी झील साहसिक पर्यटन का भी केन्द्र बनेगी तथा इसके आस पास अनेक पर्यटन गतिविधियों की शुरूआत होगी ।
इससे पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा मिलने के साथ ही आर्थिक समृद्धि की राह भी प्रशस्त होगी।
डोबरा-चांठी पुल के बनने से यह क्षेत्र पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र होगा।
जिससे क्षेत्र में जनता की आर्थिकी में भी सुधार होगा वहीं आवागमन में समय और धन की भी बचत होगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सुशासन व भ्रष्टाचार मुक्त विकास एवं प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त किया जाना सरकार की प्राथमिकता बताया।
कार्यक्रम में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, विधायक विजय सिंह पंवार, धन सिंह नेगी, शक्ति लाल शाह, राज्यमंत्री अब्बल सिंह बिष्ट, रोशन लाल सेमवाल, महावीर रांगड़, जिलाधिकारी इवा आशीष, पुलिस अधीक्षक डॉ योगेंद्र सिंह रावत, भाजपा के जिलाध्यक्ष विनोद रतूड़ी,भिन्न ब्लाकों के ब्लाक प्रमुखों ,लिखवार गाँव के प्रधान चंद्रशेखर पैन्यूली सहित बड़ी संख्या में विकास खण्ड के साथ ही अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में क्षेत्रीय जनता उपस्थित रहे।
प्रतापनगर के विकास में पैन्यूली जी संदेश और पहाड़ों की गूजं
के संपादक की मुलकात लोनिवि प्रांतीय खण्ड के यस डी ओ सूरज पाल सिंह से वर्ष 1974 में हुई उन्होंने तब टिहरी बांध बनाने की बात की 23 सितंबर 1977 को टिहरी में मुख्यमंत्री रामनरेश यादव आये सांसद त्रेपन सिंह नेगी ,विधायक गोविंद सिंह नेगी ,महाराजा मानवेन्द्र साह ,पूर्व नेगी, बंशीलाल पुंडीर सचिदानंद ,डोभाल जी सुरेश चंद्र जैन ,सिद्दकी ,बीरेंद्र दत्त सकलानी, डॉ गैरोला डॉ बडोनी टिहरी बसाने की बात हुई ,टिहरी शहर मदन नेगी,पोखल के बजाय नई टिहरी बना। पेट में मेंरे प्रतापनगर के विकास की बेल उमड़ती गुमडती रही वर्ष जुलाई 1992 वहां 1993 मेंटिहरी जलविकास निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक यस. पी. सिंह एवं उप महा प्रबधक जीपी जोशी अन्य अधिकारियों से मुलाकात होती रहती थी वहटिहरी गढ़वाल के सांसद महाराजा स्व श्री मानवेन्द्र साह मुझे सच व्यबहारिक राय बोलने के नाते बहुत पसंद करते थे । उनसे बे हिजक बात होते हुए पुल के लिए कहते डांट भी देते। जीपी जोशी ही पहले THDC के अधिकारी थे जिन्होंने पीपल ,डॉली स्यासू ,झूला पुल का प्रस्ताव रखा मेरा डोबरा चांठी से बनाने के सुझाव को पहले इसलिए खारिज किया था कि वहाँ से मिट्टी बांध बनाने के लिए अनिवार्य से आनी थी।वह बात दबा दी गई थी।उस समय छात्र नेता विजय सिंह पंवार, बिक्रम सिंह नेगी आदि थे। खेम सिंह चौहान जनता की समस्या से मख नहीं उठाने के लिए संघर्ष रत थे। मन में कसक थी । dt 4,5,6 दिसम्बर2003 मे कोटलगावँ विकास मेला का आयोजन रखा मेले में मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी, राज्यपाल सुरजीत सिंह बरनाला जी से यहां के समस्याओं को अबगत
करा कर आने के लिए बिनती की परन्तु प्रस्थिति ऐसी बनी कि नहीं आपाये महाराज स्व श्री मानवेन्द्र साह से आने की बिनती की उन्होंने कहा कि समस्या बताईये उनसे केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए आग्रह किया वह उन्होंने पूर्ण किया ।फिर आंदोलन सरकार को हिलाने के लिए कांग्रेस भवन में अक्टूबर में हुये दिनांक 26 ,27अक्टूबर2005 को टनल T-1,T-2 बन्द की गई है उसमें होने वाली परेशानियों को पैन्यूली जी संदेश मासिक पत्रिका में प्रकाशित कर उसके 59 दिन बाद 26 जनबरी 2006 से आंदोलन लम्बगांव में रोशनलाल सेमवाल ,देवी सिंह पँवार,चंद्रभानु बगियाल,भान सिंह नेगी
सोन पाल पँवार,बलवीर असवाल,गैणा सिंह बगियाल ,भान सिंह नेगी, विजय राणा ने प्रारंभ कर दिया2003 मेले केसमय सभी लोग समझते तो आज इतने वर्ष का कष्ट झेलना न पड़ता ।फिर टेंडर में बाहर विदेशी ठेकेदार समलित करने के लिए 95000 रुपये प्रकाशित करने के लिए खर्चा मुख्य सचिव ने बताया हमने कहा विदेशी कम्पनी बनाएगी क्योंकि डीन,प्रोफेसर गोपी कृष्ण अग्रवाल हेड IIT रूड़की ने कुछ भी नही कहा। इसके लिए कहना नहीं मानने पर आज विदेशी कंपनियों में जाना ही पड़ा उन्होंने ही पुल बना कर दिया है। यहां ग्रहण लगा हुआ है।असल प्रतापनगर में विकास की राय बनाना हमारे जैसे भविष्य के लिए होने वाली परेशानी को जानने वालों के लिए बहुत कठिन कार्य है। इसमें इन पद्रह सालो में कई प्रकार के प्रधान , छेत्र पंचायत सदस्य प्रमुख बने पर पुल बनाने के लिए ज्यादा कुछ नहीं कर पाए।आज हमें अन्य मांगों के लिए संघर्ष करना होगा ।इस छेत्र की लड़ाई में विधायक, मंत्री किशोर उपाध्याय,शान्ति प्रसाद, जोत सिंह बिष्ट, महीपाल सिंह पत्रकार हर्ष ,डोभाल पत्रकार दर्शनी रावतआदि लोग सुप्रीम कोर्ट के कोलोजियम जज साहब साधुवाद के पात्र है।जिन्होंने THDC मस्त हाथी को जगाने का काम किया है। सभी लोगों के साथ साथ भी उन्हें भी बांध प्रभावित प्रतापनगर गाजणा छेत्र संघर्ष समिति के संयोजक होने के नाते बधाई देता