देहरादून। कोरोना संक्रमण अब दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। आम लोगों से बढ़ते हुए अब कोरोना ने सरकार पर ही हमला बोल दिया है। मुख्यमंत्री के ओएसडी व अन्य कर्मचारियों के बाद अब सचिवालय में भी कोरोना का कहर दिखाई दिया है। कोरोना ने सचिवालय में काम की रफ्तार पर लगाम दिया है। इस समय सतर्कता बरतते हुए सचिवालय के आठ कार्यालयों को बंद किया गया है। कोरोना संक्रमण के दिनोंदिन बढ़ते मामलों के बीच अब सरकार और शासन पर भी महामारी का असर दिखाई देने लगा है। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज कोविड पॉजिटिव पाये गये थे उसके बाद सीएम सेल्फ आइसोलेट हो गये थे। उसके बाद मुख्यमंत्री के दो ओएसडी के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के चलते सीएम दो बाद सेल्फ आइसोलेट हो चुके हैं। उनके सेल्फ आइसोलेशन की अवधि आज शाम तक समाप्त हो जाएगी। वहीं सचिवालय में कोरोना संक्रमितों के मिलने के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। सचिवालय में आज भी दो अधिकारियों के संक्रमित मिलने की सूचना सोशल मीडिया में वायरल हो रही है।
इस तरह से सरकार और शासन तो कोरोना की चपेट में आ ही चुका है जिसके कारण प्रदेश के कामकाज भी प्रभावित होने लाजिमी है। जब अधिकारी ही संक्रमित हो रहे हैं तो उनके कार्यालय के कर्मचारी भी बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। यहां सवाल यह उठता है कि सरकार के इतने जागरूकता अभियानों के बावजूद सरकार और शासन में ही कोरोना का कहर बरपा है। तो क्या अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा कोविडकृ19 की गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है। अधिकारी तो वैसे भी जल्दी से किसी बाहरी व्यक्ति से मिलते ही नहीं है और इन दिनों तो वैसे भी किसी से मिलने से कतरा रहे हैं तो अधिकारी कैसे कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत शाम तक सेल्फ आइसोलेट हैं। अपने विशेष कार्याधिकारी के कोरोना संक्रमित आने के बाद सीएम सेल्फ आइसोलेट हो गये थे। अब शुक्रवार को होने वाले कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री शामिल होंगे। इससे पहले बुधवार को होने वाली कैबिनेट बैठक स्थगित कर दी गयी थी। इससे पहले आज सचिवालय को सेनिटाइज भी किया गया।