प्रतापनगर के साथ साथ प्रदेश के प्रधान लोगों से अपील करते हैं कि अब इस कोविंद 19 की महामारी से होने वाले दुष्प्रभाव को रोकने के लिए हमें आधुनिक तकनीक के सहारे जीवन यापन करने के लिए मसाले युक्त खेती से जैविक मसाले उत्पन कर उससे निर्मित भोजन को अपनी दिन चरिया में सम्मिलित करने की आवश्यकता है।
हमारी प्रधान के रूप में पहचान भले ही बड़े लोगों ,नेताओं से न हो पाई है पर हमारी गाँव पंचायत में हमारी पहचान इस संकट में बढ़ी है।
और प्रत्येक प्रधान को सेवा करने से आत्मश्न्तोष हुआ है। आप लोगों को ब्लाक स्तर पर कार्य करने की शैली का अनुभव होगया होगा।अब आप को बड़ा सम्मान विना समय गवाएं हुए फसलों की नई तकनीकों का प्रयोग कर लोगों की आमदनी बढ़ाने के लिए अपनी ऊर्जा लगानी चाहिए।
एक अनार सौ बीमार के चलते इनके पीछे इधर उधर भटकने से कुछ मिलता है कि नही । मसाले सब्जी की खेती से आत्म निर्भर बनवाने के लिए आपके प्रयास से आपको जरूर आत्म शन्तोष से सम्मान होगा। मेहनत करने वाले लोगों की कभी हार नहीं होती।इलाके के अनपढ़ लोगों ने पावा के सेब पैदा करने से एशिया महाद्वीप में भारत की धूम मचाई औऱ प्रतापनगर की पहचान बनाने में सफलता प्राप्त की।जिसके चलते प्रतापनगर में पटवारी ट्रेनिंग सेंटर उत्तरप्रदेश के जमाने में चलता रहा।
आपको याद दिलाने में सोचना पड़ रहा है कि उत्तराखंड राज्य का नेता औऱ सरकारी नौकरी में कार्यरत कर्मचारियों ने सबसे पहले गांव रहने की सुभिदा बढ़ाना के लिए काम करने से ज्यादा पलायन करने की चिंता किया करते है ।
जबकि हिमाचल प्रदेश में सरकार के बड़े अधिकारियों को शनिवार इतवार को अपने गांव में जन जन को मिलने की चिंता उनको सुभिदा दिलाने की रहती है। उत्तराखंड की हालत21 वर्षों में यह करदी है कि जैसे कृष्ण भगवान ने गोपियों के कपड़ो को उतार कर गोपियों की करदी थी ।कर्मचारियों के वेतन देने के लाले पड़े हुए हैं। यदि आप से प्रतापनगर में प्रतिपरिवार 5 kg अदरक लगाने की बात करें तो 13500 परिवार के लिए 750 qntl की आवश्यकता होगी।इससे उत्पादन आठ गुना होने से प्रत्येक परिवार की महामारी में राहत के लिए साधन बनाया जासकता है।
कर्जे से कर्मचारियों को ढोया जा रहा है। कर्जा मुक्त उत्तराखंड बनाने और विकास की मुहिम में प्रदेश को बढ़ाने के लिए सम्पादक जीतमणि पैन्यूली को भगवान सेमनागराजा ने मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए आश्चर्य पूर्वक रूप से दर्शन देकर वांसुरी बजा कर सन्देश वीडीयो में दिया है ।जब चिंता में भी है तो तब सुनकर मन प्रफुल्लित होता है।ओर सकरात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है।
इसको 1घण्टे तक सुनकर अपनी सोच को बदलें।प्रचार प्रसार करने से हमारे देश विदेश के लोग भगवान के दर्शन करने के लिए आएंगे हमारे रोजगार गारंटी योजना होमस्टे अन्य रोजगार के अबसर पैदा करने के लिए दिया है।इसको पूर्ण करने की जिम्मेदारी आप जनता जनार्दन को सेमनागराजा ने दी है।
https://youtu.be/FBqEt3hgucc
ध्यानसे 30-30 मिनट मन लगा कर सुनियेगा औऱ11 लोगों को अवश्य शेयर कीजिएगा।
11 का बड़ा महत्व खुसहाली के लिए है। 11 गते मंन्गशीर्ष महिने में भगवान श्रीकृष्ण के वहाँ से जनता से विदा लेकर गुप्त सेम में गुप्तवास लिया है।
इस कोरोना काल मे आय के साधन घट गये हैं आवश्यकता बढ़ गई है ।आप जीवन यापन करने के लिए दाल ,सब्जी में मसाले के बदले एक टुकड़ा अदरक पीस कर डालते हैं तो सुपाच्य भोजन बनता है। पजीने के साथ अदरक पीस लिया तो एक रोटी अवश्य ज्यादा खाने की इच्छा करती है, अदरक का नमक मट्ठा की लशी में डाले तो एक लीटर आप पीने पर भी स्वस्थ रहेंगे।
कड़ी ,कैडी ,पालक राई की सब्जियों में स्वाद बढ़ जाता है।इस बिमारी में अदरक की चाय राम बाण साबित हुई है।
इस लिए आप लोगों को सर्ब प्रथम अपने घर से बचाव के लिए विकास की पहल करनी चाहिए।
प्रति परिवार 5 k g अदरक लगाता है तो उसको 25 से 40 kg तक उत्पादन मिल सकता है।
आपको बिदित कराना चाहते हुए संज्ञान लिवाना चाहता हूँ कि मैं प्रधानग्राम पंचायत लिखवार गाँव का रहते हुए जिले की बैठक में हमारे पूज्य बड़े भाई प्रमुख स्व फूल सिंह बिष्ट हमारी संवेदनशीलता को देखते हुए प्रत्येक बैठकों में साथ रहने के लिए कहते थे ।
और हम साथ साथ बैठक में मिलते रहतेथे। जिला 20 सूत्रीय बैठक में वर्ष 1988 से हम सुनते रहे कि रनीचौरी को जिलायोजना से इतने लाख रुपये रिसर्च के लिए दिया गया है।हमने सभी सदस्यों से कहा कि इनको जो रिसर्च कर बीज उत्पन्न किये हैं उन्हें किसानों को देदेना चाहिए।
असली वैज्ञानिक किसान है।हमारी बात को किसी सदस्य ने सदन में नहीं कहा।तब मैं लखनऊ जाकर अपना मनोनयन 20 सूत्री कमेटी में कराया और 1990 में पन्त नगर विश्वविद्यालय रनीचौरी को डियेजाने वाले बजट के औचित्य पर प्रश्न कर उनके द्वारा उत्पादित बीजो को लैब टू लैंड प्रोग्राम चलाने के लिए बाध्य किया।
जिलाधिकारी राजीव गुप्ता ने संज्ञान लिया और इसका परीक्षण पन्त नगर विश्वविद्यालय के द्वारा हमने कोटाल गाँव भदूरा के विकास मेले में किसानों को प्रोत्साहित करते हुए कराया।
जिसके फल स्वरूप आज पट्टी भदूरा के दो युवाओं ने सब्जियों के थोक विक्रेता के रूप में कार्यरत हैं और सब्जियों, मसालों का उत्पादन हो रहा है ।अब काली हल्दी बहुत गुणकारी है इसका 1250 बीज लाने पर कार्यवाही होरही है ।
मार्च2022 को हमें जगह जगह परीक्षण करने के बाद लानी है।
https://youtu.be/0H6HQfMEOYg
आपको बताते चलें कि आबकी स्व सुंदर सिंह रावत प्रधान जी ने अपने खेतों से 16 बोरी जैविक धनिया का उत्पादन आलू की फसल के बाद पैदा किया है।
परन्तु खेद है कि तब से आज तक प्रधान संघ ने ऐसी पहल नहीं कि है। जबकि इस समय केंद्र सरकार से 75 करोड़ रुपये मसाला सम्बंधित फसलों को उगाने के लिए आये हैं।
ऐसे हमारे प्रतिनिधित्व करने वाले लोगों से जड़ी बूटियों के उत्पादन बढ़ाने के लिए धरातल पर ईंट ,सीमेंट पत्थरो का कार्य के अलावा दिखाई नहीं दिया है।
आज जमीन से जुड़े फसलों के उत्पादन से विकास के साथ साथ पलायन रोकने से रोजगार बढ़ेगा इस दिशा के लिए प्रधान संघठन को आगे आने की आवश्यकता है।
हमारी सरकार से बहुत कुछ करने के लिए हमें अपने कदम उठाने होंगें।
आज आप लोगों को जामवंत की भूमिका में आगे आने की आवश्यकता है।प्रत्येक परिवार में उसके हनुमान को जागकर उसे रोजगार करने के लिए हार नहीं माननी चाहिए।
मैंने कल अदरक लगाने के लिए पोस्ट डाली है परन्तु किसी प्रधान या उसके पति, लड़के प्रतिनिधि के दिमाग में यह बिचार क्यों नहीं आया है कि इस महामारी से बचाने के लिए हम अदरक का प्रयोग करते रहे।अब आगे और भयानक रूप से फैलने के लिए बाताबरण शुद्ध करने के लिए हमें इसके लिए गाँव में लगाने के लिए चर्चा करनी चाहिए ।
मसलों को बढ़ावा देने के लिए बैठकों का दौर शुरू करने की आवश्यकता है।
हमारे यहाँ कला जीरा,साधारण जीरा, सौंप,हल्दी, अदरक, आदा सूंठ बनाते थे।
लिखवार गाँव में रियायत के समय मठ सेरा के बगल में अल्दी टोक में सिंचाई के खेत हैं वहाँ हल्दी उत्पादन किया जाता था ।उसीकी दवा ,पीठंई,मांग का सिंदूर बनाते थे।अब आपको एक सूत्र याद करते हुए अपना उदेश्य बनाने के लिए ऊर्जा लगानी चाहिए कि हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत बनाने के लिए हमें स्थानीय स्तर पर फसलें उगानी चाहिए।
विधायक निधि से इनके पेट भरने के लिए आप इनके कार्यक्रमों में आना जाना कर सकते है गाँव को मजबूत बनाने के लिए जमीन पर उत्पादन बढ़ाने की आवश्यकता है।
आज खेती के साथ साथ सौर ऊर्जा उत्पादन की ओर सरकार प्रोजेक्ट लगाकर दे रही है ।जिससे25 तक आय के लिए साधन उपलब्ध होंगे।
अब आप लोग गांव में जिन लोगों से चर्चा कर रहे हैं उनका नाम व मोबाइल नंबर भेजने की कृपा करें। ताकि नव वर्ष2022 में आपकी खुसहाली को देखते हुए मंगल मय बाताबरण बनाने का काम किया जा सके। नव वर्ष की हार्दिक बधाई। जय बटुक भैरव जय सेमनागराजा
जीतमणि पैन्यूली