देहरादून: प्रदेश के उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धन सिंह रावत ने हल्द्वानी कालेज में प्रवेश प्रकरण को लेकर उच्च शिक्षा निदेशक समेत चार शिक्षकों को निलंबित करने के मामले में कांग्रेस को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस फर्जी दाखिला कराकर चुनाव लड़ाती है। सरकार के इस कदम से यह संदेश चला गया है कि उच्च विभाग में जो गलत काम करेगा उसे दंड जरूर मिलेगा। जहां तक उच्च शिक्षा निदेशक व अन्य का मामला है, उन्हें लगता है कि गलत हुआ है तो वे अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। उन्होंने कहा कि डिग्री कॉलेजों में फर्जी प्रवेश को लेकर खुली बहस होनी चाहिए।
शनिवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धन सिंह रावत ने कहा कि अब अच्छे काम का भी कांग्रेस विरोध कर रही है। हल्द्वानी डिग्री कॉलेज में सैकड़ों फर्जी एडमिशन हुए हैं। बीते वर्षों से यह परंपरा चल रही है। इस बार भी ऐसा ही हुआ था। मीमांसा आर्य का एडमिशन गलत तरीके से हुआ था। लिंगदोह कमेटी की जांच में भी गलत तरीके से एडमिशन की बात साबित हुई है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का आश्चर्य है कि आखिर इतनी बड़ी कांग्रेस पार्टी फर्जी लोगों को चुनाव क्यों लड़ाती है। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि शिक्षाविदों के साथ इस मामले में खुली बहस हो। क्या अच्छा है और क्या बुरा। कौन अच्छा काम कर रहा है और कौन दबाव डाल रहा है, यह सामने आना चाहिए।
रूसा के तहत हई खरीद जांच का जल्द आएगा निर्णय
उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धन सिंह रावत ने कहा है कि रूसा के लिए भारत सरकार आर्थिक सहायता देती है। कांग्रेस सरकार में रूसा के तहत कई सामग्री खरीदी गई। इसमें कंप्यूटर खरीद भी एक है। इसमें कुछ त्रुटियां हैं। उन्होंने कहा कि इसकी जांच कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि इस जांच का जल्द निर्णय आएगा।
प्रधानों की संपत्ति का भी लिया जाए ब्योरा
उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धन सिंह रावत ने कहा है कि मंत्रियों के साथ ही प्रधानों की संपत्ति का ब्योरा लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैसे सभी ने विधानसभा चुनावों के दौरान अपनी संपत्ति का ब्योरा दे रखा है। अभी उनके पास इस संबंध में कोई पत्र नहीं आया है। पत्र आते ही वह पांच घंटे में इसका जवाब दे देंगे।
आय बढ़ी तो शिक्षकों को देंगे 35 हजार मानदेय
उन्होंने कहा कि सेल्फ फाइनेंस बीएड कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसरों को 35 हजार रुपये मानदेय दे सकते हैं। अभी इसमें असमानता है। सरकार इसमें समानता चाहती है। कॉलेजों की आय ठीक होती है तो हम यह मानदेय बढ़ा सकते हैं।