देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने हिमालय पुत्र स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा जी को उनकी पुण्य तिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. बहुगुणा जी अपने नैतिक मूल्यों, सिद्धांतों एवं आदर्शों पर हमेशा अडिग रहे। उन्हें अपनी संस्कृति, बोली और भाषा से बेहद प्यार और लगाव था। वह सच्चे राजनेता, समाजसेवी और पहाड़ के हितों के लिए सोचने वाले व्यक्ति थे। उनके विचार हम सभी को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं और देते रहेंगे।
हिम पुत्र हेमवती नंदन बहुगुणा का जन्म 25 अप्रैल 1919 को हुआ था। बहुगुणा का जन्म पौड़ी जिले के बुधाणी गांव में हुआ था। उनकी पढ़ाई डीएवी कॉलेज में हुई। पढ़ाई के दौरान ही हेमवती नंदन बहुगुणा का संपर्क लाल बहादुर शास्त्री से हो गया था। इससे उनका राजनीति की ओर रुझान हो गया। 1936 से 1942 तक हेमवती नंदन बहुगुणा छात्र आंदोलनों में शामिल रहे थे। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में हेमवती नंदन की सक्रियता ने उन्हें लोकप्रियता दिला दी। अंग्रेजों ने उन्हें जिंदा या मुर्दा पकड़ने पर 5 हजार का इनाम रखा था। आखिरकार 1 फरवरी 1943 को दिल्ली की जामा मस्जिद के पास हेमवती नंदन बहुगुणा गिरफ्तार हो गए थे। 1945 में छूटे तो फिर से आजादी के आंदोलन में सक्रिय हो गए।