*फिर दिखा मुख्यमंत्री धामी का गैरसैण प्रेम*
*बिना प्रोटोकॉल – बिना सुरक्षा के गैरसैण पहुंचे धामी, करेंगे रात्रि प्रवास*
*गैरसैण का यह दौरा बिना किसी सरकारी कार्यक्रम या विधानसभा सत्र के, इस बात का प्रतीक है कि मुख्यमंत्री धामी प्रदेश के दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों को लेकर न केवल सजग हैं, बल्कि उन्हें प्राथमिकता भी दे रहे हैं*
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव प्रचार के विभिन्न कार्यक्रमों और जनसंवाद के बाद बिना किसी प्रोटोकॉल व सुरक्षा के अचानक गैरसैण पहुंच गए।
मुख्यमंत्री के इस अप्रत्याशित आगमन की खबर जैसे ही गैरसैंण के अधिकारियों को मिली, वे हैरान रह गए। यह इसलिए भी खास है क्योंकि राज्य गठन के बाद से अब तक किसी मुख्यमंत्री ने इस तरह बिना किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम या सूचना के गैरसैण का दौरा नहीं किया। लेकिन मुख्यमंत्री धामी का बार-बार गैरसैण आना उनके इस क्षेत्र के प्रति विशेष संवेदनशीलता और लगाव को दर्शाता है। यह उनके नेतृत्व की समर्पित सोच और जमीनी जुड़ाव को रेखांकित करता है।
ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अवि मुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज से प्रेस वार्ता
ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अवि मुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज से प्रेस वार्ता में वरिष्ठ पत्रकार जीतमणि पैन्यूली ने धारा 370 में राजा रणजीत सिह का गौमाता की रक्षा के लिए बनाए गए कानून को लागू करना चाहिए l इसके उत्तर में महाराज ने कहा कि इस कानून को लागू करना चाहिए राजा रणजीत सिंह ने अल्पसंख्यक हिन्दुओं के होते हुए जम्मू कश्मीर में गौहत्या पर प्रतिबन्ध रहा य़ह प्रश्न राष्ट्रीय महत्त्व का अच्छा प्रश्न है उन्होंने कहा कि आज के 370, 371 हटाने से गौमाता की रक्षा के लिए 370 ठीक थी आज हिन्दू धर्म के नाम पर सरकार बनाई गई है वोट मांगे जाने के बाद सता पर है और पूर्ण बहुमत से सरकार है तो गौमाता की हत्या रोकने का कानून बनाने चाहिए, उन्होंने कहा कि गौमाता की रक्षा जो प्रतिनिधि करने की बात करेगा उसे चुनाव में वोट दीजिए 100 करोड़ हिन्दू अपनी संस्कृति ,धर्म की रक्षा करने के लिए सता में होकर कानून नहीं बनाते हैं तो इनको सता में रहने का अधिकार खो दिया है इसका परिणाम इनको भुगतना पड़ेगा. अभी समय रहते केंद्र सरकार को देश राजा रणजीत सिंह के द्वारा बनाए गए कानून को शीघ्र लागू करने का निर्णय लेकर कानून बनाने काम कराना चाहिए स्वच्छ खबर लिखने के लिए पत्रकार जीतमणि पैन्यूली का हौसला बढ़ाने के लिए शुभाशीष दिया
डीएम का सख्त एक्शन, शहर में 47 वार्डो में कूड़ा उठान हेतु निविदा आमंत्रित
जल्द ही 26 वार्डों में कूड़ा उठान हेतु आमंत्रित कर दी जाएंगी निविदा आमंत्रित
चेतावनी एंव कई पेनल्टी के बाद भी नही कर पाए कूड़ा उठान व्यवस्था में सुधार।
कई दौर की समीक्षा, पर्याप्त समय दिए जाने के बाद डीएम ने उठाया सख्त कदम
डीएम की चेतावनी को हल्के में लेना पड़ा कम्पनियों को मंहगा।
भविष्य के लिए नजीर साबित होंगे, वर्तमान में लिए गए डीएम के सख्त फैसले,
चेतावनी कार्यवाही तक सीमित नहीं, कड़े निर्णय सख्त फैसलों के लिए जाने जाते हैं डीएम सविन बंसल।
देहरादून
शहर में कूड़ा उठान की लचर व्यवस्था पर प्रदर्शन में सुधार हेतु दी गई समयावधि में कुछ खास सुधार न किये जाने पर जिलाधिकारी/प्रशासक सविन बसंल के निर्देश पर नगर निगम देहरादून अन्तर्गत 47 वार्डो से डोर-टू-डोर कूड़ा उठान हेतु निविदाएं आमंत्रित कर दी गई हैं, शीघ्र ही 26 अन्य वार्डों से डोर-टू-डोर कूड़ा उठान हेतु निविदा आमंत्रित कर दी जाएगी। नगर निगम के 47 वार्डों से डोर-2-डोर कूड़ा उठान का कार्य वाटरग्रेस कम्पनी देख रही है तथा 26 वार्डो में कूड़ा उठान का कार्य इकोनवेस्ट मैनेजमेंट के पास है।
लम्बे से समय से डोर-टू-डोर कूड़ा उठान की शिकायतें प्राप्त हो रही थी, जिलाधिकारी सविन बंसल ने जिलाधिकारी देहरादून एवं प्रशासक का पदभार ग्रहण करने ही शहर की डोर-टू-डोर कूड़ा उठान एवं सफाई व्यवस्था पर सख्त रूख अपनाएं हुए है। इन कम्पनियों पर मानक के अनुसार कूड़ा उठान कार्य न करने पर भारी भरकम अर्थदण्ड की कार्यवाही भी की गई हैं, किन्तु इसके इतर कम्पनी द्वारा अपने प्रदर्शन में सुधार नही किया गया तथा आए दिन जनमानस की शिकायतें मिलती रही, जिस पर जिलाधिकारी ने सख्त कदम उठाते हुए इन कार्यों हेतु निविदा के माध्यम से नई कम्पनियों को आमंत्रित किया है।
वाटरग्रेस कम्पनी तथा इकोनवेस्ट मैनेजमेंट से वापस लिया जा रहा है डोर-टू-डोर कूड़ा कलैक्शन का कार्य। दोनो ही कम्पनियों की मिल रही हैं शिकायतें, इनके क्षेत्रों में पटरी पर ही आ रही थी कूड़ा उठान व्यवस्था, वाहन समय पर ना आना तथा नियमित कूड़ा उठान न करने की मिल रही थी नियमित शिकायतें कई बार पेनल्टी एवं चेतावनी के बाद भी नही सुधार पाए कूड़ा कलेक्शन का प्रदर्शन, कर्मचारियों की ड्रेस, आईडी कार्ड एवं वाहनों की फिटनेस पर भी नगर निगम से कई बार की गई अर्थदण्ड की कार्यवाही तथा चेतावनी के बाद भी नही हुआ सुधार।
जनता दर्शन/जनसुनवाई कार्यक्रम का आयोजन
देहरादून
जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार कलेक्ट्रेट में जनता दर्शन/जनसुनवाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जनता दर्शन/ जनसुनवाई मे आज 107 शिकायतें प्राप्त हुई। जिलाधिकारी ने अधिकांश शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण किया। जनता दर्शन में अधिकतर शिकायतें भूमि सम्बन्धी प्राप्त हुई, इसके अतिरिक्त जलसंस्थान, नगर निगम, आपसी विवाद, बैंक ऋण, वरिष्ठ नागरिकों आदि से सम्बन्धित शिकायत प्राप्त हुई।
जिलाधिकारी ने उपस्थित समस्त विभागों के अधिकारियों को निर्देेशित किया जनता दर्शन/जनसुनवाई में प्राप्त शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण करें, साथ जिन शिकायतों के निस्तारण पर संयुक्त रिपोर्ट मांगी गई है सम्बन्धित अधिकारी समयबद्ध रिपोर्ट प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह, अपर मुख्य नगर अधिकारी नगर निगम बीर सिंह बुदियाल, पुलिस अधीक्षक कुलजीत सिंह, उप जिलाधिकारी मुख्यालय शालिनेगी, जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार, जिला पूर्ति विभाग, पेयजल, जल संस्थान, लोनिवि, विद्युत, पीएमजीएसवाई सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
जिला प्रशासन की संयुक्त टीम एसडीएम सदर/प्रभारी अधिकारी स्वास्थ्य, सीएमओ, एसडीएम ऋषिकेश ने मौेके पर जाकर लिया आईसीयू का जायजा।
डीएम के निर्देश पर उपजिलाधिकारी हरिगिरि ने उप जिला चिकित्सालय ऋषिकेश का निरीक्षण किया।
एसडीएम सदर ने ऋषिकेश चिकित्सालय के आईसीयू का निरीक्षण कर परखी व्यवस्थाएं।
15 दिन की समयसीमा से पूर्व ही संचालित हो गया उप जिला चिकित्सालय ऋषिकेश का आईसीयू
संतुष्टि, हर्ष है कि जो संसाधन जनउपयोग के लिए किया गया था वह जनमानस के लिए समर्पित हो गया हैःडीएम
जिलाधिकारी ने चिकित्सकों एवं नर्स, नर्सिंग स्टॉप के प्रयासों के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया तथा तनमयता से जिम्मेदारी निर्वहन करने की अपेक्षा की।
देहरादून
, जिलाधिकारी सविन बसंल के निर्देशों के अनुपालन में उपजिलाधिकारी सदर/प्रभारी अधिकारी स्वास्थ्य हरि गिरि तथा जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने आज उप जिला चिकित्सालय ऋषिकेश का निरीक्षण कर व्यवस्थाएं देखी।
विगत माह 04 अक्टूबर में जिलाधिकारी ने उप जिला चिकित्सालय का निरीक्षण कर आईसीयू संचालित न होने तथा अव्यवस्थाओं पर अधिकारियों को फटकार लगाई थी तथा आईसीयू को संचालित करने के निर्देश दिए थे, जिस पर 16 नवम्बर से आईसीयू संचालित हो गया है। ज्ञातब्य है कि चिकित्सालय का आईसीयू मार्च 2023 से बंद पड़ा था, जिस पर जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान इस बेस चिकित्सालय में अव्यवस्थाओं पर नाराजगी जाहिर करते हुए चिकित्सकों का वेतन रोकने की भी कार्यवाही की गई थी। जिलाधिकारी ने 10 नवम्बर 2024 को आयोजित राजकीय उप जिला चिकित्सालय ऋषिकेश प्रबन्धन समिति की बैठक में कड़े निर्देश दिए कि चिकित्सालय में उपलब्ध सुविधाओं एवं सेवाओं का लाभ जनमानस दिलाने तथा बंद आईसीयू को 15 दिन के भीतर संचालन करने के निर्देश जिसके क्रम में 16 नवम्बर 2024 को आईसीयू प्रारम्भ हो गया था।
उप जिलाधिकारी ने कहा कि जिलाधिकारी के निर्देशों के क्रम आईसीयू की व्यवस्था देखने को निरीक्षण किया गया है, निरीक्षण में सब संतोषजनक पाया गया है, जिलाधिकारी का स्वास्थ्य सेवाओं एवं जनहित के विषयों पर विशेष फोकस है, तथा उप जिला चिकित्सालय ऋषिकेश की इसमें भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है जो न केवल ऋषिकेश बल्कि गढवाल से आने वाले मरीजों के लिए भी एक बेस अस्पताल है इसमें सुविधाएं संचालित रहना बेहद आवश्यक है, जिलाधिकारी द्वारा स्वंय भी इसकी मॉनिटिरिंग की जा रही है। चिकित्सालयों में व्यवस्थाओं को परखने के लिए निरंतर निरीक्षण एवं औचक निरीक्षण होते रहेंगे।
उपजिलाधिकारी हरिगिरि ने उप जिला चिकित्सालय को ऋषिकेश का निरीक्षण करते आईसीयू संचालन की व्यवस्थाएं देखी इस दौरान चिकित्सालय के 10 बैड के आईसीयू में 05 पैशेंट भर्ती थे चिकित्सकों एवं स्टॉफ ने अवगत कराया कि आईसीयू संचालन की तिथि से अब तक कुल 07 पैंशेट आईसीयू में आए थेे, जिनमें से 01 वार्ड में शिफ्ट हो गया है, एक चिकित्सालय से डिस्चार्ज हो गए हैं तथा 05 पैंशट अभी भी भर्ती हैं। इस दौरान उन्होंने आईसीयू में भर्ती मरीजों से उनका हालचाल पूछा, मरीज संतुष्ट दिखें। निरीक्षण के दौरान उन्होंने आईसीयू की भोजन मैन्यूवल भी पूछा जिसमें बताया गया कि डलिया, दाल चावल, फल आदि पोैष्टिक आहार दिया जाता है। इस दौरान उन्होंने चिकित्सकों एवं स्टॉफ से उनकी समस्याएं भी जानी तथा कहा कि चिकित्सालय में यदि किसी चीज की आवश्यकता या कुछ समस्या है तो बताएं उसको जिलाधिकारी के माध्यम से समाधान कराया जाएगा। उन्होंने चिकित्सकों एवं चिकित्सा स्टॉफ को तनमयता से कार्य करते हुए आईसीयू एवं चिकित्सालय में मौजूद सुविधाओं का लाभ जनमानस को दें।
जिलाधिकारी ने कहा कि संतुष्टि, हर्ष है कि जो संसाधन जनउपयोग के लिए किया गया था वह जनमानस के लिए समर्पित हो गया है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी ने चिकित्सकों एवं नर्स, नर्सिंग स्टॉप के प्रयासों के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया तथा तनमयता से जिम्मेदारी निर्वहन करने की अपेक्षा की।
निरीक्षण के दौरान उप जिलाधिकारी ऋषिकेश स्मृता परमार, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संजय जैन,प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक ऋषिकेश पी.के चंदोला आदि उपस्थित रहे।
*उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता सिंह से की शिष्टाचार भेंट*
*कुसुम कंडवाल एवं बबीता सिंह ने कहा मिलकर करेंगे मातृशक्ति के अधिकारों की रक्षा*
उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने देहरादून के एक होटल में उत्तरप्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता सिंह से शिष्टाचार भेंट की।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष एक निजी वैवाहिक कार्यक्रम में प्रतिभाग करने के लिए देहरादून पहुंची हुई थी। मुलाकात के दौरान दोनों राज्यों के महिला आयोग की अध्यक्षों ने मातृशक्ति के हित मे किये जा रहे कार्यों पर चर्चा वार्ता करते हुए महिला सशक्तिकरण के लिये एक दूसरे के साथ विचारों का आदान प्रदान किया।
इस अवसर पर कुसुम कण्डवाल द्वारा राज्यों में महिला नीति व स्पा सेन्टर की गाइडलाइन को तैयार किए जाने के विषय एवं महिला अधिकारों की रक्षा के लिए समन्वय बनाते हुए दोनों राज्यों को साथ मिलकर काम करने की बात कही गई।
वहीं उत्तर प्रदेश आयोग की अध्यक्ष बबीता सिंह ने कहा उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग उनके प्रदेश में देवभूमि की माइग्रेटेड या विवाहित महिलाओं के अधिकारों की रक्षा एवं उनको किसी भी प्रकार का न्याय दिलाने के लिए सदैव तत्पर रहेगा।
इस शिष्टाचार भेंट के दौरान आयोग अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने यूपी महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता सिंह को उत्तराखण्ड की लोक कला ऐपण का चित्र व बाबा श्री बदरीनाथ जी के मंदिर की प्रतिमा भेंट की गयी।
नगर निगम ने दिखाई प्लास्टिक कूड़ा प्रबंधन की राह*
*प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रिड्यूस, रियूज और रिसाइकल के सिद्धांत को आगे बढ़ाया सीएम धामी ने*
*प्लास्टिक कचरा एकत्रित करने के साथ ही इसे फिर से इस्तेमाल किया*
प्लास्टिक कूड़ा प्रबंधन, हमारे शहरी जीवन के सामने एक चुनौती बनकर उभर रहा है। ऐसे में ऋषिकेश नगर निगम ने प्लास्टिक कूड़े का प्रबंधन कर नगर निकायों के सामने उदाहरण पेश किया है। नगर निगम प्लास्टिक कूड़े को ना सिर्फ सफलता पूर्वक एकत्रित कर रहा है, बल्कि इसे रीसाइकिल के जरिए फिर कई तरह से इस्तेमाल भी कर रहा है।
तीर्थनगरी के साथ ही राफ्टिंग- कैम्पिंग का प्रमुख केंद्र होने के कारण ऋषिकेश में वर्षभर श्रद्धालुओं और पयर्टकों की भीड़ भाड़ लगी रहती है। इस कारण यहां प्लास्टिक कूड़ा का प्रबंधन चुनौतीपूर्ण काम है। नगर आयुक्त शैलेंद्र सिंह नेगी की पहल पर इसके लिए ऋषिकेश नगर निगम ने सबसे पहले आईएसबीटी, त्रिवेणी घाट और वीरभद्र में प्लास्टिक बैंक की स्थापना की, प्लास्टिक बैंक के बॉक्स बनाने के लिए पुरानी प्लास्टिक बोतलों को ही इस्तेमाल किया गया। जिसमें लोग खुद खाली बोतलें या अन्य प्लास्टिक कचरा डालते हैं, इन प्लास्टिक बैंक से अब तक करीब 400 किलो तक प्लास्टिक रीसाइकिल हो चुका है। इस प्रयोग की सफलता को देखते हुए नगर निगम अब नटराज, ट्रांजिट कैम्प, रेलवे स्टेशन में भी प्लास्टिक बैंक स्थापित करने जा रहा है।
*वेस्ट टू वंडर पार्क*
ऋषिकेश नगर निगम ने परिसर में प्लास्टिक वेस्ट से ‘वेस्ट टू वंडर’ पार्क भी तैयार किया है, जिसमें पुराने टायर, खराब हो चुकी स्ट्रीट लाइट, साइकिल- स्कूटर जैसे सामान से बच्चों के झूले ओर सजावटी सामान तैयार किए गए हैं। साथ ही नगर निगम रीसाइकिल प्लास्टिक से बैंच, ट्री कार्ड, प्लास्टिक बैंक बॉक्स भी तैयार कर रहा है।
*महिला समूहों को जोड़ा अभियान से*
ऋषिकेश नगर निगम में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन, के बावजूद पहले यूजर चार्ज, महज तीन लाख महीने तक ही जमा हो पाता था, लेकिन अब नगर निगम ने यूजर चार्ज वसूलने का काम, महिला स्वयं सहायता समूहों (त्रिवेणी सेना) को दे दिया है, जिसके बाद नगर निगम का कलेक्शन 13 लाख के पार चला गया है। इसमें से नगर निगम महिला समूहों को 25 प्रतिशत लाभांश देता है। इस तरह करीब 250 महिलाओं को प्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिला है।
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*सभी निकायों को प्लास्टिक कूड़ा निस्तारण की ठोस व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। इस दिशा निकायों के स्तर पर कई नवीन प्रयास किए जा रहे हैं, कुछ जगह क्यूआर कोड के जरिए भी प्लास्टिक की वापसी की जा रही है। सरकार इस दिशा में बेहतर काम करने वाले निकायों का पुरस्कृत भी कर रही है।