देहरादून। प्रदेश के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के लिए सल्ट विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव अग्नि परीक्षा साबित होने जा रहा है। कांग्रेस ने भाजपा को उपचुनाव में कड़ी टक्कर देने को कमर कस ली है। इसके लिए आम सहमति से प्रत्याशी चुनने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया गया है।
भाजपा ने विधानसभा चुनाव से करीब सालभर पहले सरकार और संगठन में नेतृत्व परिवर्तन कर कांग्रेस के लिए चुनौती पेश की है। प्रदेश सरकार की चार साल की एंटी इनकंबेंसी को निशाने पर ले रही कांग्रेस भाजपा के इस रणनीति से असहज हो गई है। अब पार्टी ने तय किया है कि भाजपा का हर मोड़ पर मजबूती से मुकाबला किया जाएगा। कांग्रेस ने तय किया कि अल्मोड़ा जिले के सल्ट विधानसभा सीट पर उपचुनाव को पूरी ताकत से लड़ा जाएगा। सल्ट की सीट भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के निधन से रिक्त हुई है। इस सीट पर उपचुनाव होना है। विपक्षी दल को सत्तारूढ़ दल से कड़ी टक्कर मिलने का अंदेशा है। इस वजह से मजबूत प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारने की योजना है। इसे ध्यान में रखकर ही पार्टी ने उपचुनाव के लिए विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष करन माहरा और प्रदेश उपाध्यक्ष आर्येंद्र शर्मा को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।
प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि सल्ट सीट पर उपचुनाव में आम सहमति से प्रत्याशी का चयन करने पर जोर दिया जा रहा है। इस संबंध में नवनियुक्त पर्यवेक्षकों को उक्त विधानसभा क्षेत्र के वरिष्ठ नेताओं एवं कार्यकर्त्ताओं से समन्वय स्थापित करने को कहा गया है। सर्वसम्मति से पार्टी प्रत्याशी का चयन करने के संबंध में गोपनीय आख्या अतिशीघ्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भेजने के निर्देश दिए हैं। इस उपचुनाव के माध्यम से कांग्रेस पर्वतीय जिलों में अपनी मजबूत होती पैठ को दर्शाने का पूरा प्रयास करेगी।