मसूरी। उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह आज मसूरी पहुंचे थे। उन्होंने पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने संख्या बल के आधार पर किसान और श्रमिक विरोधी बिल को पास कर कानून बना दिया गया। इससे देश के श्रमिकों और किसानों में भारी आक्रोश है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार द्वारा पारित तीनों विधायकों को काले कानून बताते हुए श्रमिक और किसान विरोध करार दिया है। वहीं, कांग्रेस शासित प्रदेशों में हाल ही में पास किये कानून को लागू नहीं करने को कहा.प्रीतम सिंह ने कहा कि पूरे देश में अराजकता का माहौल है। वहीं, जिन विषयों पर केंद्र सरकार देश में फैली बेरोजगारी अर्थव्यवस्था भारत और चीन सीमा पर लगातार बढ़ रहे तनाव को लेकर किसी प्रकार की बात नहीं हो रही है। किसानों की आय दुगनी करने का वादा कर केंद्र सरकार भूल गई है। किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं। उत्तराखंड में आपदा से हुए नुकसान के साथ केदारनाथ पर तीर्थ पुरोहित सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश की जनता बीजेपी की चाल चरित्र को पहचान चुकी है और आने वाले समय में जनता बीजेपी को जवाब देने का काम भी करेगी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने उत्तराखंड सरकार पर भी हमला बोलते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार कोरोना संक्रमण से निपटने को लेकर पूरी तरीके से विफल हो चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आव्यावहारिक फैसले ले रही है। जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन में विरोध साफ नजर आ रहा है। राज्य सरकार के एक मंत्री द्वारा अपने ही डायरेक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई जबकि, डायरेक्टर द्वारा अपने आपको आइसोलेट किया गया था। उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन में किसी प्रकार का कोई समन्वय नहीं है. जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। सत्ताधारी विधायक विधानसभा में कार्य स्थगन प्रस्ताव लाते हैं वह भी भ्रष्टाचार को लेकर, जिस भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री जीरो टॉलरेंस की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब सरकार न तो मंत्रियों की न अधिकारियों की बात नहीं सुन रही है तो आम आदमी की बात क्या सुनेगी। यह अपने आप पर बड़ा सवाल है उन्हें कहा कि सरकार को नैतिकता के आधार पर सत्ता पर बने रहने का अधिकार नहीं है।